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Amarnath Yatra 2025: ऑनलाइन या ऑफलाइन... कैसे करें रजिस्ट्रेशन... कैसे पहुंचें और कहां ठहरें... कितना होगा खर्च... जानिए पूरी डिटेल्स

इस साल अब तक साढ़े तीन लाख लोगों ने अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. हालांकि, पिछले साल अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा पांच लाख से ज्यादा पहुंच गया था.

अमरनाथ यात्रा अमरनाथ यात्रा

इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को खत्म होगी. यह यात्रा 38 दिन चलेगी. बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए भक्तों का पहला जत्था जम्मू से आज रवाना हो चुका है. बाबा बर्फानी के धाम पहुंचने के लिए दो रूट लिए जा सकते हैं- एक पहलगाम बेस कैंप से और दूसरा बालटाल बेस कैंप से. 

आपको बता दें कि इस साल अब तक साढ़े तीन लाख लोगों ने अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. हालांकि, पिछले साल अमरनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा पांच लाख से ज्यादा पहुंच गया था. इस साल पहलगाम आतंकी हमले का असर देखा जा रहा है. लोग अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं. हालांकि, सरकार और प्रशासन का दावा है कि अमरनाथ यात्रा के लिए चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है और सभी भक्त कुशलता से दर्शन कर सकेंगे. 

बात अगर यात्रा के लिए रूट्स की करें तो दो रास्तों से अमरनाथ गुफा पहुंचा जा सकता है:

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पहला रूट- पहलगाम से अमरनाथ गुफा (48 किमी)

श्रीनगर से 92 किमी दूर पहलगाम बेस कैंप से शुरू होने वाला यह रास्ता लंबा है लेकिन इसमें चढ़ाई कम है. यह पारंपरिक रूट है और इससे यात्रा में तीन से पांच दिन लग जाते हैं. इस रास्ते को आसान माना जाता है. इस रास्ते पर आपको भीड़ मिलेगी क्योंकि लोग ज्यादातर इस रास्ते से जाना पसंद करते हैं. 

दूसरा रूट- बालटाल से अमरनाथ गुफा (14 किमी)

दूसरा रास्ता श्रीनगर से 95 किमी दूर बालटाल से शुरू होता है. लेकिन यह रूट सिर्फ 14 किमी का है. यात्रा में एक-दो दिन ही लगते हैं. लेकिन यह चढ़ाई वाला रास्ता है जो रिस्की भी माना जाता है. एडवेंचर पसंद लोग या ट्रेकिंग के शौकीन लोग इस रास्ते को पसंद कर सकते हैं. 

रजिस्ट्रेशन के बिना यात्रा नहीं

आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है. एक दिन में सिर्फ 15 हजार रजिस्ट्रेशन हो सकते हैं. 14 अप्रैल 2025 से अमरनाथ यात्रा के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं. 

जरूरी डॉक्यूमेंट्स:

  • आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड या  पासपोर्ट जैसे आईडी कार्ड 
  • पासपोर्ट साइज फोटो 
  • सबसे ज्यादा जरूरी हेल्थ सर्टिफिकेट 
  • डॉक्यूमेंट्स सबमिशन के बाद बायोमेट्रिक eKYC वेरिफिकेशन होगा
  • जम्मू-कश्मीर पहुंचने के बाद यात्रा के लिए बनाए गए सेंटर से RFID कार्ड मिलेगा
  • RFID कार्ड के बिना एक्सेस कंट्रोल गेट्स को पास नहीं किया जा सकता है.

कश्मीर के सेंटर: 

  1. बालटाल
  2. पंथ चौक
  3. श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट 
  4. नुनवान (पहलगाम)
  5. नीलग्रथ 
  6. पहलगाम के हेलीपैड 

जम्मू के सेंटर:  

  1. भगवती नगर 
  2. महाजन हॉल
  3. गीता भवन
  4. जम्मू रेलवे स्टेशन 
  5. वैष्णवी धाम या पंचायत भवन 

करा सकते हैं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 

अब बात करते हैं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की जो 30 जून से शुरू हो चुका है. देशभर में 533 से ज्यादा बैंक की शाखाओं से आप यह करा सकते हैं, जिनमें पंजाब नेशनल बैंक (309 ब्रांच), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (99 ब्रांच), जम्मू-कश्मीर बैंक (91 ब्रांच) और यस बैंक (34 ब्रांच) की अलग-अलग शाखाएं शामिल हैं. जम्मू पहुंचकर भी आप ऑफलाइन टोकन ले सकते हैं. 

तत्काल रजिस्ट्रेशन सेंटर: 

  • जम्मू रेलवे स्टेशन के पास
  • सरस्वती धाम 
  • वैष्णवी धाम 
  • पंचायत भवन 
  • भगवती सेंटर को खासतौर पर सिर्फ साधू-संतों के लिए बनाया गया है ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो. 

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराते समय भी आपको समान डॉक्यूमेंट्स चाहिए- कोई भी ID कार्ड, 4 पासपोर्ट साइज तस्वीर और मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. 

क्या है रजिस्ट्रेशन की फीस 

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन- 120 रुपये 
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन- 220 रुपये 

कैसे पहुंचे बेस कैंप 

अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो आपको जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पहुंचना है. यहां से टैक्सी या बस से पहलगाम या बालटाल बेस कैंप जा सकते हैं. जम्मू से पहलगाम की दूरी 250 किमी है तो आपको यहां पहुंचने में 7-8 घंटे लग सकते हैं. वहीं, जम्मू से बालटाल की दूरी 400 किमी है तो आपको पहुंचने में 10-12 घंटे का समय लग सकता है. 

अगर आप फ्लाइट से आ रहे हैं तो श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरें. यहां से टैक्सी या बस लेकर पहलगाम या बालटाल बेस कैंप पहुंचें. श्रीनगर से पहलगाम जाने में ढाई से तीन घंटे का समय लग सकता है. वहीं, श्रीनगर से बालटाल जाने में तीन से चार घंटे का समय लग जाएगा. 

दिल्ली या जम्मू-कश्मीर के आस-पास के इलाकों से लोग जम्मू तक बस से भी आ सकते हैं और फिर यहां से बेस कैंप के लिए बस या टैक्सी कर लें. दिल्ली से जम्मू बस यात्रा करके 12 से 14 घंटे में पहुंचा जा सकता है. 

कहां ठहर सकते हैं 

जम्मू पहुंचकर आप कोई होटल, गेस्ट हाउस और सरकारी बेस कैंप में रुक सकते हैं. जम्मू में भगवती नगर, वैष्णवी धाम और जम्मू रेलवे स्टेशन के पास बेस कैंप हैं. जबकि पहलगाम और बालटाल बेस कैंप में श्राइन बोर्ड के बनाए टेंट में रुकने की व्यवस्था होती है. 

खाने की मुफ्त व्यवस्था 

यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर के एंट्री गेट लखनपुर से लेकर अमरनाथ गुफा तक लगभग 139 लंगर लगाए जाएंगे. लंगरों में तीर्थयात्रियों को निशुल्क भोजन कराया जाएगा. 

  • बालटाल और डोमेल- 25 लंगर 
  • गुफा मंदिर-13 लंगर 
  • शेषनाग- 8 लंगर 
  • पिस्सू टॉप पंचतरणी- 12 लंगर 
  • चंदनवाड़ी- 7 लंगर 
  • नुनवान- 9 लंगर 
  • जोजी बल- 5 लंगर 

यात्रा पर कितना होगा खर्च 

दिल्ली से सफर शुरू करके बालटाल रूट से यात्रा कर रहे हैं तो कुल खर्च 15 से 20 हजार रुपये प्रति व्यक्ति हो सकता है. वहीं, पहलगाम रूट से जाने वाले लोग 20 से 25 हजार रुये प्रति व्यक्ति खर्च कर सकते हैं. इस खर्च में दिल्ली से पहलगाम या बालटाल पहुंचने, होटल में रुकने और खान-पीने का खर्च शामिल है. हालांकि, अगर आप यात्रा की तारीख से पहले जम्मू पहुंच रहे हैं तो आपको यहां होटल आदि में रुकने का खर्च अलग से करना होगा. 

गुफा तक ट्रैकिंग करने पर पालकी या पोनी अगर लेंगे तो आपको एक्सट्रा दो से पांच हजार रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. पहलगाम और बालटाल में श्राइन बोर्ड के टेंट्स में आप रुक सकते हैं जिनका किराया 500 रुपये से शुरू होता है. वहीं, लंगरों में खाना मुफ्त होगा.