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काशी में चलेगी देश की पहली हाइड्रोजन वाटर टैक्सी, 500 रुपये में उठा पाएंगे आधुनिक सुविधाओं का लुत्फ

यह वाटर टैक्सी अपनी तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल फीचर्स के कारण बेहद खास है. पूरी तरह हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक हाइब्रिड इंजन से चलने वाली यह नाव न धुआं छोड़ेगी, न आवाज करेगी. यानी गंगा पर यात्रा पूरी तरह से शांत, सुगम और पर्यावरण-मित्र होगी.

हाइड्रोजन वाटर टैक्सी.(Photo: Roushan Kumar/ITG) हाइड्रोजन वाटर टैक्सी.(Photo: Roushan Kumar/ITG)
हाइलाइट्स
  • 50 यात्री कर सकेंगे यात्रा

  • लगभग 10 करोड़ रुपये है लागत

वाराणसी के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है. देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली वाटर टैक्सी अब काशी की जनता के लिए शुरू की जा रही है. केंद्रीय जलमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने नमो घाट से इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. वे वाटर टैक्सी पर सवार होकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक भी गए.

इस वाटर टैक्सी शुरुआत नमो घाट से रविदास घाट तक होगी और धीरे-धीरे इसका संचालन 80 घाट से लेकर मार्कंडेय महादेव घाट तक बढ़ाया जाएगा.

गंगा पर चलेगी पर्यावरण-मुक्त टैक्सी
यह वाटर टैक्सी अपनी तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल फीचर्स के कारण बेहद खास है. पूरी तरह हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक हाइब्रिड इंजन से चलने वाली यह नाव न धुआं छोड़ेगी, न आवाज करेगी. यानी गंगा पर यात्रा पूरी तरह से शांत, सुगम और पर्यावरण-फ्रेंडली होगी. यही वजह है कि इसे देश की पहली जीरो-इमीशन वाटर टैक्सी बताया जा रहा है.

50 यात्रियों की क्षमता, आधुनिक सुविधाओं से लैस
वाटर टैक्सी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यात्रा आरामदायक भी हो और सुरक्षित भी. इसमें 50 यात्रियों के बैठने की सुविधा है. अंदर दो बड़ी स्क्रीन लगाई गई हैं, जिन पर यात्री काशी, गंगा और आसपास के घाटों की जानकारी देख सकेंगे. पूरी तरह से वेजिटेरियन जलपान मिलेगा. सुरक्षा के लिए CCTV कैमरे लगाए गए हैं. सफाई का ध्यान रखते हुए बायो-टॉयलेट भी शामिल है. डिज़ाइन में स्पेस का विशेष ध्यान रखा गया है ताकि भीड़ होने पर भी यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो.

देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली वाटर टैक्सी

सिर्फ 500 रुपये में आरामदायक सफर
पर्यटकों और आम यात्रियों को ध्यान में रखते हुए इसका किराया किफायती रखा गया है. सिर्फ 500 में नमो घाट से रविदास घाट तक आने-जाने की सुविधा मिलेगी. रोजाना सुबह 7-8 बजे से सेवा शुरू की जाएगी और हर दो घंटे में एक नई ट्रिप रवाना होगी. ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें.

बेंगलुरु से मिलेगी हाइड्रोजन सप्लाई
इस वाटर टैक्सी का निर्माण पूरी तरह देश में ही किया गया है. इस वाटर टैक्सी को कोच्चि शिपयार्ड में बनाया गया है. हाइड्रोजन सप्लाई बेंगलुरु की एक निजी कंपनी देगी. नमो घाट और 80 घाट पर हाइड्रोजन फ्यूल पंपिंग स्टेशन भी तैयार किए गए हैं, जिससे इसका संचालन आसान और निर्बाध रहेगा.

पर्यटन को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
वाराणसी में हर दिन हजारों पर्यटक आते हैं. नए जलयान की सुविधा से घाटों के बीच यात्रा और भी आकर्षक हो जाएगी. स्थानीय लोगों के साथ-साथ देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक नई और सुरक्षित यात्रा का विकल्प होगा. स्थानीय व्यापार और पर्यटन पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

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