
भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है.जिससे तत्काल टिकट वास्तविक यात्रियों के लिए उपलब्ध कराया हो सके. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एलान कर दिया है कि जल्द ही रेलवे ई-आधार प्रमाणीकरण जरूरी करने जा रहा है. जिससे टिकट के दुरुपयोग पर लगाम लगेगा और जिन यात्रियों को सच में तत्काल टिकट की जरूरत है, उनका टिकट बुक होगा.
तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर नियम में बदलाव-
अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर लिखा कि रेलवे जल्द ही ई-टिकट बुक करने के लिए ई-आधार प्रमाणीकरण शुरू करने जा रहा है. उन्होंने बताया कि IRCTC तत्काल टिकट में अचानक आई गिरावट के बाद जांच बैठाई गई. जिसमें पता चला कि कई फर्जी यूजर्स थे, जो पहले ही टिकट बुक कर लेते हैं, ताकि अधिक दाम पर उसे बेचा जा सके. ऐसे IRCTC अकाउंट की संख्या करीब 3.5 करोड़ थी. जिसके बाद रेलवे ने इन अकाउंट्स को बंद कर दिया है. इस नई व्यवस्था का मकसद केवल तत्काल टिकटों के दुरुपयोग और जमाखोरी को रोकना है.
रिपोर्टस की माने तो IRCTC वेबसाइट पर 13 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं, जिसमें से केवल 10 फीसदी लोगों ने ही अपना आधार ऑथेंटिकेशन करवाया है. जिसको लेकर रेलवे अब बड़ा कदम उठाने जा रहा है.
कब शुरू होगा नया सिस्टम?
रिपोर्ट्स में बताया गया कि नया सिस्टम इस महीने के अंत तक शुरू किया जा सकता है. नया सॉफ्टवेयर अपडेट और प्रोसेस में थोड़ा टाइम लग सकता है. नई सिस्टम का मकसद केवल यूजर्स की पहचान डिजिटल रूप से करना है, ताकि फर्जीवाड़े पर रेलवे लगाम लगा सके.
रेलवे के इस कदम से पुराने और वास्तविक यूजर्स को कोई दिक्कत नहीं आएगी. पुराने यूजर्स अपनी आईडी से नॉर्मल टिकट वैसे ही बुक कर सकते है, जैसे करते आए हैं. केवल जो लोग तत्काल टिकट बुक करेंगे, उनको ई-आधार ऑथेंटिकेशन करवाना होगा. जिससे रेलवे उनकी पहचान कर सके और जो यूजर तत्काल में टिकट बुक करना चाहते हैं, उनको कन्फर्म टिकट उपलब्ध कराया जा सके.
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