
वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, अब देश के पहले अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे का गवाह बनने जा रहा है. यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसका ट्रायल रन जारी है. इसी माह सितंबर में इसे पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा. आइए, इस ऐतिहासिक पहल के बारे में विस्तार से जानते हैं.
ट्रैफिक जाम से छुटकारा
वाराणसी में 3.75 किलोमीटर लंबा अर्बन रोपवे तैयार किया गया है, जो एशिया का पहला और दुनिया का तीसरा अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे है. यह रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन से गदौलिया तक का सफर महज 16 मिनट में तय करेगा. इस परियोजना का उद्देश्य वाराणसी की गलियों और ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
मार्च 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. यह रोपवे वाराणसी के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. स्थानीय निवासी और पर्यटक इसे एक बड़ी सौगात मान रहे हैं.
बनाए गए हैं कुल पांच स्टेशन
रोपवे में कुल पांच स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें से तीन स्टेशन पहले चरण में तैयार हो चुके हैं. ये स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन, भारत माता मंदिर और रथयात्रा हैं. रोपवे में 90 गोंडोला कैबिन्स संचालित होंगी, जिनमें प्रत्येक में 10 यात्री सवार हो सकते हैं.
क्या बोले स्थानीय निवासी
काशीवासियों और पर्यटकों में इस परियोजना को लेकर उत्साह है. एक स्थानीय निवासी ने कहा कि जबसे हमारे मोदी जी आए हैं, तबसे बनारस के लिए बहुत कुछ किया गया है. यह रोपवे हमारे लिए एक सपना था, जो अब साकार हो रहा है.
काशी विश्वनाथ मंदिर जाने में होगी आसानी
रोपवे के शुरू होने से वाराणसी में ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी. यह परियोजना खासतौर पर काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक होगी. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने के साथ पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हो गई है. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मैदागिन से गोदौलिया तक नो व्हीकल जोन कर दिया गया है. गोदौलिया से दशाश्वमेध तक भी नो व्हीकल जोन कर दिया गया है. स्थानीय लोगों को थोड़ी छूट जरूर दी गई है.