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Amber Palace in Jaipur: आमेर में नया आकर्षण! बोटिंग, लाइट एंड साउंड शो का नया रूप और फिर से खुलेगा मावठा रेस्त्रां

आमेर महल देखने आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है. यहां तीन बड़ी सुविधाएं नए रूप में शुरू होने जा रही हैं. महल परिसर स्थित मावठा रेस्टोरेंट एक बार फिर खुलने जा रहा है. मावठा सरोवर में दो दशकों बाद बोटिंग शुरू होगी और प्रसिद्ध लाइट एंड साउंड शो को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया जाएगा.

Amber Palace Amber Palace

जयपुर के ऐतिहासिक आमेर महल में अब पर्यटकों के लिए अनुभव और भी रोमांचक होने जा रहा है. पर्यटन सीजन की शुरुआत के साथ ही यहां तीन बड़ी सुविधाएं नए रूप में शुरू होने जा रही हैं. महल परिसर स्थित मावठा रेस्टोरेंट एक बार फिर खुलने जा रहा है. मावठा सरोवर में दो दशकों बाद बोटिंग शुरू होगी और प्रसिद्ध लाइट एंड साउंड शो को पूरी तरह आधुनिक तकनीक से अपग्रेड किया जाएगा. इन तीनों प्रोजेक्ट्स की टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अक्टूबर 2025 के अंत तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी.

नई कहानी के साथ बदलेगा शो
करीब 17 साल से चल रहे पारंपरिक लाइट एंड साउंड शो को अब बिल्कुल नए अंदाज में प्रस्तुत किया जाएगा. महल की विशाल दीवारों पर अब अत्याधुनिक 50 हजार लुमेन क्षमता वाले 8 प्रोजेक्टर लगाए जाएंगे, जिससे पूरा महल जीवंत हो उठेगा. शो में सिर्फ आवाज नहीं, बल्कि वास्तविक दृश्य भी दिखाई देंगे जैसे दीवारों पर हाथी, घोड़े और योद्धा दौड़ते नजर आएंगे. नई स्क्रिप्ट तैयार की जा रही है, जो दर्शकों को राजस्थान की वीरगाथाओं से एक नए अंदाज में रूबरू कराएगी. इस परियोजना पर सरकार करीब 18.5 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. उम्मीद है कि नवंबर तक इसका नया रूप पर्यटकों के लिए तैयार होगा.

मावठा रेस्टोरेंट से फिर उठेगी रौनक
करीब 200 लोगों की क्षमता वाले ऐतिहासिक मावठा रेस्टोरेंट को अब फिर से शुरू किया जा रहा है. इसका संचालन राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) करेगा, जिसने इसे एक निजी कंपनी को दिया है. इससे RTDC को हर महीने करीब 12.5 लाख रुपए का मुनाफा हो रहा है, जबकि पुरातत्व विभाग को मात्र 25 हजार रुपए किराए के रूप में मिल रहे हैं. यह मामला चर्चा में इसलिए है क्योंकि यह रेस्टोरेंट महल के उत्तरी हिस्से में स्थित है और केसर क्यारी जैसे ऐतिहासिक हिस्से से जुड़ा हुआ है.

पुरातत्व विभाग की भूमिका पर उठे सवाल
महल के संरक्षण और धरोहर प्रबंधन की जिम्मेदारी अब तक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के पास थी, लेकिन धीरे-धीरे कई प्रमुख काम RTDC को सौंपे जा रहे हैं. लाइट एंड साउंड शो, मावठा रेस्टोरेंट और अब मावठा झील की बोटिंग, ये सभी परियोजनाएं अब RTDC के अधीन होंगी. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या पुरातत्व विभाग को उसकी अपनी धरोहरों से दूर किया जा रहा है? क्या निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है?

गौरतलब है कि बीते 17 वर्षों से पुरातत्व विभाग ही लाइट एंड साउंड शो का संचालन निजी कंपनी के साथ मिलकर कर रहा था, जिससे विभाग को हर माह लगभग 5.5 लाख रुपए की आय होती थी. अब नए टेंडर जारी किए जा चुके हैं और किसी नई कंपनी को संचालन का जिम्मा दिया जाएगा. वर्तमान में इस शो के दो संस्करण चलते हैं एक हिंदी में और एक अंग्रेजी में, जिसका टिकट मूल्य 250 रुपए है.

RTDC और विभागों का पक्ष
आरटीडीसी के महाप्रबंधक (वर्क) जितेंद्र जोशी के अनुसार, आमेर के कुछ हिस्सों का प्रबंधन RTDC को सौंपा गया है. इन्हें आधुनिक सुविधाओं से अपग्रेड किया जा रहा है. लाइट एंड साउंड शो को बेहतर बनाने का प्रोजेक्ट भारत सरकार से मिला है. बोटिंग और शो के टेंडर 16 अक्टूबर तक ओपन होंगे.

RTDC के चीफ इंजीनियर माधव शर्मा का कहना है, कुछ धरोहरों का संचालन अब RTDC के पास रहेगा. हम शो को पूरी तरह नया रूप देने जा रहे हैं ताकि पर्यटक यहां का इतिहास और गौरव नए अनुभव के साथ महसूस कर सकें. पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक पंकज धरेंद्र ने कहा कि पुरातत्व विभाग की कुछ संपत्तियों को अपग्रेड करने की जिम्मेदारी RTDC को दी गई है. फिलहाल संचालन भी वही करेगा.

20 साल बाद फिर दिखेगी मावठा में नावों की छटा
मावठा सरोवर, जो कभी अपनी सुंदरता और जलराशि के लिए जाना जाता था, अब दो दशकों बाद फिर पर्यटकों के लिए खुलने जा रहा है. यहां बोटिंग की सुविधा शुरू की जाएगी ताकि सैलानी आमेर महल की खूबसूरती को झील के बीच से निहार सकें. यह नया आकर्षण जयपुर के पर्यटन मानचित्र में एक और शानदार जुड़ाव साबित होगा.