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Trip to Grishneshwar Jyotirlinga: मुंबई की भाग-दौड़ से हैं परेशान तो वीकेंड पर करें घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की ट्रिप, यहां घूम सकते हैं एलोरा गुफाएं

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर. यहां पर भक्त न सिर्फ शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं बल्कि इसे स्पर्श करके दैवीय शक्ति का अनुभव कर सकते हैं.

Trip to Grishneshwar Jyotirlinga Trip to Grishneshwar Jyotirlinga

अगर आप मुंबई में रहते हैं और यहां की भागती जिंदगी से एक ब्रेक चाहते हैं तो आप वीकेंड पर जा सकते हैं घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग. यह वेरुल गांव में एलोरा गुफाओं को पास स्थित है और एक ही ट्रिप में आप एलोरा गुफाएं, कैलाश मंदिर और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं. आपको बता दें कि भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग बहुत ही धार्मिक महत्व वाला है. 

भक्त कर सकते हैं ज्योतिर्लिंग को स्पर्श 
घृष्णेश्वर मंदिर महाराष्ट्र में अष्टविनायक तीर्थयात्रा का एक अभिन्न अंग है, जिसमें भगवान गणेश को समर्पित अन्य मंदिर भी शामिल हैं. पूरे भारत और विदेशों से लोग यहां पर दर्शन के लिए आते हैं. बताया जाता है कि यहां पर भक्तों को बहुत ही सुविधा से शिव ज्योतिर्लिंग के दर्शन हो जाते हैं और भक्त यहां पर शिवलिंग को स्पर्श भी कर सकते हैं. यहां पर महा शिवरात्रि और महाकालेश्वर महोत्सव जैसे त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं. इन त्योहारों में तीर्थयात्रियों और भक्तों की भीड़ देखी जाती है जो प्रार्थना करने और विभिन्न अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए इकट्ठा होते हैं. 

यहां पर है शिवालय तीर्थ तालाब 
मंदिर के पास शिवालय तीर्थ लगभग एक एकड़ क्षेत्र में है और इसका निर्माण तराशे गए पत्थरों से किया गया है. तालाब के पानी तक जाने के लिए छप्पन सीढ़ियां हैं. इस तीर्थ का जीर्णोद्धार महारानी अहिल्यादेवी होलकर ने करवाया था. किंवदंती है कि शिवालय तीर्थ कुंड का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने आठ अलग-अलग कुंडों से पवित्र जल लाकर किया था. इसके पास आठ अलग-अलग 'तीर्थों' के आठ मंदिर हैं. 

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एलोरा गुफाएं जरूर जाएं 
एलोरा की गुफाएं घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से 1.5 किमी दूर हैं. यह जगह बड़ी है और यहां कुल 24 गुफाएं हैं. चट्टानों को काटकर बनाई गई ये गुफाएं और यहां बनी हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों की विस्तृत मूर्तियां 10 शताब्दियों से भी ज्यादा पुरानी हैं. यहां मुख्य रूप से प्रसिद्ध है कैलाश मंदिर, क्योंकि इसे एक ही चट्टान को तराशकर बनाया गया है. यह मुख्य प्रवेश द्वार से बीच में स्थित है. अगर आप घृष्णेश्वर मंदिर जा रहे हैं तो आपको एलोरा जरूर जाना चाहिए.