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Tourism in Jammu-Kashmir: कहीं लौटी सैलानियों की रौनक़ तो कहीं एटीवी राइड्स शुरू... जानिए पहलगाम हमले के एक महीने बाद कैसा है कश्मीर में माहौल

मैदानी इलाकों में तापमान बढ़ने के साथ ही पर्यटक पहाड़ों की फिर से लौट रहे हैं. देशभर से आए लोगों का कहना है कि वे घाटी में अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. आइए जानते हैं कैसे हैं घाटी में पर्यटन के हालात

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घास के मैदानों में टहल रहे सैलानी, टट्टू की सवारी कर रहे कुछ पर्यटक, तो वहीं प्रकृति के बीच परिवार के साथ समय बिताने में मस्त लोग. ये तस्वीरें हैं पटनीटॉप की. पटनीटॉप जम्मू के उधमपुर जिले का खूबसूरत हिल स्टेशन है. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद यहां भी सन्नाटा पसरा था लेकिन अब एक महीने बाद यहां फिर से रौनक लौटने लगी है. 

सुरक्षित महसूस कर रहे लोग
मैदानी इलाकों में तापमान बढ़ने के साथ ही पर्यटक पहाड़ों की फिर से लौट रहे हैं. देशभर से आए लोगों का कहना है कि वे घाटी में अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इसके लिए वे सुरक्षाबलों की मुस्तैदी और स्थानीय निवासियों के गर्मजोशी भरे आतिथ्य को श्रेय देते हैं. बेंगलुरू के रहने वाले मुरली कृष्णन समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहते हैं, "हमारे जो आर्म फोर्सेस हैं वे हमारे हिंदुस्तान को बहुत सेफ रख रहे हैं. हम बहुत आराम महूसस कर रहे हैं. हम बहुत खुश हैं. बहुत अच्छा है." 

एक अन्य पर्यटक रोहित कहते हैं, "काफी चीजें रिस्टोर हो रही हैं. लोग आ रहे हैं तो हम भी आज आज अपनी फैमिली के साथ आए हुए हैं. हमें कोई परेशानी नहीं है. यहां की लोकल कम्युनिटी ने भी बहुत अच्छी तरह मदद की है. यहां घूमने फिरने के लिए गाइड किया है. यहां का मौसम बहुत अच्छा है." 

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बदल रहे 'हॉस्पिटैलिटी' के हालात
हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में पर्यटकों की संख्या और बुकिंग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी के साथ उत्साहजनक संकेत मिले हैं. वे ये भी बताते हैं कि कड़े सुरक्षा उपायों से सैलानियों के बीच विश्वास बहाल करने में उन्हें मदद मिली है.  होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधि लवनीश कहते हैं, "जब से पहलगाम हादसा हुआ टूरिस्ट कम हो गए थे. उसके बाद वॉर शुरू हुई तो और कम हो गए. होटल इंडस्ट्री को फर्क काफी पड़ा. अब यह है कि इस वीक से कम बैक हुआ है. मेहमान आना शुरू हो गए हैं." 

एक होटल मैनेजर राजकुमार शर्मा बताते हैं, "लोगों के मन में डर तो है. हम भी यही सोचेंगे कि बाहर जाना है तो कहीं कुछ ऐसा वैसा ना हो जाए. लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं है. सिक्योरिटी फोर्स तैनात हैं. कहीं कोई दिक्कत नहीं है." 

पहलगाम में लौटी एटीवी राइड
इस बीच, आतंकी हमले का दंश झेलने वाले पहलगाम में भी ज़िन्दगी और पर्यटन दोनों पटरी पर लौट रहे हैं. सैलानियों में लोकप्रिय एटीवी राइड्स 22 अप्रैल को हुए नरसंहार के बाद बंद कर दिया गया था. रविवार को ये फिर से चालू हो गया. पालघर से आए सैलानी आवेश सैय्यद "काफी अच्छा लगा यहां पर आकर. एटीवी राइड्स अभी तक बंद थी यहां पर. वह चालू की है यहां की सिक्योरिटी ने. यह काफी अच्छा एक्सपीरियंस है. हम जैसे टूरिस्टों के लिए और जगह पर भी खुलना चाहिए. धीरे-धीरे सब चीजें नॉर्मल होनी चाहिए." 

इन सेवाओं के जरिये कई परिवार अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं. उन्होंने इस कदम का स्वागत किया है. उन्हें फिर से पर्यटन के फलने-फूलने की उम्मीद है, जिसके बाद अधिकारी दूसरी सेवाएं भी शुरू करेंगे. एक एटीवी ड्राइवर ने कहा, "हम एक महीने बाद आए हैं. अभी एक महीने बाद यहां पर टूरिस्ट आए हैं तो हमें पुलिस स्टेशन से परमिशन मिला है. थोड़ा बहुत मार्केट में हलचल करने के लिए, टूरिस्ट भी आए हैं. अभी ये राइड्स कर रहे हैं तो टूरिस्ट खुश हो रहे हैं. हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे पूरी अर्थव्यवस्था खुलेगी. 

बैसरन नरसंहार के बाद अधिकारियों ने कई लोकप्रिय पर्यटन केंद्र बंद कर दिए थे. धीरे-धीरे सैलानियों का आना बढ़ रहा है. इससे स्थानीय लोगों को राहत पहुंच रही है. इनमें कई लोगों की आजीविका पर्यटन पर निर्भर है. उन्हें उम्मीद है कि शांति बहाल होने से अर्थव्यवस्था भी तेजी से पटरी पर लौटेगी.