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Motivation: मिलिए इस 102 साल के युवा से! Mount Fuzi पर चढ़ाई कर बनाया Guinness World Record... अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा

यह पहली बार नहीं है जब अकुजावा ने रिकॉर्ड बनाया. 2017 में, 96 वर्ष की आयु में, वे पहली बार माउंट फ़ूजी पर चढ़ने वाले सबसे बुज़ुर्ग पर्वतारोही बने थे.

102-Year-Old Kokichi Akuzawa Becomes World’s Oldest Person to Summit Mount Fuji 102-Year-Old Kokichi Akuzawa Becomes World’s Oldest Person to Summit Mount Fuji

जापान के 102 वर्षीय कोकिची अकुजावा (Kokichi Akuzawa) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. उन्होंने जापान की सबसे ऊंची चोटी माउंट फ़ूजी (Mount Fuji) पर चढ़ाई पूरी कर दुनिया के सबसे बुज़ुर्ग पर्वतारोही का खिताब हासिल किया. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उनकी इस उपलब्धि को आधिकारिक मान्यता दी है.

मुश्किल चढ़ाई, पर नहीं मानी हार 
अकुजावा ने 5 अगस्त को माउंट फ़ूजी की 3,776 मीटर (12,389 फीट) ऊंची चोटी फतह की. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि यह सफर बेहद कठिन था. अकुजावा ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा, “आधे रास्ते पर हार मानने का मन हुआ, लेकिन दोस्तों और परिवार के उत्साह ने हिम्मत दी.” उनके साथ उनकी 70 वर्षीय बेटी मोतोए, पोती, दामाद और लोकल पर्वतारोहण क्लब के चार सदस्य भी थे. इस दल ने चढ़ाई के दौरान दो रातें पहाड़ पर डेरा डालकर बिताईं.

पहले भी रचा था इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब अकुजावा ने रिकॉर्ड बनाया. 2017 में, 96 वर्ष की आयु में, वे पहली बार माउंट फ़ूजी पर चढ़ने वाले सबसे बुज़ुर्ग पर्वतारोही बने थे. बीते छह सालों में उन्होंने दिल से संबंधित समस्याओं, शिंगल्स और पर्वतारोहण के दौरान हुआ एक दुर्घटना के बाद भी यह कारनामा दोबारा किया.

कड़ी ट्रेनिंग ने बनाया मजबूत

  • अकुजावा ने इस चढ़ाई के लिए तीन महीने तक कड़ा प्रशिक्षण लिया.
  • रोज़ सुबह 5 बजे उठकर एक घंटे की वॉक करते थे.
  • हफ्ते में एक पहाड़ पर चढ़ाई का अभ्यास करते थे, ज्यादातर नागानो प्रांत के आसपास. 
  • उनका कहना है कि यह तैयारी उनके लिए बहुत मददगार साबित हुई.

पहाड़ों से गहरा रिश्ता
अकुजावा का पहाड़ों से प्यार 88 साल पहले शुरू हुआ था. उनके घर की दीवारें पर्वतों की पेंटिंग्स से सजी हुई हैं. उन्हें चढ़ना पसंद है क्योंकि पहाड़ों पर दोस्त आसानी से बन जाते हैं. कभी वे अकेले पर्वतारोहण का आनंद लेते थे, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ अब वे दूसरों की मदद पर निर्भर हो गए हैं.

हालांकि, अकुजावा मानते हैं कि यह उनकी आखिरी माउंट फ़ूजी चढ़ाई हो सकती है. अब वे पास के माउंट अकागी (1,828 मीटर) जैसे छोटे पर्वतों पर ध्यान देने की योजना बना रहे हैं.

आजकल अकुजावा अपनी सुबहें सीनियर केयर सेंटर में स्वयंसेवा करते हुए बिताते हैं और घर के स्टूडियो में पेंटिंग सिखाते हैं. उनकी बेटियां चाहती हैं कि वे अगली पेंटिंग में सुबह के सूरज के साथ माउंट फ़ूजी की पेंटिंग बनााएं.

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