
चीन की 71 साल की दादी सुन मिंगहुई सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं. मिंगहुई ने 1 जून को हुए नेशनल फिटनेस न्यूकमर्स क्वालिटी कॉम्पिटिशन के मिक्स्ड जेंडर कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. मिंगहुई प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली सबसे उम्रदराज प्रतिभागी थीं, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और हौसले ने ये साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है.
स्टील फैक्ट्री की कैंटीन से जिम तक का सफर
सुन मिंगहुई, मध्य चीन के अनहुई प्रांत के मा’आनशान शहर की रहने वाली हैं. रिटायरमेंट से पहले वे एक स्टील फैक्ट्री की कैंटीन में काम करती थीं. काम मुश्किल था, लेकिन वे हमेशा फिटनेस के प्रति जागरूक रहीं. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने साइक्लिंग, दौड़, रस्सी कूद और हाइकिंग जैसे कई स्पोर्ट्स आजमाए.
67 की उम्र में की पेशेवर ट्रेनिंग की शुरुआत
हालांकि उन्होंने 67 वर्ष की उम्र में ही प्रोफेशनल बॉडी ट्रेनिंग शुरू की. शुरुआती एक महीने के भीतर ही उन्हें बदलाव नजर आने लगे. सुन कहती हैं, “मेरे बाइसेप्स उभरने लगे थे, लैग्स की शेप दिखने लगी. मुझे उम्र के साथ मसल्स खोने की जगह मसल्स गेन हुईं.”
कठोर अनुशासन और साइंटिफिक डाइट प्लान
सुन मिंगहुई अपनी सेहत और फिटनेस के लिए बहुत अनुशासित दिनचर्या का पालन करती हैं. वे हर दिन 4 से 5 अंडे खाती हैं ताकि उन्हें प्रोटीन की अच्छी मात्रा मिल सके. इसके अलावा उनकी डाइट कम तेल, कम नमक और कम चीनी वाली होती है. वे हफ्ते में कम से कम 5 बार वर्कआउट करती हैं और हर सेशन 1 घंटे से ज्यादा का होता है.
70% एफर्ट से करें शुरुआत
सुन सिर्फ खुद की फिटनेस पर ध्यान नहीं देतीं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करती हैं. वे कहती हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को एक्सरसाइज “70% एफर्ट” से करनी चाहिए ताकि धीरे-धीरे शरीर आदत में आ जाए और चोट का खतरा न हो. उनका मानना है कि "बुजुर्गों को सिर्फ चाय पीकर पार्क में टहलने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, उन्हें भी डम्बल उठाने और फिट रहने का हक है."
साइक्लिंग में भी रिकॉर्ड बना चुकी हैं सुन
सुन मिंगहुई सिर्फ जिम की हीरो नहीं हैं, वे एक जबरदस्त साइक्लिस्ट भी हैं. 2014 में जब वे 60 वर्ष की थीं, तब उन्होंने चीन के पूर्वी छोर से दक्षिण के अंतिम शहर सान्या तक 6,316 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 45 दिनों में तय की थी. इस रिकॉर्ड ने उन्हें और उनकी टीम को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दिलाया.
सोशल मीडिया पर भी छाईं, लोग कर रहे तारीफ
अब सुन मिंगहुई अपनी फिटनेस जर्नी को सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं और हजारों लोग उन्हें फॉलो करते हैं. एक यूजर ने लिखा, “यह वाकई प्रेरणादायक है. जब बुजुर्ग लोग खुद को स्वस्थ रखते हैं, तो यह बच्चों के लिए भी बहुत बड़ी राहत होती है. उनके बच्चे जरूर गर्व महसूस करते होंगे.”
एक्टिव रहें, उम्र नहीं रोक सकती
सुन का मानना है कि उम्र बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन एक्सरसाइज से शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्थितियों में जबरदस्त सुधार किया जा सकता है. उनका यह संदेश खासतौर पर उन बुजुर्गों के लिए है, जो रिटायरमेंट के बाद खुद को सीमित समझने लगते हैं. सुन कहती हैं, “मैं चाहती हूं कि मेरे जैसे और भी बुजुर्ग अपने खाली समय का सदुपयोग करें, फिट रहें और जिंदगी को अपनी शर्तों पर जिएं.”