
ईरान और इजरायल के बीच लड़ाई ने एक बार फिर से पश्चिम एशिया को युद्ध में धकेल दिया है. इस युद्ध का असर कई और देशों की तरफ बढ़ने लगा है. इसमें यमन, सीरिया, इराक और लेबनान शामिल हैं. इन देशों में पहले से ही गृहयुद्ध चल रहे हैं. लगता है कि पश्चिम देशों ने भी खुद को इस युद्ध में झोंकने की ठान ली है. ब्रिटेन ने अपना युद्धपोत रेड सी में भेज दिया है. पश्चिम एशिया के 15 में से 8 देश पिछले 25 साल से युद्ध के संकट से जूझ रहे हैं.
पश्चिम एशिया की स्थिति-
पश्चिम एशिया में 15 देश हैं. इसमें से 3 देश कतर, ओमान और यूएई शांत और स्थिर हैं. जबकि 4 देश क्षेत्रीय तनाव में हैं. इसमें सऊदी अरब है, जो यमन में एसटीसी अलायंस हूती विद्रोहियों से लड़ रहा है. हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन है. जॉर्डन में फिलिस्तीन और इजरायल की लड़ाई से तनाव है. ईरान और अमेरिका के बढ़ते तनाव से कुवैत में जोखिम बढ़ने लगा है. बहरीन ईरान और सऊदी अरब के वर्श्चव की लड़ाई के बीच झूल रहा है.
ये 8 देश संघर्ष में शामिल-
पश्चिम एशिया के 8 देश पिछले ढाई दशक से युद्ध लड़ रहे हैं. ये देश युद्ध या सक्रिय संघर्ष में शामिल हैं. चलिए इनके बारे में बताते हैं.
इजरायल-
इजरायल फिलहाल ईरान के साथ युद्ध लड़ रहा है. इसके साथ ही वो फिलिस्तीन में हमास के खिलाफ जंग लड़ रहा है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. जिसमें 1400 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद इजरायल ने गाजा में सैन्य कार्रवाई शुरू की. आज भी सैन्य कार्रवाई चल रही है. इसमें हजारों लोग मारे गए हैं. जबकि लाखों लोग बेघर हो गए हैं.
ईरान-
ईरान शिया मुल्क है. ईरान अमेरिका और इजरायल का सबसे बड़ा विरोधी है. पिछले काफी समय से ईरान प्रॉक्सी वार करता रहा है. ईरान यमन में हूती, लेबनान में हिजबुल्ला जैसे प्रॉक्सी की मदद से इजरायल के खिलाफ जंग लड़ रहा है.
फिलीस्तीन-
फिलीस्तान के गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल मोर्चा खोले हुए हैं. हमास ने इजरायल पर हमला किया था. इसके बाद इजरायल ने पलटवार किया. जिसमें 55 हजार से ज्यादा फिलीस्तानी मारे गए हैं.
लेबनान-
लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह का कंट्रोल है. हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल ने मोर्चा खोल दिया. 17-18 सितंबर 2024 को लेबनान में हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोट हुए. इजरायल के इस हमले ने हिजबुल्लाह की कमर तोड़ दी.
यमन-
यमन का एरिया 7 लाख वर्ग किमी है. इसमें कई गुटों की सत्ता चलती है. इसमें ईरान समर्थित हूती विद्रोही, यूएई समर्थित एसटीसी, अलकायदा गुट का दबदबा है.
इराक-
इराक ने साल 2014 से 2024 तक आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई लड़ा. उसके बाद से ईरान और अमेरिका से बीच लड़ाई से जूझ रहा है.
तुर्किये-
तुर्किये में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी और सेना का संघर्ष चलता रहता है. इससे देश में अस्थिरता जैसा माहौल बना रहता है.
सीरिया-
सीरिया में साल 2011 में गृहयुद्ध शुरू हुआ था. दिसंबर 2024 में सत्ता परिवर्तन हुआ. असर को देश छोड़कर भागना पड़ा. लेकिन अभी भी असद के विद्रोही समर्थक एचटीएस से लड़ाई लड़ रहे हैं.
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