![Mobile Library in Kabul. (PC- AFP) Mobile Library in Kabul. (PC- AFP)](https://cf-img-a-in.tosshub.com/lingo/gnt/images/story/202112/mobile_library-sixteen_nine.jpg?size=948:533)
काबुल में बच्चों के लिए एक बस को मोबाइल लाइब्रेरी के रूप में परिवर्तित किया गया है. यह बस उन बच्चों को पढ़ने-लिखने के लिए सामग्री प्रदान कराएगी. रविवार को यह बस काबुल के एक अनाथालय पहुंची. अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद यह पहला मौका है जब वहां पर सेवा जैसा कोई कार्य किया जा रहा है. मोबाइल वैन देखते ही बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आ गई.
तीन महीने से बंद थी लाइब्रेरी
11 वर्षीय अरेज़ो अज़ीज़ी कहती हैं, "मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है. मैं उन किताबों का अध्ययन कर रहा हूं जिनसे मैं प्यार करता हूं." लाइब्रेरी तीन महीने तक नहीं आई. अरेजो यहां(बस में) अपने दोस्तों के साथ बैठी हैं और उनकी आवाज में वो उत्साह दिख रहा है. मोबाइल लाइब्रेरी चारमाघज़ नामक एक स्थानीय संगठन द्वारा पट्टे पर ली गई पांच बसों में से एक है, जिसकी स्थापना ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से एक अफगान स्नातक फ़्रेता करीम द्वारा की गई थी.
स्कूलों के पास नहीं है खुद की लाइब्रेरी
हाल के समय में हजारों बच्चों ने काबुल में प्रतिदिन मोबाइल पुस्तकालयों का उपयोग किया है, क्योंकि कई स्कूलों के पास अपनी खुद की लाइब्रेरी नहीं थी. एक गैर-लाभकारी पहल के उप प्रमुख अहमद फहीम बराकती कहते हैं कि अगस्त के मध्य में तालिबान द्वारा सरकार पर कब्जा करने के बाद हमने अपने लगभग सभी प्रायोजक खो दिए. बराकती ने समझाते हुए बताया कि तालिबान के शिक्षा मंत्रालय ने कई सप्ताह पहले मोबाइल पुस्तकालयों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी. लेकिन बसों के मालिक, परिवहन मंत्रालय के साथ हमारा समझौता कुछ दिनों पहले ही हुआ है.
लड़कियों को शिक्षित करने में मिलेगी मदद
बच्चों की तरह ही 22 वर्षीय लाइब्रेरियन रमजिया आब्दी खल भी शो के वापस सड़क पर आने से काफी खुश हैं. वह कहती हैं, "यह एक प्यारा एहसास है क्योंकि इस समय स्कूल भी बंद हैं. तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से लड़कियों की शिक्षा विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुई है क्योंकि देश भर में लाखों लड़कियों को सरकारी स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा से रोक दिया गया है."
फंड्स के जरिए की जा रही धन जुटाने की कोशिश
खैल कहते हैं,"हमारे पास सड़क पर रहने वाले बच्चे हैं और मुझे उनकी सेवा करना अच्छा लगता है क्योंकि उनके पास स्कूल जाने का अवसर नहीं है. यह एक ऐसा तरीका है जिससे मैं उनकी सेवा कर सकता हूं." उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास इस्लामी, अंग्रेजी और दारी कहानियों की किताबें हैं. इसके अलावा हमारे पास पेंटिंग और अलग-अलग खेल की किताबें भी हैं."
बराकती का कहना है कि चारमाघज़ के पास मोबाइल पुस्तकालयों को एक महीने तक चालू रखने के लिए पर्याप्त धन है. बराकती ने बताया कि वो ऑनलाइन प्लेटफार्म और ग्लोबल लेवल पर फंड्स जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इसके लिए उन्हें डोनेटर और स्पॉन्सर जल्द ही मिल जाएंगे ताकि मोबाइल वैन चलती रहे.