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ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के बाद अब अमेरिका बनेगा भारत के ग्रीन ग्रिड पहल का हिस्सा, किया ऐलान

GGI-OSOWOG की स्टीयरिंग कमिटी में भारत और यूके के अलावा तीन और देश अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस शामिल हैं और इसे वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड के विजन को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया है. वैश्विक ग्रिड कॉन्सेप्ट की घोषणा पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2018 में आईएसए की पहली असेंबली के दौरान की थी.

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हाइलाइट्स
  • वर्ल्ड लीडर्स समिट के दौरान हुआ था लॉन्च

  • ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस भी हैं शामिल

  • 12 नवंबर तक चलेगा सम्मलेन

  • COP21 में लॉन्च हुआ था इंटरनेशनल सोलर अलायंस

अमेरिका ने ग्लासगो में COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई वैश्विक ऊर्जा ग्रिड की यूके और भारत के नेतृत्व वाली ग्रीन ग्रिड पहल के साथ पार्टनरशिप करने का निर्णय लिया है. इस हफ्ते की शुरुआत में ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव - 'वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड' (GGI-OSOWOG) की स्टीयरिंग कमिटी की बैठक में, अमेरिकी ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रैनहोम ने कहा कि अमेरिका क्लाइमेट टॉक्स में वापस आने के लिए और नई पहल के साथ साझेदारी करने के लिए उत्साहित है.

वर्ल्ड लीडर्स समिट के दौरान हुआ था लॉन्च 

ग्रैनहोम ने कहा, "एक वर्ष में मानव जाति जितनी ऊर्जा का उपयोग करती है वो एक घंटे में सूर्य से पृथ्वी तक पहुंचने वाली ऊर्जा के बराबर होती है. GGI-OSOWOG पज़ल के दो सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. हम GGI-OSOWOG के पार्टनर बनकर खुश हैं”, उन्होंने कहा. भारत की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) और यूके की COP26 प्रेसीडेंसी ने मंगलवार को COP26 के वर्ल्ड लीडर्स समिट के दौरान GGI-OSOWOG को लॉन्च किया था.

ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस भी हैं शामिल  

GGI-OSOWOG की स्टीयरिंग कमिटी में भारत और यूके के अलावा तीन और देश अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस शामिल हैं और इसे वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड के विजन को पूरा करने के लिए बनाया गया है, जिसके तहत 80 देशों ने अपने प्रयासों को संयोजित कर  'वन सन डिक्लेरेशन' का समर्थन करते हुए अधिक से अधिक इंटरकनेक्टेड ग्रिड बनाने का संकल्प लिया है. ऊर्जा सचिव ग्रैनहोम ने इस सप्ताह बैठक में कहा कि अमेरिका अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. उन्होंने कहा, "अमेरिका सौर ऊर्जा की सहायता से ऐसे देशों की मदद करना चाहता है, जिनके पास बिजली की सुविधा नहीं है." 

12 नवंबर तक चलेगा सम्मलेन 

 1 और 2 नवम्बर को ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी)-COP26 के लीडर लेवल कार्यक्रमों के बाद, प्रत्येक देश के प्रतिनिधि और अधिकारी 12 नवंबर यानी शिखर सम्मेलन के अंत तक जलवायु परिवर्तन से निपटने के आगे के रास्ते को अंतिम रूप देने के लिए बैठकों की एक सीरीज़ में भाग ले रहे हैं. 

COP21 में लॉन्च हुआ था इंटरनेशनल सोलर अलायंस

इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए), पेरिस में आयोजित हुए COP21 में लॉन्च किया गया था और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को शामिल करने के लिए इसका विस्तार किया गया है. इसका उद्देश्य विकासशील देशों को सौर ऊर्जा ग्रिड के विस्तार में सहायता करने के लिए 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर फंड जुटाने में मदद करना है. वैश्विक सौर परिवर्तन को साकार करने के लिए आईएसए के चल रहे प्रयासों में इस पहल को एक बड़े और बोल्ड कदम के रूप में देखा जा रहा है. वैश्विक ग्रिड कॉन्सेप्ट की घोषणा पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2018 में आईएसए की पहली असेंबली के दौरान की थी.