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Ayman al-Zawahiri: अलकायदा का सरगना मारा गया, जानिए कौन था अल जवाहिरी और क्यों अमेरिका में था मोस्ट वांटेड आतंकी

Ayman al-Zawahiri: अमेरिकी ड्रोन हमले में अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहरी की मौत हो गई है, जवाहरी ने अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के हमलों में चार विमानों को हाइजैक करने में मदद की थी.

Ayman al-Zawahiri Ayman al-Zawahiri
हाइलाइट्स
  • ड्रोन हमले में मारा गया जवाहिरी

  • अमेरिका ने किया मार गिराने का दावा

  • अफगानिस्तान में हुआ हमला

  • तालिबान ने अमेरिकी ड्रोन हमले की निंदा की

अमेरिका ने ड्रोन हमले में अलकायदा के सरगना अल जवाहिरी को मार गिराया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी काबुल में हवाई हमले में मारा गया है. चाहे कितना भी समय लगे, चाहे आप कहीं भी छिप जाएं, अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और बाहर निकालेगा. वहीं तालिबान ने अमेरिकी ड्रोन हमले की निंदा की है.

कौन था अयमान अल जवाहिरी

अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहरी ने अमेरिका में 11 सितंबर 2001 के हमलों में चार विमानों को हाइजैक करने में मदद की थी. अमेरिकी सैनिकों के देश छोड़ने के ठीक 11 महीने बाद इस हवाई हमले को अंजाम दिया है. 9/11 के हमलों में बचे अमेरिकियों को भले ही अल-जवाहरी का नाम याद न हो है, लेकिन उसका चेहरा वे कभी नहीं भुला सकते हैं. ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने 2011 में पाकिस्तान में उसके ठिकाने पर हमला कर मार दिया था. ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अयमान अल जवाहिरी अल कायदा प्रमुख बना था.

आतंकवादी बनने से पहले सर्जन था अयमान अल जवाहिरी

जवाहिरी का जन्म 19 जून, 1951 को मिस्र में हुआ था. उसका परिवार संपन्न था. वह बचपन से ही धर्म को लेकर कट्टर था. उसके पिता भी फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर थे. जवाहिरी को पहली बार कट्टरपंथी संगठन ब्रदरहुड के साथ जुड़ने के कारण गिरफ्तार किया गया था. उस वक्त जवाहिरी की उम्र महज 15 साल थी.  आतंकी संगठन में शामिल होने से पहले उसने काहिरा विश्वविद्यालय से सर्जरी में मास्टर डिग्री हासिल की थी. उसने कुछ समय तक एक सर्जन के तौर पर काम भी किया. लेकिन अफगानिस्तान पर सोवियत कब्जे का विरोध करने के लिए वो कट्टरपंथी इस्लामिक जिहाद में शामिल हुआ था. इसी दौरान उसकी मुलाकात आसोमा बिन लादेन और अन्य आतंकवादियों से हुई. 

जेल के अनुभव ने बनाया कट्टरपंथी

1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद जवाहिरी उन सैकड़ों लोगों में शामिल था, जिन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया. इस अनुभव ने उसे और अधिक कट्टरपंथी बना दिया. जब ओसामा बिन लादेन ने अल-कायदा की स्थापना की, उस वक्त अल-जवाहिरी भी इसका सदस्य था. अल-जवाहरी ने अपने स्वयं के मिस्र के आतंकवादी संगठका का अल-कायदा में विलय कर दिया. इसी के बाद दोनों मिलकर आतंकवाद को बढ़ावा देने की साजिशे रचने लगे. जवाहिरी भारत में भी हिंसा भड़काने और कश्मीर के लोगों को हथियार उठाने के लिए उकसा चुका था. जवाहिरी कश्मीर की लड़ाई को मुसलमानों की लड़ाई के तौर पर बताता था. अमेरिका ने जवाहिरी की जानकारी देने वालों पर 25 मिलियन डॉलर यानी करीब दो अरब रुपये का ऐलान कर रखा था. जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मदद की थी. इस आतंकी हमले में करीब तीन हजार लोग मारे गए थे.