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पाक के आतंकी साथी तुर्की पर भी FATF का शिकंजा, टेरर फंडिंग की अनदेखी पर ग्रे लिस्ट में शामिल

कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल गया है. तुर्की पर टेरर फंडिंग पर नजर रखने और कार्रवाई करने में लापरवाही करने के गंभीर आरोप है. दरअसल तुर्की पर 2019 से ही नजर रखी जा रही थी. हालांकि उसने दिखावे के नाम पर कुछ कार्रवाई की थी, मगर वो काफी नहीं थी. FATF के प्रेसिडेंट ने कहा कि बैंकिंग, किमती पत्थर और रियल एस्टेट जैसे हाई रिस्क फैक्टर पर नजर रखनी होगी.

 पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रहना होगा
हाइलाइट्स
  • पाक के आतंकी साथी तुर्की पर भी FATF का शिकंजा, टेरर फंडिंग की अनदेखी पर ग्रे लिस्ट में शामिल

  • 4 महत्वपूर्ण शर्तों पर काम नहीं कर सका पाक

पाकिस्तान के साथ उसके आतंकी साथी तुर्की की भी मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है. तुर्की भी अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)  की ग्रे लिस्ट में शामिल हो चुका है. दरअसल FATF अक्टूबर 19-21 से तीन दिनों के लिए मीटिंग कर रही थी. पेरिस में चल रही इस तीन दिन की मीटिंग में तुर्की को भी गहन निगरानी सूचा में रखा गया है. गुरुवार रात पेरिस में FATF की बैठक के बाद प्रेसिडेंट मार्कस प्लीयर ने बताया कि फिलहाल पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रहना होगा. पाकिस्तान को 34 पहलुओं पर सुधार करने के निर्देश दिए गए थे. जिसमें से पाक केवल 30 पहलुओं पर सुधार कर पाया है. बाकि बची 4 शर्तें काफी महत्वपूर्ण थी. 

तुर्की पर मंडरा रहा FATF का खौफ
कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल गया है. तुर्की पर टेरर फंडिंग पर नजर रखने और कार्रवाई करने में लापरवाही करने के गंभीर आरोप है. दरअसल तुर्की पर 2019 से ही नजर रखी जा रही थी. हालांकि उसने दिखावे के नाम पर कुछ कार्रवाई की थी, मगर वो काफी नहीं थी.  FATF के प्रेसिडेंट ने कहा कि बैंकिंग, किमती पत्थर और रियल एस्टेट जैसे हाई रिस्क फैक्टर पर नजर रखनी होगी. यही मामले जार्डन और माली के साथ भी हैं. उनका कहना है कि तुर्की को मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामले सख्ती से डील करने होंगे. वैसे देखा जाए तो कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाने वाले तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के लिए यह एक बड़ा झटका है.

पाक को एक हफ्ते में दूसरा झटका
दो दिन पहले IMF ने पाकिस्तान को 6 बीलियन डॉलर का लोन देने से मना कर दिया था. IMF ने ये साफ तौर पर कह दिया था की अगर पाकिस्तान उसकी शर्तों को पूरा नहीं करता तो उसे लोन नहीं दिया जाएगा. इतना ही नहीं IMF ने पाकिस्तान को इस लोन की पहली किश्त तक देने से इंकार कर दिया था. वॉशिंगटन में 11 दिन तक चली बातचीत के बाद पाकिस्तानी दल को खाली हाथ लौटना पड़ा. अब अगर सूत्रों की मानें तो 2022 अप्रैल में होने वाली FATF की मीटिंग में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखा जाएगा.

क्या है FATF की ब्लैक और ग्रे लिस्ट?
दरअसल FATF ने उन सभी देशों को एक एक्शन प्लान देता है, जिन्हें वो ग्रे लिस्ट में रखता है. जिसके बाद इन देशों को FATF द्वारा दिए गए एक्शन प्लान के तमाम पहलुओं पर निर्धारित समय में सुधार करने होते है. फिलहाल मॉरीशस और बोत्सवाना FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकल चुके हैं. FATF ने इन देशों को बधाई देते हुए बताया कि इन दोनों देशों को ग्रे लिस्ट से निकाला जा रहा है. इसका मतलब ये है कि अब इन्हें वर्ल्ड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से मदद मिल सकेगी. हालांकि इन पहलुओं पर काम ना करने के बहुत से नुकसान भी हैं. अगर किसी देश पर मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फंडिंग में शामिल होने या उसकी अनदेखी करने का शक होता है, उसे ग्रे लिस्ट में रखा जाता है. वहीं अगर सबूतों से साफ हो जाता है, कि कोई देश मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फंडिंग में लिप्त है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है.