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Covishield Vaccine: दुर्लभ साइड इफेक्ट के आरोपों के बीच एस्ट्राजेनेका ने मार्केट से वापस ली कोविड वैक्सीन

कंपनी ने कहा है कि वैक्सीन का अपडेट संस्करण उपलब्ध है, ऐसे में वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस मंगाया गया है. नई वैक्सीन के कारण वैक्सजेवरिया की मांग में भी पहले से काफी गिरावट आई है.

Vaccine/Image: PTI Vaccine/Image: PTI
हाइलाइट्स
  • एस्ट्राजेनेका वापस लेगी अपनी कोरोना वैक्सीन

  • वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई नहीं की जा रही है

ऐस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने दुनियाभर से अपनी कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) को वापस मंगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ऐस्ट्राजेनेका ने बताया कि अपडेटेड वैक्सीन की उपलब्धता ज्यादा होने के कारण यह फैसला लिया गया है. इससे पहले ऐस्ट्राजेनेका ने ब्रिटिश कोर्ट में स्वीकार किया था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से दुर्लभ साइड इफेक्ट (Rare Side Effect) हो सकता है. कंपनी ने यह भी कहा कि वह यूरोप में वैक्सीन वैक्सजेवरिया के मार्केटिंग ऑथराइजेशन को भी वापस लेगी. कंपनी ने बताया है कि वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई नहीं की जा रही है.

वैक्सीन के पुराने स्टॉक वापस मंगाए गए
कंपनी ने कहा है कि वैक्सीन का अपडेट संस्करण उपलब्ध है, ऐसे में वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस मंगाया गया है. नई वैक्सीन के कारण वैक्सजेवरिया की मांग में भी पहले से काफी गिरावट आई है. इसका प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट पहले ही बंद कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी ने वैक्सीन वापस लेने के लिए 5 मार्च को आवेदन किया था.

कोविशील्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
बता दें, भारत में लगाई गई कोविशील्ड वैक्सीन भी उसी फार्मूले पर बनी है, जिस पर वैक्सजेवरिया वैक्सीन बनी है. इसका निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था. भारत में इस वैक्सीन को वापस लिए जाने पर फैसला अभी नहीं हुआ है. भारत में कोविशील्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है और वैक्सीन की सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर सुनवाई की मांग की गई है.

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ऐस्ट्राजेनेका को लेकर क्या है विवाद
ब्रिटेन के जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि वैक्सीन लगवाने के बाद उन्हें थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम की समस्या हुई. स्कॉट का आरोप है कि कंपनी ने इसके साइड इफेक्ट को लेकर गलत जानकारी दी. एस्ट्राजेनेका के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं. इसके बाद ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है. थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) में शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है.