Australia to tax search engines
Australia to tax search engines ऑस्ट्रेलिया ने 2.5 करोड़ से ज्यादा कमाने वाले बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सर्च इंजन पर टैक्स लगाने का ऐलान किया है. यह टैक्स उन कंपनियों पर लगाया जाएगा जो लोकल न्यूज ऑर्गनाइजेशन के साथ रेवेन्यू शेयर नहीं करतीं. इस कदम का मकसद पब्लिक इंटरेस्ट जर्नलिज्म और लोकतंत्र को सुरक्षित रखना है. यह प्रपोज्ड टैक्स 1 जनवरी से लागू होगा और इसमें मेटा प्लेटफॉर्म्स (फेसबुक और इंस्टाग्राम), अल्फाबेट के ओनरशिप वाले गूगल, और टिकटॉक की चीनी पेरेंट कंपनी बाइटडांस जैसी कंपनियां भी शामिल होंगी.
टैक्स से बचने का भी विकल्प
ऑस्ट्रेलिया के असिस्टेंट ट्रेजरर स्टीफन जोन्स और कम्युनिकेशंस मिनिस्टर मिशेल रोवलैंड के मुताबिक, इस टैक्स से उन प्लेटफॉर्म्स को छूट दी जाएगी जो लोकल न्यूज मीडिया ऑर्गनाइजेशन को रेवेन्यू शेयर करते हैं. इस टैक्स के आने के बाद रेवेन्यू शेयरिंग डील करना कंपनियों के लिए और भी सस्ता ऑप्शन हो जाएगा. जोन्स के मुताबिक इस टैक्स का असली मकसद रेवेन्यू जुटाना नहीं है. इसका मकसद ऑस्ट्रेलिया में प्लेटफार्मों और न्यूज मीडिया प्रोफेशन के बीच समझौते को बढ़ावा देना है.
मेटा और गूगल ने किया टैक्स का विरोध
मेटा ने इस प्रपोजल की आलोचना करते हुए इसे गलत बताया. मेटा के मुताबिक ये प्रपोजल उनके प्लेटफॉर्म कैसे काम करते हैं ये समझ नहीं रहे है. ज्यादातर लोग उनके प्लेटफॉर्म्स पर न्यूज कंटेंट के लिए नहीं आते है, और न्यूज पब्लिशर्स अपनी इच्छा से कंटेंट पोस्ट करते हैं. क्योंकि उन्हें इससे फायदा होता है. गूगल जिसने 2021 में 80 से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई न्यूज पब्लिशर्स के साथ समझौते किए थे उसने भी इस प्रपोजल पर चिंता जताई है. गूगल ने कहा सरकार द्वारा टारगेटेड टैक्स लाने से न्यूज पब्लिशर्स के साथ हमारे कमर्शियल डील्स पर असर पड़ सकता है. टिकटॉक ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका प्लेटफॉर्म खास कर के मनोरंजन के लिए है न कि न्यूज के लिए. वो हमेशा से एंटरटेनमेंट प्लेटफॉर्म रहे हैं. वो कभी भी न्यूज के प्राइमरी सोर्स नहीं रहे.
न्यूज मीडिया को बचाने का प्रयास
कम्युनिकेशंस मिनिस्टर मिशेल रोवलैंड के मुताबिक सरकार का मकसद पब्लिक इंटरेस्ट जर्नलिज्म की रक्षा करना है, जिसे उन्होंने लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी बताया है. उनके मुताबिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने ऑस्ट्रेलिया के मीडिया लैंडस्केप को प्रभावित किया है, जिससे पब्लिक इंटरेस्ट जर्नलिज्म खतरे में पड़ गई है.
न्यूज मीडिया बार्गेनिंग कोड का विस्तार
ऑस्ट्रेलिया ने 2021 में न्यूज मीडिया बार्गेनिंग कोड लाया था, जिसमें टेक जायंट्स को न्यूज आउटलेट्स के साथ रेवेन्यू शेयरिंग डील करने या अपने ऑस्ट्रेलियाई रेवेन्यू का 10 परसेंट फाइन भरने की शर्त थी. ऑस्ट्रेलिया के असिस्टेंट ट्रेजरर स्टीफन जोन्स ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों को इस योजना की जानकारी दे दी गई है कि यह टैक्स पहले की टैक्स की तरह नहीं है. उनके मुताबिक इस टैक्स को 2021 से लागू कानून को मजबूत बनाने के लिए डिजाइन किया गया है.
डिजिटल युग में पत्रकारिता को सपोर्ट
ऑस्ट्रेलियाई सरकार कि ये कदम इस बात को दिखाती है कि वो डिजिटल युग में पत्रकारिता को सपोर्ट करने के लिए कमिटेड है. हालांकि इस प्रपोजल के बाद टेक कंपनियों के साथ तनाव बढ़ने की संभावना है. सरकार का कहना है कि अगर ये प्रपोजल लागू हुआ, तो इससे लोकल न्यूज मीडिया को फायदा होगा और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.