
अमेरिका में H-1B वीज़ा फीस बढ़ने के फैसले के बाद टेक इंडस्ट्री में हलचल है. इसी बीच माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
यह वीडियो फरवरी 2024 में IIT दिल्ली में दिए गए उनके भाषण का हिस्सा है. इसमें गेट्स ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट के शुरुआती दिनों में उन्होंने भारत से इंजीनियरों को जॉब पर रखा था.
बिल गेट्स ने कहा कि 1980 के दशक में माइक्रोसॉफ्ट के पास ज्यादा कर्मचारी नहीं थे और कंपनी को अच्छे इंजीनियरों की ज़रूरत थी. तब एक वरिष्ठ सहयोगी ने उन्हें भारत आने और IIT से प्रतिभाशाली युवाओं को भर्ती करने की सलाह दी. आखिरकार, करीब 15 भारतीय इंजीनियरों को नौकरी मिली. गेट्स ने इसे "बेहतरीन और ऐतिहासिक कदम" बताया.
‘ब्रेन ड्रेन’ पर हुई थी आलोचना
उस समय अमेरिका और मीडिया ने इस फैसले की आलोचना की थी. अमेरिका में कहा गया कि विदेशी लोग अमेरिकी नौकरियां ले रहे हैं. वहीं, भारत से टैलेंट बाहर जाने को ‘ब्रेन ड्रेन’ कहा गया.
25 साल बाद नतीजा
गेट्स ने कहा कि आज पीछे मुड़कर देखने पर यह फैसला बेहद सफल साबित हुआ. भारतीय इंजीनियरों ने न सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट की नींव को मजबूत किया, बल्कि बाद में कई ग्लोबल तकनीकी सेक्टर्स में नेतृत्व भी संभाला.
आज की इमिग्रेशन बहस के लिए सबक
यह वीडियो ऐसे समय में वायरल हुआ है जब अमेरिका का एच-1बी वीज़ा फिर से विवादों में है. आलोचक कहते हैं कि इससे अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियां छिनती हैं, जबकि समर्थकों का मानना है कि यह स्किल गैप को भरता है और इनोवेशन को बढ़ावा देता है. बिल गेट्स का बयान याद दिलाता है कि वैश्विक स्तर पर प्रतिभा साझा करना सभी के लिए फायदेमंद हो सकता है.
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