
भारत और तुर्किए के बीच बहुआयामी व्यापारिक संबंध हैं, जो कई क्षेत्रों में फैले हुए हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए ने पाकिस्तान का साथ दिया और इसके बाद से ही भारत में तुर्किए से सभी संबंध खत्म करने की चर्चा हो रही है. भारत ने तुर्किए में आए भूकंप के दौरान उनकी काफी मदद की थी. ऐसे में, तुर्किए का पाकिस्तान के साथ खड़ा होना भारतीयों को पसंद नहीं आ रहा है. आम नागरिकों के साथ-साथ व्यापारी भी तुर्किए से आयात होने वाले सामान का बायकॉट कर रहे हैं.
UN COMTRADE Database के मुताबिक, 2024–25 की अवधि में भारत ने तुर्किए से 2.62 बिलियन डॉलर का माल आयात किया, जबकि 2023–24 में यह आंकड़ा 3.15 बिलियन डॉलर था. ये आयात भारत के कुल 720 बिलियन डॉलर के आयात बास्केट का लगभग 0.5% हिस्सा हैं.
भारत तुर्किए से क्या आयात करता है?
ऊर्जा, निर्माण, रसायन और कृषि जैसे क्षेत्रों में तुर्किए भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है. भारत तुर्किए से खनिज ईंधन और तेल, प्राकृतिक और कीमती मोती, नाभिकीय रिएक्टर और उनके पार्ट्स, विमान और अंतरिक्ष यान के पुर्जे, नमक, गंधक, प्लास्टर सामग्री, अकार्बनिक रसायन, लोहा-इस्पात, सीमेंट, संगमरमर, प्राकृतिक पत्थर, सब्जियां- फल, और विशेषकर ताजे सेब आयात करता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में इस्तेमाल होने वाले मार्बल का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा तुर्किए से आयात किया जाता है. इसके साथ ही, हर साल भारत में लगभग 1,29,882 मीट्रिक टन सेब का आयात होता है.
इसके अलावा, भारत में तुर्किए की कई व्यंजनों की होटलों में अच्छी-खासी मांग देखी जाती है. दिल्ली सहित कई राज्यों में टर्किश डिशेज़ खासा लोकप्रिय हैं, और लोग इन्हें चखने के लिए रेस्तरां और होटलों का रुख करते हैं. तुर्किए की मशहूर डिश कुनाफा और वहां के कबाब भारतीयों के बीच बेहद पसंद किए जाते हैं. टर्किश चाय भी भारतीय लोगों को पसंद है.
संगमरमर व्यापारी और सेब व्यापारी कर रहे हैं विरोध
भारत, विशेषकर उदयपुर (एशिया का सबसे बड़ा संगमरमर केंद्र), कच्चे संगमरमर के लिए तुर्किए पर काफी निर्भर है. तुर्किए का संगमरमर अपनी बनावट, मजबूती और फिनिश के लिए मशहूर है और लक्ज़री निर्माण व इंटीरियर डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स में पहली पसंद है. हालांकि, बताया जा रहा है कि व्यापारी तुर्किए से संगमरमर आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. सेब व्यापारियों ने भी यही मांग की है.
तुर्किए द्वारा भारत के एयरस्ट्राइक्स को “उकसाने वाला” कहे जाने और पाकिस्तान का पक्ष लेने की टिप्पणी के बाद, भारत के कई राज्यों में फल व्यापारियों ने तुर्किए के सेबों का बहिष्कार शुरू कर दिया है. वहीं, बात करें निर्यात की तो भारत से तुर्किए को इंजीनियरिंग उत्पाद, जैविक, अकार्बनिक रसायन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, कृत्रिम धागे, सूती धागा/कपड़ा और अन्य चीजें भेजी जाती है.