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ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 को पहली बार मिलने जा रही महिला चीफ... 116 साल में पहली बार Blaise Metreweli संभालेंगी सीक्रेट एजेंसी की कमान

MI6 में C के कोडनेम से जानी जाने वाली मेट्रेवेली एक करियर इंटेलिजेंस ऑफिसर हैं. उन्होंने MI5 में भी काम किया है और अब वह MI6 की एकमात्र ऐसी ऑफिसर होंगी, जिनका नाम सार्वजनिक होगा. वह सीधे ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी को रिपोर्ट करेंगी.

Blaise Metreweli Blaise Metreweli

ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 को पहली बार एक महिला चीफ मिलने वाली है! हां, वही MI6, जिसे जेम्स बॉन्ड की फिल्मों ने दुनिया भर में मशहूर किया. 116 साल के इतिहास में पहली बार ब्लेज़ मेट्रेवेली इस गुप्त एजेंसी की कमान संभालेंगी. लेकिन रुकिए, यह कहानी सिर्फ इतनी नहीं है! यह जासूसी, साहस, और सिनेमा से हकीकत तक की एक ऐसी यात्रा है, जो आपको हैरान कर देगी. 

जेम्स बॉन्ड की फिल्मों में M का किरदार निभाने वाली डेम जूडी डेंच को कौन नहीं जानता? 1995 में आई फिल्म गोल्डनआई में जब जूडी डेंच ने MI6 की बॉस की भूमिका निभाई, तो यह एक क्रांतिकारी कदम था. उस समय बॉन्ड की दुनिया को पुरुष-प्रधान और सेक्सिस्ट माना जाता था. लेकिन जूडी डेंच ने अपने पहले ही सीन में बॉन्ड को “सेक्सिस्ट, मिसोजिनिस्ट डायनासोर” कहकर सबको चौंका दिया था. यह एक संदेश था कि समय बदल रहा है.

लेकिन हकीकत को सिनेमा से मिलने में 30 साल लग गए! 15 जून 2025 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ऐलान किया कि ब्लेज़ मेट्रेवेली MI6 की नई चीफ होंगी. 47 साल की मेट्रेवेली MI6 की Q सेक्शन की हेड हैं, जो टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का जिम्मा संभालती है. यानी, जेम्स बॉन्ड के गैजेट्स बनाने वाली टीम की बॉस अब पूरी एजेंसी की कमान संभालेंगी!

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कौन हैं ब्लेज मेट्रेवेली?
MI6 में C के कोडनेम से जानी जाने वाली मेट्रेवेली एक करियर इंटेलिजेंस ऑफिसर हैं. उन्होंने MI5 में भी काम किया है और अब वह MI6 की एकमात्र ऐसी ऑफिसर होंगी, जिनका नाम सार्वजनिक होगा. वह सीधे ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी को रिपोर्ट करेंगी. मेट्रेवेली की नियुक्ति न सिर्फ MI6 के लिए, बल्कि पूरी दुनिया की खुफिया एजेंसियों के लिए एक मिसाल है.

ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियां दुनियाभर में अपनी गुप्त कार्रवाइयों और जासूसी के लिए मशहूर हैं. ये एजेंसियां कोल्ड वॉर के समय से ही रहस्यों के पर्दे में काम करती थीं, लेकिन पिछले कुछ दशकों में इनके बारे में थोड़ा-थोड़ा खुलासा हुआ है.

आइए, जानते हैं कि MI5, MI6, और GCHQ क्या हैं और ये कैसे काम करती हैं.

MI5, जिसे आधिकारिक तौर पर सिक्योरिटी सर्विस कहा जाता है, ब्रिटेन की डोमेस्टिक स्पाई खुफिया एजेंसी है. इसकी शुरुआत 1909 में सीक्रेट सर्विस ब्यूरो के तहत हुई थी. इसका मकसद था जर्मन जासूसों को पकड़ना, खासकर प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) के दौरान. MI5 ने दोनों विश्व युद्धों में जर्मन जासूसों को पकड़ने में शानदार काम किया, लेकिन कोल्ड वॉर के दौरान सोवियत जासूसों के खिलाफ इसका रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं रहा.
आज MI5 का मुख्य फोकस आतंकवाद से निपटना है. 1992 में स्टेला रिमिंगटन MI5 की पहली महिला चीफ बनीं, जिन्होंने इस एजेंसी को सार्वजनिक रूप से पहचान दिलाई. भारत की इंटेलिजेंस ब्यूरो MI5 के समान काम करती है.\

MI6, जिसे सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (SIS) भी कहते हैं, ब्रिटेन की विदेशी खुफिया एजेंसी है. यह विदेशों में जासूसी, खुफिया जानकारी जुटाने, और गुप्त ऑपरेशन्स चलाने का काम करती है. MI6 की शुरुआत भी 1909 में हुई थी, और इसके पहले चीफ मैन्सफील्ड कमिंग ने अपने निर्देशों पर C साइन करना शुरू किया, जो आज तक MI6 चीफ का कोडनेम है.

द्वितीय विश्व युद्ध में MI6 ने जर्मन लाइनों के पीछे जासूसी करके दुनिया में अपनी धाक जमाई. कोल्ड वॉर के दौरान MI6 ने CIA के साथ मिलकर कई गुप्त ऑपरेशन्स चलाए, जिसमें तख्तापलट और हत्याएं तक शामिल थीं. लेकिन सोवियत डबल एजेंट्स ने MI6 को भी नुकसान पहुंचाया. 1994 में पहली बार MI6 के अस्तित्व को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया गया. भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) MI6 के समान काम करती है.

GCHQ, यानी गवर्नमेंट कम्युनिकेशन्स हेडक्वार्टर्स, सिग्नल्स इंटेलिजेंस (SIGINT) जुटाने का काम करता है. प्रथम विश्व युद्ध के बाद स्थापित इस एजेंसी ने द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मन एनिग्मा कोड को तोड़कर इतिहास रचा. आज GCHQ का काम ब्रिटेन की कम्युनिकेशन्स को सुरक्षित रखना और दुश्मनों की बातचीत को सुनना है.

2013 में एडवर्ड स्नोडेन ने खुलासा किया था कि GCHQ ब्रिटेन में अवैध रूप से ऑनलाइन और टेलीफोन डेटा जुटा रहा था, जिससे इस एजेंसी की काफी आलोचना हुई. वर्तमान में GCHQ की चीफ ऐन कीस्ट-बटलर हैं, जो इसकी पहली महिला लीडर हैं.

क्यों है मेट्रेवेली की नियुक्ति इतनी खास?
MI6 में पहली महिला चीफ का आना सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव का प्रतीक है. जेम्स बॉन्ड की फिल्मों में भले ही M का किरदार एक महिला ने निभाया, लेकिन हकीकत में MI6 को यह मुकाम हासिल करने में दशकों लग गए. MI5 और GCHQ पहले ही महिला चीफ्स को देख चुके हैं, लेकिन MI6 का पुरुष-प्रधान इतिहास इसे और खास बनाता है.

मेट्रेवेली की नियुक्ति उस समय हो रही है, जब दुनिया में जासूसी का स्वरूप बदल रहा है. साइबर वॉरफेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और डिजिटल जासूसी अब खुफिया एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां हैं. मेट्रेवेली की टेक्नोलॉजी बैकग्राउंड उन्हें इन चुनौतियों से निपटने के लिए एकदम सही बनाती है.