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इजराइल ने पहली बार लगाया गया C-Dome डिफेंस सिस्टम, जानें कैसे दुश्मनों के हमलों को करता है नाकाम

इजराइल डिफेंस फाॅर्स ने इलियट के क्षेत्र में एक अलर्ट की सूचना दी. इसे लेकर आईडीएफ ने अपने बयान में कहा कि दुश्मन का एक ड्रोन इलियट क्षेत्र में घुस गया था. ऐसे ही हमलों से बचने के लिए सी-डोम सिस्टम लगाया गया है.

Iron Dome (Photo: PTI) Iron Dome (Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  • रॉकेट और मिसाइल हमलों से बचाने के लिए

इजराइल में पहली बार C-Dome डिफेंस सिस्टम लगाया गया है. इजराइल ने मंगलवार को कहा कि इजराइल ने इलियट के पास हवाई हमलों को देखते हुए अपना सी-डोम डिफेंस सिस्टम तैनात किया है.  सी-डोम एक आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम है. इसका उपयोग रॉकेट और मिसाइल हमलों से बचने के लिए किया जाता है.

रॉकेट और मिसाइल हमलों से बचाने के लिए

सी-डोम डिफेंस सिस्टम को Sa'ar 6-क्लास के कार्वेट, जर्मन मेड वॉरशिप में लगाया गया है. जो आयरन डोम के समान इंटरसेप्टर का उपयोग करता है. जबकि जमीन वाला जो आयरन डोम होता है उसका उपयोग हमास-नियंत्रित गाजा पट्टी से दागे गए रॉकेटों को रोकने के लिए किया जाता है. 

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फिलहाल, सी-डोम समुद्र में रॉकेट और मिसाइल हमलों से बचने के लिए लगाया जा रहा है. 

हमले को रोक दिया गया है 

दरअसल, सोमवार शाम को इजराइल डिफेंस फाॅर्स ने इलियट के क्षेत्र में एक अलर्ट की सूचना दी. आईडीएफ ने अपने बयान में कहा, “दुश्मन का एक ड्रोन इलियट क्षेत्र में घुस गया था, जिसके बाद सायरन बजने लगा.आईडीएफ नौसेना बलों ने इजराइली क्षेत्र में प्रवेश करने वाले इस खतरे को रोक दिया है. सी-डोम डिफेंस सिस्टम ने इसे टारगेट करके रोक दिया है.”

पहली बार हुआ सी-डोम का इस्तेमाल 

आईडीएफ ने बताया कि सी-डोम सिस्टम से इस ड्रोन अटैक को रोक दिया गया है. इससे पहले ड्रोन को ट्रैक किया गया था और फिर इसे खत्म कर दिया. संदिग्ध ड्रोन पूर्वी दिशा से इजराइली हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ था. हालांकि, इस घटना से किसी को भी नुकसान या किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं आई है. ये पहली बार था जब इजराइल ने इस डोम सिस्टम का इस्तेमाल किया.

बेहद फुर्तीला होता है ये सिस्टम

सी-डोम में तीन सेक्शन होते हैं. पहला- टैमिर इंटरसेप्टर, दूसरा-मॉड्यूलर वर्टिकल-लॉन्च यूनिट (VLU), और तीसरा- एक कमांड एंड कंट्रोल (C2). सी-डोम का इंटरसेप्टर बेहद फुर्तीला होता है. ये किसी भी हमले को आसानी से रोक सकता है. बता दें, हमास-नियंत्रित गाजा पट्टी से दागे गए रॉकेटों को रोकने के लिए जमीन वाले आयरन डोम का अनगिनत बार उपयोग किया गया है. इस डिफेंस सिस्टम की लागत लगभग $50,000 प्रति लॉन्च है.