
कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट को नया पोप चुना गया है. वे इस पद पर सेवा करने वाले पहले अमेरिकी हैं और उन्हें पोप लियो XIV के नाम से जाना जाएगा. उनकी चुनाव प्रक्रिया में 133 कार्डिनल्स ने हिस्सा लिय और चौथे मतदान में उन्हें दो-तिहाई बहुमत (89 वोट) प्राप्त हुए. रोमन कैथोलिक चर्च के सिस्टीन चैपल से सफेद धुआं निकलने के बाद, सेंट पीटर्स स्क्वायर में मौजूद 45,000 से अधिक लोगों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया.
पोप बनने के बाद, उन्होंने सेंट पीटर्स बेसिलिका की बालकनी से स्पेनिश भाषा में लोगों को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने प्रेम, दया और भाईचारे का संदेश दिया.
शिकागो में हुआ पोप लियो-14 का जन्म
पोप लियो-14 का जन्म 14 सितंबर 1955 को शिकागो, अमेरिका में हुआ था. उन्होंने 1978 में ऑगस्टिनियन ऑर्डर से जुड़कर पवित्र जीवन की शुरुआत की और पेरू में मिशनरी कार्य किए. उन्होंने अपना अधिकांश जीवन वंचितों और हाशिए पर पड़े लोगों की सेवा करते हुए अमेरिका के बाहर बिताया है. वे पेरू की राष्ट्रीयता रखते हैं.
पोंटिफिकल कमीशन फॉर लैटिन अमेरिका के अध्यक्ष रहे हैं
वह वेटिकन के डिकास्ट्री फॉर बिशप्स के प्रमुख और पोंटिफिकल कमीशन फॉर लैटिन अमेरिका के अध्यक्ष रहे हैं. रोम में उन्हें "लैटिन यांकी" के नाम से जाना जाता है. पोप फ्रांसिस के करीबी सहयोगी के रूप में, उन्होंने चर्च में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने जैसे सुधारों का समर्थन किया.
2014 में, फ्रांसिस ने उन्हें पेरू में चिक्लेयो का बिशप बनाया. लैटिन अमेरिका में बिशपों के लिए डिकास्टरी के प्रीफेक्ट के रूप में उनकी हाई-प्रोफाइल भूमिका के कारण वे कार्डिनल्स के बीच अच्छी तरह से जाने जाते हैं. वे जनवरी 2023 में आर्कबिशप बने और कुछ ही महीनों के अंदर फ्रांसिस ने उन्हें कार्डिनल बना दिया था.
दुनिया भर के नेताओं ने दी बधाई
पोप लियो-14 के चुनाव के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य वैश्विक नेताओं ने उन्हें बधाई दी है. उनका चुनाव न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अमेरिका और कैथोलिक चर्च के संबंधों में भी एक नया अध्याय शुरू करता है.
पोप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल को
कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का इसी साल 21 अप्रैल को निधन हो गया ता. वह 88 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पोप फ्रांसिस ने आखिरी बार ईस्टर के मौके पर वेटिकन की बालकनी से लोगों को शुभकामनाएं दी थीं. पोप फ्रांसिस इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे.
पोप कौन होते हैं?
पोप कैथोलिक चर्च के प्रमुख होते हैं. रोमन कैथोलिक मानते हैं कि वो ईसा मसीह की सीधी वंशावली का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्हें सेंट पीटर का जीवित उत्तराधिकारी माना जाता है. ईसा मसीह ने सेंट पीटर को चर्च का पहला प्रमुख बनाया था. तभी से यह परंपरा चली आ रही है. पोप चर्च से जुड़ी नीतियां, नियुक्तियां और परंपराएं तय करते हैं. पोप वेटिकन सिटी में रहते हैं जो दुनिया का सबसे छोड़ा स्वतंत्र देश है.