
बहुत से लोगों की ख्वाहिश होती है कि वे बड़े और लग्ज़री होटलों में जाकर खाना पसंद करते हैं. फाइन डाइनिंग करना लोगों का सपना होता है. लेकिन चीन में कुछ ऐसा हो रहा है कि देश के टॉप 5-स्टार होटल्स अपनी फाइन डाइनिंग को छोड़कर अब स्ट्रीट फूड बेच रहे हैं. जी हां, चीन के झांगझोऊ शहर में स्थित Zhongwu Hotel एक पांच सितारा होटल है और Trip.com पर शहर के टॉप 10 लग्जरी होटलों में दूसरे स्थान पर आता है. अब एक बिलकुल अलग रास्ता अपना रहा है।
साउथ चीन मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस होटल ने बजट फ्रेंडली "मील बॉक्स" (20 से 100 युआन यानी ₹240 से ₹1,200 के बीच) बेचने शुरू किए, जिन्हें होटल के एक्सपर्ट शेफ्स तैयार करते हैं. यह वही होटल है जो पहले महंगी दावतों के लिए जाना जाता था. होटल के मैनेजर ने इस बारे में कहा कि पहले सर्वाइवल जरूरी है.
चीन में क्या है होटल इंडस्ट्री के हालात?
बताया जा रहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती है और लोग अब कम खर्च करना पसंद कर रहे हैं. होटल इंडस्ट्री के हालात ठीक नहीं है. होटलों में कमरे का औसत किराया पिछले साल से 9.7% कम हो गया है. कमरों की बुकिंग दर 2.5% गिरकर 58.8% रह गई.
कैटरिंग से होने वाली कमाई में भी भारी गिरावट है. 2023 में औसतन 12.37 मिलियन युआन की कमाई होती थी. 2024 में यह घटकर 10.21 मिलियन युआन रह गई, जबकि 2019 से तुलना करें तो 38% गिरावट है.
स्ट्रीट फूड को कैसा मिल रहा रिस्पॉन्स?
इस समस्या से उबरने के लिए लग्जरी होटल्स अब स्ट्रीट फूड का सहारा ले रहे हैं. Zhongwu Hotel का स्ट्रीट फूड आइडिया सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सिर्फ 7 दिन में होटल ने 20 WeChat ग्रुप बनाए (हर ग्रुप में 500 लोग). इन ग्रुप्स में मेनू और टाइमिंग शेयर की जाती है.
होटल का मशहूर शेफ (Black Pearl अवार्ड विजेता) खुद फ्राइड राइस बनाते हैं, जिसकी कीमत सिर्फ 28 युआन है. लंच टाइम के लिए 100 टिकट ऑन-स्पॉट सेल के लिए बांटे जाते हैं और खाना पांच मिनट में बिक जाता है.
एक WeChat ग्रुप के स्क्रीनशॉट के मुताबिक, झांगझोऊ शहर में 33 होटल्स अब इसी तरह स्ट्रीट फूड स्टॉल चला रहे हैं. इनमें Hilton, Wenpu Hotel, Fudu Qingfeng Hotel जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि Zhongwu Hotel की पारंपरिक बुकिंग्स 65.7% कम हो गई हैं.
सरकार की सख्ती भी एक कारण
मई 2024 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने सरकारी बैठकों और डिनर्स में शराब पर प्रतिबंध लगाया. इससे हाई-एंड रेस्टोरेंट्स को बड़ा नुकसान हुआ क्योंकि ये सरकारी आयोजनों से ही काफी कमाते थे.