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Phantom crash: बिना क्लिक के फोन हैक! सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों के स्मार्टफोन पर साइबर अटैक, चीन से जुड़ा है लिंक

अमेरिकी नेताओं, आई प्रोफेशनल्स और पत्रकारों के फोन पर चीनी हैकर्स के हमले का बड़ा खुलासा हुआ है. ये साइबर हमले चीन की तरफ से किए गए. साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनी iVerify ने जांच में बताया कि यह एक बेहद एडवांस्ड साइबर हमला था.

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हाइलाइट्स
  • चीन पर जासूसी का आरोप

  • अमेरिका में कई नेताओं के फोन हुए टैप

अमेरिकी नेताओं, आई प्रोफेशनल्स और पत्रकारों के फोन पर चीनी हैकर्स के हमले का बड़ा खुलासा हुआ है. ये साइबर हमले चीन की तरफ से किए गए. साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनी iVerify ने जांच में बताया कि यह एक बेहद एडवांस्ड साइबर हमला था, जिसमें हैकर्स बिना किसी यूजर की कार्रवाई के मोबाइल फोन में घुसपैठ कर रहे थे.

iVerify के अनुसार, जिन लोगों के फोन क्रैश हुए, वे सभी अमेरिका के ऐसे सेक्टर में काम करते हैं, जो चीन की दिलचस्पी के क्षेत्र माने जाते हैं. इन सभी को पहले भी चीन से जुड़े हैकर्स द्वारा टारगेट किया जा चुका है. इस हमले के तहत हैकर्स फोन कॉल्स को रियल टाइम में सुन पा रहे थे और मैसेजेस भी पढ़ रहे थे. 

अमेरिकी कांग्रेस सदस्य और हाउस इंटेलिजेंस कमिटी के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने बताया कि ये एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा है. उन्होंने कहा कि चीन से जुड़ा यह हैकिंग अभियान अमेरिका के नागरिकों की निजी जानकारी चुराने की साजिश का हिस्सा है.

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iVerify के COO और NSA-Google के पूर्व साइबर एक्सपर्ट रॉकी कोल ने कहा, “दुनिया अभी एक मोबाइल सिक्योरिटी संकट से गुजर रही है. कोई मोबाइल की निगरानी नहीं कर रहा.”

चुनाव से पहले ट्रंप और जे.डी. वेंस के फोन भी टारगेट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और उनके रनिंग मेट जे.डी. वेंस के फोन को भी हैक करने की कोशिश हुई थी.

हाल ही में सामने आया कि ट्रंप की चीफ ऑफ स्टाफ सूज़ी वाइल्स की पहचान का गलत इस्तेमाल कर किसी ने अमेरिकी राज्यपालों और बिजनेस लीडर्स को कॉल और मैसेज भेजे. बताया जा रहा है कि हमलावरों को वाइल्स के पर्सनल मोबाइल से उनके कॉन्टैक्ट्स की जानकारी मिली थी.

चीन ने आरोप खारिज किए, अमेरिका पर लगाया आरोप
चीन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अमेरिका खुद दुनियाभर में साइबर जासूसी करता है और चीन की टेक कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का बहाना बनाता है.

मोबाइल डिवाइस से उड़ाए जा सकते हैं ड्रोन, कंट्रोल होते हैं पावर प्लांट
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आज के स्मार्टफोन सिर्फ कॉल और मैसेज तक सीमित नहीं हैं. इनसे स्टॉक्स खरीदे जाते हैं, ड्रोन उड़ाए जाते हैं, यहां तक कि पावर प्लांट्स को भी कंट्रोल किया जाता है लेकिन सुरक्षा के मामले में ये मोबाइल डिवाइस अक्सर अपडेटेड नहीं होते, जिससे वे हैकर्स के लिए आसान शिकार बन जाते हैं.

'बार्बी डॉल' तक में मिली थी हैकिंग की गुंजाइश
Horizon3.ai के CEO और पेंटागन के पूर्व CTO स्नेहल अंतानी ने बताया कि एक बार रिसर्चर्स ने 'डिजिटल बार्बी डॉल' के माइक्रोफोन को हैक कर लिया था. यानी खतरा सिर्फ मोबाइल तक सीमित नहीं है, बल्कि हर कनेक्टेड डिवाइस एक संभावित खतरा बन चुका है. सुरक्षा जानकारों ने कहा है कि चाहे डिवाइस कितना भी सिक्योर क्यों न हो, अगर यूजर सतर्क नहीं है तो बड़ा नुकसान हो सकता है.