
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार सुबह ऐलान किया कि अमेरिकी सैन्य बलों ने ईरान के फोरदो, नतांज़ और इसफाहन परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले कर उन्हें तबाह कर दिया है.
ट्रम्प ने अपने ट्वीट में कहा कि फोरदो में मौजूद प्रमुख परमाणु ठिकाने पर भारी बमबारी की गई. यह इसराइल और ईरान के बीज जारी युद्ध में अमेरिका का पहला मिलिट्री हस्तक्षेप है. पहले ही हस्तक्षेप में अमेरिका ने फोरदो को नुकसान पहुंचाया है. यह न्यूक्लियर साइट क्या है और ईरान के लिए क्यों अहम है, आइए जानते हैं.
फोरदो न्यूक्लियर फैसिलिटी क्या है?
फोरदो को मूल रूप से इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के लिए एक सैन्य सुविधा के रूप में बनाया गया था. यह उत्तर-पश्चिमी ईरान के क़ोम शहर से 30 किमी (18.5 मील) उत्तर-पूर्व में स्थित है. कथित तौर पर एक पहाड़ के अंदर सैकड़ों मीटर की दूरी पर है. ईरान ने 21 सितंबर, 2009 को वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों पर निगरानी रखने वाली संस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency/IAEA) को लिखे एक पत्र में इसका खुलासा किया था.
कुछ दिनों बाद अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस ने सार्वजनिक रूप से पुष्टि की कि उन्हें पहले ही फोरदो में एक गुप्त ईंधन संवर्धन संयंत्र के बारे में मालूम था. इसी साल की शुरुआत में इस बात की खुफिया जानकारी मिली थी कि ईरान इस साइट पर 3,000 सेंट्रीफ्यूज लगाने की कोशिश कर रहा था. सितंबर तक फोरदो पूरी तरह एक परमाणु फैसिलिटी बनने वाला था.
फोरदो एकमात्र ईरानी सुविधा है जहां IAEA निरीक्षकों ने हथियार-ग्रेड शुद्धता के करीब शुद्ध किए गए यूरेनियम के कण पाए हैं. यह 2023 में एक अघोषित निरीक्षण के दौरान हुआ था.
क्या अमेरिकी हमले में तबाह हुआ फोरदो?
एक ओर जहां ट्रम्प ने दावा किया है कि फोरदो तबाह हो गया है, वहीं ईरान ने किसी भी तरह के नुकसान को नकारा है. ईरान ने अभी तक आधिकारिक तौर पर साइट पर हुए नुकसान की सीमा का वर्णन नहीं किया है. ईरान ने कहा है कि अमेरिका दिखावा कर रहा है.
ईरान के सरकारी टीवी ने कहा, "ट्रम्प आमतौर पर झांसा देते हैं. नुकसान की सीमा का आकलन किया जाना चाहिए. इस्लामिक गणराज्य के परमाणु उद्योग को बमबारी से नष्ट नहीं किया जा सकता."
अमेरिका और इजरायल के अधिकारियों ने लंबे समय से तर्क दिया है कि केवल 30,000 पाउंड के "बंकर बस्टर" बम से लैस अमेरिकी स्टील्थ बॉम्बर ही फोरदो जैसी गहरी दबी हुई परमाणु सुविधाओं तक पहुंचने में सक्षम हैं. ईरान ने बार-बार चेतावनी दी है कि उसके परमाणु स्थलों पर हमले से जवाबी कार्रवाई होगी. विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने पहले कहा था कि ईरान पर हमलों में अमेरिका की कोई भी भागीदारी "बहुत, बहुत खतरनाक" होगी.