 Are Crushed Cockroaches In Coffee:
 Are Crushed Cockroaches In Coffee:  Are Crushed Cockroaches In Coffee:
 Are Crushed Cockroaches In Coffee: चाय की ही तरह भारत में कॉफी के भी लाखों चाहने वाले हैं. बहुत से लोगों का दिन एक कप कॉफी के बिना शुरू ही नहीं होता. हेल्थ एक्सपर्ट्स भी कॉफी पीने के कई फायदे बताते हैं. लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो ने कॉफी प्रेमियों को चौंका दिया है.
इन वायरल रील्स में दावा किया गया है कि कॉफी पाउडर में पिसे हुए कॉकरोच भी मिलाए जाते हैं, और इन्हें पूरी तरह से हटाना संभव नहीं होता. इतना ही नहीं, अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने भी माना है कि खाने-पीने की चीजों में कुछ मात्रा में कीड़ों के हिस्से मौजूद हो सकते हैं, क्योंकि उत्पादन के दौरान उन्हें पूरी तरह से हटाना मुश्किल होता है.
सबसे पहले कैसे सामने आई यह जानकारी?
यह दावा अमेरिका में 1980 के दशक में सामने आया. news.com.au की रिपोर्ट के अनुसार, एक बायोलॉजी प्रोफेसर रोज़ाना बहुत दूर जाकर ताज़ा बनी कॉफी पीते थे. उनके सहकर्मी हैरान थे कि वे इतनी दूर सिर्फ कॉफी के लिए क्यों जाते हैं?
जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें रेडी-टू-यूज़ ग्राउंड कॉफी से एलर्जी है और वही एलर्जी उन्हें कॉकरोच से भी होती है. यह बात सबको चौंकाने वाली लगी, क्योंकि प्रोफेसर को दोनों से एक जैसे लक्षण थे.
यहीं से यह शक गहराया कि ग्राउंड कॉफी में संभवतः पिसे हुए कॉकरोच के कण हो सकते हैं. इसका कारण यह था कि उत्पादन प्रक्रिया के दौरान इन कीड़ों को पूरी तरह हटाना मुश्किल होता है. 
 
क्यों नुकसानदायक हो सकती है रेडीमेड ग्राउंड कॉफी ?
FDA के अनुसार, कुछ मात्रा में कीड़े और उनके हिस्से खाने-पीने की चीजों में रह सकते हैं. कॉफी बीन्स में भी कुछ कीड़े पहले से ही मौजूद हो सकते हैं, जो भुनने (roasting) से पहले ही उनमें घुस जाते हैं. 
इसके अलावा, जहां कॉफी स्टोर की जाती है जैसे कि वेयरहाउस या गोदाम, वहां अक्सर कॉकरोच, चूहे और अन्य कीट मौजूद होते हैं. जब ये बीन्स पिसकर कॉफी पाउडर में बदले जाते हैं, तो छोटे-छोटे कीड़े या उनके अंडे उसमें मिल सकते हैं और उन्हें पूरी तरह से हटाना मुश्किल हो जाता है.
FDA का कहना है कि कुछ मामलों में 10 प्रतिशत तक ऐसी मिलावट को स्वीकार किया जा सकता है, क्योंकि इसे पूरी तरह रोकना नामुमकिन है.
कैसे करें खुद की सुरक्षा?
यह चर्चा भले ही अमेरिका से शुरू हुई, लेकिन भारत जैसे देशों में भी ऐसा कुछ हो सकता है, खासकर वहां जहां सफाई या क्वालिटी कंट्रोल की कमी हो. इसलिए अगर आप कॉफी के शौकीन हैं तो सतर्क रहना जरूरी है. ब्रांड चुनते समय थोड़ा सावधान रहें और कोशिश करें कि आप कॉफी बीन्स खरीदें, न कि पहले से पिसी हुई कॉफी.