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Germany Visa New Rule: इस यूरोपीय देश का वीजा लेना मुश्किल, रिजेक्ट होने पर इस ऑप्शन का नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल, इंडियंस पर क्या पड़ेगा असर?

जर्मनी ने वीजा नियम में बड़ी बदलाव किया है. जर्मनी ने अनौपचारिक वीजा अपील को खत्म करने का फैसला किया है. 1 जुलाई से वीजा आवेदक इस ऑप्शन का फायदा नहीं ले पाएंगे. इससे आवेदकों को काफी परेशानी होगी.

Germany Visa Application (Photo Credit: Getty) Germany Visa Application (Photo Credit: Getty)
हाइलाइट्स
  • जर्मनी ने वीजा आवेदन के नियम में बदलाव किया

  • लाखों भारतीयों पर इसका असर पड़ेगा

जर्मनी ने अपने वीजा प्रोसेस में बड़ा बदलाव किया है. इस चेंज की वजह से जर्मनी का वीजा लेना अब मुश्किल हो जाएगा. जर्मनी ने ऐलान किया है कि 1 जुलाई 2025 से अनौपचारिक वीजा अपील प्रोसेस को बंद कर देगा. इस प्रक्रिया को Remonstration कहा जाता है.

इस प्रकिया से जर्मनी का वीजा लेना आसान होता है. अगर कोई जर्मनी के वीजा के लिए अप्लाई करता है और रिजेक्ट हो जाता है तो इस प्रोसेस का फायदा ले सकता था. इस प्रोसेस के तहत कुछ दस्तावेजों के लिए जर्मनी का वीजा मिल जाता था लेकिन 1 जुलाई से इसे खत्म कर दिया जाएगा.

1 जुलाई से जर्मनी का वीजा लेना मुश्किल हो जाएगा. अब अगर वीजा रिजेक्ट हो जाए तो फिर से पूरी प्रोसेस से गुजरना पड़ेगा. अनौपचारिक वीजा अपी बंद करने से काफी लोगों पर इसका असर पड़ेगा. भारतीयों पर इसका क्या असर पड़ेगा? आइए इस पर नजर डाल लेते हैं.

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वीजा अपील खत्म
जर्मनी ने वीजा अपील को खत्म करने का फैसला लिया है. जर्मन मिशन के अनुसार, इस फैसले का मकसद वेटिंग टाइम को करना है. अब जिन लोगों को वीजा रिजेक्ट हो जाएगा, उनको इस फैसले की चुनौती देने के लिए लंबे प्रोसेस से गुजरना होगा. ये लोगों के लिए थोड़ा महंगा भी पड़ेगा.

जर्मनी का वीजा अपील आवेदकों को बिना किसी कानूनी लिखित अपील के वीजा रिजेक्ट के फैसले को चुनौती देने का अधिकार देता है. ये अनौपचारिक स्टेप कानूनी कार्यवाही से कम लंबा और कम पैसों में भी हो जाता है. 1 जुलाई से आवेदक इस ऑप्शन का फायदा नहीं ले पाएंगे.

भारत में जर्मन मिशन ने अपनी वेबसाइट पर कहा, जर्मन विदेश कार्यालय ने वीजा अपील प्रोसेस को खत्म करने का फैसला लिया है. इससे अनौपचारिक कानूनी उपाय खत्म हो जाएगा. ये फैसला जून 2023 में शुरू किए गए एक पायलट प्रोजेक्ट के बाद लिया गया है. इस ऑप्शन को खत्म करने के बाद स्टाफ को वीजा रिजेक्ट के बाद आए आवेदनों में जूझना पड़ेगा. जर्मन विदेश कार्यालय का मानना है कि स्टाफ नए आवेदनों पर तेजी से काम करेगा. इससे वीजा जारी करने का काम और अच्छे से होगा.

रिजेक्ट हो जाए तो
जर्मनी ने अनौपचारिक वीजा अपील को खत्म कर दिया है. अब अगर वीजा रिजेक्ट हो जाता है तो आवेदक इस विकल्प को नहीं ले पाएगा. इस जगह पर आवेदक पर सिर्फ दो ऑप्शन होंगे. सबसे पहले आवेदक एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट में वीजा रिजेक्ट के फैसले को चुनौती दे सकते हैं. 

कानूनी अपील करना आसान नहीं है. ये प्रकिया काफी लंबी और महंगी होती है. कई बार तो कोर्ट का फैसला आने में सालों लग जाते हैं. इसकी जगह पर आवेदक दूसरा विकल्प भी ले सकता है. वीजा रिजेक्ट होने के बाद आवेदक को फिर से वीजा की नई फाइल बनानी होगी. दोबारा से वीजा के लिए आवेदन करना पड़ेगा.

भारतीयों पर असर 
भारत से बड़ी संख्या में लोग जर्मनी जाते हैं. बड़ी तादाद में लोग जर्मन नेशनल और शेंगेन वीजा के लिए आवेदन करते हैं. जर्मनी के इस फैसले से भारतीयों पर काफी असर पड़ेगा. वीजा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस की स्टडी के मुताबिक, इस साल शेंगेन वीजा के लिए भारतीय आवेदकों के बीच डिमांड बढ़ी है. 

जर्मनी में भारतीय सैलानियों की संख्या बढ़ी है. 2024 में जर्मनी आने वाले भारतीय टूरिस्ट की तादाद में 8.6% की बढ़ोतरी देखी गई है. साल 2024 में 8.97 लाख से ज्यादा भारतीय लोग जर्मनी में एक रात रुके हैं. 2023 में जर्मनी जाने वाले भारतीयों की संख्या 8.26 लाख थी.

जर्मनी के वीजा नियम में बड़ा बदलाव हो गया है. अब वीजा आवेदकों को आवेदन करने से पहले काफी ध्यान रखना होगा. वीजा के लिए आवेदन करने से पहले एप्लीकेशन को अच्छे-से जांच परख लें. उसमें किसी भी तरह की गलती न हो. जर्मनी में साल 2024 में 2 लाख से ज्यादा वीजा आवेदनों को रिजेक्ट किया गया है.