
29 अगस्त को प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ग्रीनलैंड में तेजी से पिघलने वाली बर्फ की चादर वैश्विक समुद्र स्तर को कम से कम 10.6 इंच (27 सेंटीमीटर) बढ़ा देगी. ये आंकड़ा पूर्वानुमान से दोगुना ज्यादा है. यह वही राशि है जो पिछली शताब्दी में ग्रीनलैंड, अंटार्कटिका और थर्मल विस्तार (जब समुद्र का पानी गर्म होने पर फैलता है) से पहले ही बढ़ चुका है.
'Zombie'आइस क्या है?
अध्ययन के सह-लेखक विलियम कोलगन ने कहा, ''यह किसी ऐसी चीज के कारण है जिसे जॉम्बी आइस कहा जा सकता है. यह एक तरीके की खराब बर्फ होती है, जो बर्फ की मोटी सतह से जुड़ी होती है. पेरेंट ग्लेशियर भी इसे नहीं हटा पा रहा. पुनःपूर्ति के बिना, बर्बाद बर्फ जलवायु परिवर्तन से पिघल रही है और अनिवार्य रूप से समुद्र के जल स्तर को बढ़ा रही है. विलियम कोलगन डेनमार्क और ग्रीनलैंड के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में एक ग्लेशियोलॉजिस्ट हैं.
कोलगन ने एक साक्षात्कार में कहा, "यह मृत बर्फ है. यह बर्फ की चादर से पिघलने और गायब होने वाला है. इस बर्फ को समुद्र में भेज दिया गया है, भले ही हम अभी जो भी जलवायु (उत्सर्जन) परिदृश्य लेते हैं." ग्रीनलैंड सर्वेक्षण के एक ग्लेशियोलॉजिस्ट, अध्ययन के प्रमुख लेखक जेसन बॉक्स ने कहा कि यह "कब्र में एक पैर की तरह है.
समुद्र के स्तर में दोगुने से अधिक वृद्धि
अध्ययन में अपरिहार्य दस इंच समुद्र के स्तर में दोगुने से अधिक वृद्धि है, जैसा कि वैज्ञानिकों ने पहले ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर के पिघलने से उम्मीद की थी. नेचर क्लाइमेट चेंज नामक पत्रिका के अध्ययन में कहा गया है कि यह 30 इंच (78 सेंटीमीटर) तक पहुंच सकता है. इसके विपरीत, पिछले साल की जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल की रिपोर्ट ने वर्ष 2100 तक ग्रीनलैंड की बर्फ के पिघलने से समुद्र के स्तर में संभावित वृद्धि के लिए 2 से 5 इंच (6 से 13 सेंटीमीटर) की सीमा का अनुमान लगाया था.
कोलगन ने कहा, ''अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने जो किया वह बर्फ को संतुलन में देखना था. पूर्ण संतुलन में, ग्रीनलैंड में पहाड़ों में हिमपात नीचे की ओर बहता है और ग्लेशियरों के किनारों को रिचार्ज और मोटा करता है. इससे जो किनारा पिघल रहा है वो बैलेंस हो जाता है. लेकिन पिछले कुछ दशकों में कम पुनःपूर्ति और अधिक पिघलने की वजह से असंतुलन पैदा हो गया है. अध्ययन लेखकों ने जो खोया जा रहा है उसके अनुपात को देखा और गणना की कि ग्रीनलैंड की कुल बर्फ की मात्रा का 3.3% पिघल जाएगा. दुनिया में कार्बन प्रदूषण को कम करने के बावजूद इस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
अध्ययन के लेखकों में से एक ने कहा कि 120 ट्रिलियन टन (110 ट्रिलियन मीट्रिक टन) से अधिक बर्फ पहले से ही गर्म बर्फ की चादर के किनारों को फिर से भरने में असमर्थता से पिघलने के लिए बर्बाद है. जब वह बर्फ पिघलकर पानी में बदल जाती है, अगर वह केवल संयुक्त राज्य पर केंद्रित होती, तो वह 37 फीट (11 मीटर) गहरी होती.
बर्फ कब पिघलेगी?
कोलगन ने कहा कि टीम को नहीं पता कि सभी बर्बाद बर्फ को पिघलने में कितना समय लगेगा, लेकिन अनुमान लगाते हुए उन्होंने कहा कि शायद इस सदी के अंत तक या कम से कम 2150 तक ऐसा होगा.