
इंडोनेशिया के सबसे घनी आबादी वाले द्वीप जावा में सबसे ऊंचा ज्वालामुखी माउंट सेमेरू (Mount Semeru) शनिवार को फूट गया. जिसके बाद आसमान में राख का गुबार छा गया और आसपास रहने वाले लोग दहशत में आ गए. ज्वालामुखी सेमेरू में भारी बारिश के कारण अचानक हुए विस्फोट में राख, सियरिंग गैस और मोटा लावा चारों ओर बिखर गया. ज्वालामुखी के फूटने से एक ग्रामीण की जलने से मौत हो गई और दर्जनों अस्पताल में भर्ती हैं.
पूर्वी जावा प्रांत के लुमाजांग जिले में स्थित माउंट सेमेरू के अचानक फूटने से इसके ढलानों के आसपास के कई गांवों में इससे निकलने वाली राख भर गई. भूगर्भीय सर्वेक्षण केंद्र के प्रमुख एको बुडी लेलोनो ने बताया कि आंधी और बारिश के बाद 3,676 मीटर ऊंचे माउंट सेमेरू में विस्फोट हुआ. उन्होंने कहा कि सियरिंग गैस और लावा का प्रवाह पास की नदी में 800 मीटर (2,624 फीट) तक फैल गया. भूगर्भीय सर्वेक्षण ने लोगों को क्रेटर के मुंह से 5 किलोमीटर तक दूर रहने की सलाह दी है. सोशल मीडिया पर भी ज्वालामुखी विस्फोट के कई वीडियो और तस्वीरें छाए हुए हैं.
राख के घने गुबार से कई गांवों में छाया अंधेरा
लुमाजंग जिला प्रमुख थोरिकुल हक ने कहा कि घनी राख के चलते कई गांवों में अंधेरा फैल गया. लुमाजांग जिला प्रमुख थोरिकुल हक ने बताया कि ज्वालामुखी के फटने के साथ गरज चमक के साथ बारिश हुई. इससे बहने वाले लावा और सुलगता मलबे से दो मुख्य गांवों प्रोनोजिवो और कैंडिपुरो को जोड़ने वाला एक पुल नष्ट हो गया, इससे वहां से लोगों को निकालने में बाधा उत्पन्न हुई. थोरिकुल हक ने कहा कि राख के घने गुबार से कई गांवों में अंधेरा छा गया है. उन्होंने कहा कि कई लोगों को अस्थायी आश्रयस्थलों और दूसरे सुरक्षित इलाकों में ले जाया गया है.
एक व्यक्ति की मौत
उप जिला प्रमुख इंदा मसदर ने कहा कि एक व्यक्ति की गंभीर रूप से जलने से मौत हो गई और 41 को जलने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने कहा कि दो ग्रामीणों के लापता होने की सूचना है और कई लोग अलग-अलग इलाकों में फंस गए हैं. इंदा मसदर ने कहा कि ज्वालामुखी के मलबे से कुरा कोबोकन गांव में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. इंडोनेशिया, 270 मिलियन से ज्यादा लोगों का एक द्वीपसमूह है जोकि भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधि के लिए जाना जाता है. यह प्रशांत रिंग ऑफ फायर के ऊपर है, जिसकी वजह से यहां भूकंप और ज्वालामुखी ज्यादा आते हैं. 3,676 मीटर ऊंचा माउंट सेमेरू पिछली बार जनवरी में फटा था, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ था.