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जान‍िए, अबू धाबी एयरपोर्ट पर हमले की ज‍िम्मेदारी लेने वाले हूती व‍िद्रोह‍ियों के बारे में

हूती विद्रोहियों ने इस साल 2 जनवरी को रवाबी नाम के जहाज को भी अपने कब्जे में ले लिया था. यह मालवाहक जहाज यूएई का था. इस जहाज पर सवार सभी 11 लोगों को बंदी बना लिया गया. इन बंद‍ियों में से 7 भारतीय हैं. संयुक्त राष्ट्र और भारत ने हूतियों से गुजार‍िश की है कि इन सभी लोगों को रिहा कर दिया जाए. सऊदी अरब का कहना है कि यह जहाज इंटरनेशनल इलाके में था. जबकि हूती व‍िद्रोही कह रहे हैं कि जहाज उनके इलाके में था.

हौथियों ने सऊदी अरब पर कई बार सीमा पार मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं हौथियों ने सऊदी अरब पर कई बार सीमा पार मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं
हाइलाइट्स
  • यमन के हूती विद्रोहियों ने UAE में किया बड़ा हमला

  • हमले में तेल के तीन टैंकर फटे, आग अबू धाबी एयरपोर्ट तक पहुंची

  • हूती व‍िद्रोह‍ियों ने 14 स‍ितंबर 2019 को सऊदी अरब में भी क‍िए थे ऐसे ही हमले

संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE (United Arab Emirates) में सोमवार को बड़ा हमला हुआ. इस हमले में तेल के तीन टैंकर फट गए हैं और आग अबू धाबी एयरपोर्ट तक पहुंच गई. इस हादसे में तीन लोगों की मौत की खबर है. मारे गए लोगों में 2 भारतीय हैं जबक‍ि एक पाक‍िस्तानी मूल का शख्स है. यमन के हूती विद्रोहियों ने इस हमले की ज‍िम्मेदारी ली है. हालांक‍ि, ऐसा पहली बार नहीं है जब हूती व‍िद्रोह‍ियों ने इस तरह के हमलों को अंजाम द‍िया है. 

इससे पहले हूतियों ने इसी तरह कई बार सऊदी अरब पर हमले किए हैं. लेकिन इस बार उन्होंने UAE को निशाना बनाया है. हूतियों ने सऊदी अरब में तेल से जुड़े सुविधा केंद्रों और कई शहरों पर मिसाइलें दागी हैं. हूती व‍िद्रोह‍ियों ने 14 स‍ितंबर 2019 को सऊदी अरब में ऐसे ही दो तेल सुव‍िधा केंद्रों पर हमले क‍िए थे. ऐसा कहा जाता है क‍ि हूती व‍िद्रोही सऊदी अरब के यमन युद्ध में शामिल होने से नाराज हैं.

हूत‍ियों के निशाने पर यूएई क्यों ?

आपको बता दें क‍ि यमन के बडे़ हिस्से पर हूती विद्रोहियों का कब्जा है. यहां सऊदी अरब के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन इंटरनेशनल लेवल पर मान्यता प्राप्त सरकार की बहाली के लिए हूती व‍िद्रोह‍ियों के खिलाफ लड़ रहा है. यमन के गृह युद्ध में लड़ाई के लिए यूएई, सऊदी गठबंधन में 2015 में शामिल हो गया था. इस वजह से हूती व‍िद्रोही अब यूएई को निशाना बना रहे हैं. 

हूती विद्रोहियों ने इस साल 2 जनवरी को रवाबी नाम के जहाज को भी अपने कब्जे में ले लिया था. यह मालवाहक जहाज यूएई का था. इस जहाज पर सवार सभी 11 लोगों को बंदी बना लिया गया. इन बंद‍ियों में से 7 भारतीय हैं. संयुक्त राष्ट्र और भारत ने हूतियों से गुजार‍िश की है कि इन सभी लोगों को रिहा कर दिया जाए. सऊदी अरब का कहना है कि यह जहाज इंटरनेशनल इलाके में था. जबकि हूती व‍िद्रोही कह रहे हैं कि जहाज उनके इलाके में था.

90 के दशक में उभरीं इस आंदोलन की जड़ें

हूती आंदोलन के सदस्य खुद को अंसार अल्लाह यानी अल्लाह के समर्थक मानते हैं. हूती आंदोलन एक इस्लामी राजनीतिक और हथ‍ियारबंद आंदोलन है. इस आंदोलन की जड़ें 1990 के दशक में उत्तरी यमन में सादा से उभरीं. हूती आंदोलन मुख्य तौर पर जैदी शिया बल है, जिसकी अगुवाई बड़े पैमाने पर हूती कबीलाई समुदाय करता आ रहा है. यह समुदाय सऊदी अरब की सरहद से सटे यमन के उत्तरी प्रांत सादा के पास रहता था.

1980 के दशक में हूती का उदय हुआ. यमन के उत्तरी इलाके में शिया मुसलमानों की एक शाखा जायडिज्म के बागियों के साथ एक बड़ा आदिवासी संगठन बना. यह पूरी तरह सलाफी विचारधारा के विस्तार के ख‍िलाफ था. उन्होंने देखा कि अब्दुल्ला सालेह की आर्थिक नीतियों की वजह से उत्तरी इलाके में असमानता बढ़ी है. हूती इस आर्थिक असमानता से नाराज थे.

कभी सालेह की सत्ता को दी थी चुनौती

हूती आंदोलन का असर उस वक्त बड़े पैमाने पर द‍िखा जब इन्होंने 2004 में यमन के पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह को चुनौती दी. इसके बाद 2014 तक तत्कालीन राजधानी साना और देश के उत्तरी इलाके में हूती विद्रोहियों ने अपनी पकड़ मजबूत की. ये व‍िद्रोही यमन में सिविल वॉर के समय सऊदी अरब और उसके सहयोगियों की सरहद पर लगे इलाके में काफी सक्र‍िय रहे.

2000 के दशक में एक नागरिक सेना बनने के बाद हूती व‍िद्रोह‍ियों ने 2004 से 2010 के बीच सालेह की सेना से छह बार जंग लड़ी. साल 2011 में अरब के दखल की वजह से यह जंग खत्म हुई. मुल्क में शांति की पहल के लिए दो साल तक बातचीत भी हुई लेकिन यह नाकाम रही. इसके बाद हूती व‍िद्रोह‍ियों ने सऊदी समर्थित नए यमनी नेता आब‍िद रब्बो मंसूर हादी को सत्ता से बेदखल कर दिया और राजधानी सना को अपने कब्जे में ले लिया. हूती व‍िद्रोह‍ियों की बढ़ती ताकत से सऊदी अरब और यूएई घबरा गए. इन मुल्कों ने अमेरिका तथा ब्रिटेन की मदद से हूती लड़ाकों  के खिलाफ हवाई और जमीनी हमले करने शुरू कर दिए.

ईरान की सत्ता कर रही इन व‍िद्रोह‍ियों की मदद

सऊदी अरब के पश्चिमी सहयोगी ईरान पर हूती विद्रोहियों को हथियार और आर्थिक मदद करने का आरोप लगाते रहे हैं. ईरान की सरकार के बयान भी हूती व‍िद्रोह‍ियों के समर्थन में रहे हैं. हालांक‍ि हूती समर्थक इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते रहे हैं. 
जानकार मानते हैं कि हूती व‍िद्रोही जिन मिसाइलों और ड्रोन हथ‍ियारों का इस्तेमाल कर कर रहे हैं, उनके डिजाइन और तकनीक ईरानी की हैं. हालांकि कई जानकार ये भी मानते हैं कि मिसाइल और छोटे हथियार ओमान के रास्ते आए हैं.