
Nobel Prize: दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल को माना जाता है. इस साल 6 अक्टूबर से नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा शुरू हो गई है. 13 अक्टूबर 2025 तक नोबेल पुरस्कार शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिए जाएंगे. सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों मैरी ई. ब्रेकॉ (अमेरिका), फ्रेड राम्सडेल (अमेरिका) और शिमोन सकागुची (जापान) को दिया गया. यह पुरस्कार उनकी 'पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस' (शरीर के बाहरी हिस्सों में इम्यून सिस्टम की सहनशीलता) से जुड़ी खोजों के लिए दिया गया. आइए जानते हैं आखिर ये नोबेल पुरस्कार क्या है, इसकी शुरुआत कब हुई, इस पुरस्कार के लिए चुनाव कैसे होता है, कितने लोग नॉमिनेट हो सकते हैं और कितनी प्राइज मनी मिलती है?
नोबेल पुरस्कार की कैसे हुई शुरुआत
नोबेल पुरस्कार की शुरुआत नोबेल फाउंडेशन ने साल 1901 में की थी. ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है. यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने पिछले साल मानव जाति के लिए सबसे बड़ा उपकार किया हो. ये पुरस्कार शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दुनिया का सर्वोच्च पुरस्कार है.
कौन थे अल्फ्रेड नोबेल
अल्फ्रेड नोबेल स्वीडन के वैज्ञानिक, बिजनेसमैन और एंटरप्रेन्योर थे. अल्फ्रेड नोबेल ने लगभग 355 आविष्कार किए थे. जिसमें डायनामाइट का आविष्कार सबसे पॉपुलर था. दिसंबर 1896 में मृत्यु से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रख दिया. उनकी इच्छा की थी इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए, जिनका काम मानव जाति के लिए सबसे कल्याणकारी साबित हो. स्वीडन के बैंक में जमा राशि के ब्याज से नोबेल फाउंडेशन की ओर से हर वर्ष पुरस्कार दिया जाता है. आपको मालूम हो कि प्रथम विश्व युद्ध जो साल 1914 से 1918 तक चला. द्वितीय विश्व युद्ध जो 1939 से 1945 तक चला, उस समय नोबेल पुरस्कार नहीं दिए गए थे.
कितनी होती है प्राइज मनी
नोबेल पुरस्कार के लिए पुरस्कार राशि वर्तमान में प्रति पुरस्कार 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (SEK) है, जो 2023 के अंत में करीब 1.2 मिलियन अमरीकी डॉलर थी. पुरस्कार विजेताओं को राशि के साथ-साथ एक डिप्लोमा और 18 कैरेट का स्वर्ण पदक मिलता है. नोबेल फाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1900 को हुई थी. यहीं से नोबेल पुरस्कारों का आर्थिक रूप से संचालन किया जाता है. नोबेल फाउंडेशन 5 लोगों की टीम है. इसका मुखिया स्वीडन की किंग ऑफ काउंसिल की ओर से तय किया जाता है. बाकि 4 लोग पुरस्कार वितरक संस्थान के ट्रस्टियों की ओर से तय किए जाते हैं. ये पुरस्कार स्वीडन के राजा के हाथों से विजेताओं को दिया जाता है.
कैसे होता है विजेताओं का चयन
दुनिया भर में हजारों लोग नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन जमा करने के पात्र हैं. इनमें विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, कानूनविद, पूर्व नोबेल पुरस्कार विजेता और स्वयं समिति के सदस्य शामिल हैं. नोबेल फाउंडेशन के नियमों के अनुसार, नामांकनों की जानकारी 50 सालों तक सार्वजनिक या निजी तौर पर जाहिर नहीं की जानी चाहिए. यह प्रतिबंध न सिर्फ नॉमिनेटेड व्यक्तियों और नॉमिनेटर्स पर लागू होता है, बल्कि पुरस्कार प्रदान करने से संबंधित जांच और राय पर भी लागू होता है.
हर पुरस्कार समिति थोड़ी अलग होती है, लेकिन आखिर में वो सभी अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा को पूरा करने के लिए काम करती हैं. उनके इच्छा के अनुसार नोबेल पुरस्कार उन लोगों को दिया जाना चाहिए जिन्होंने मानव जाति को सबसे बड़ा लाभ पहुंचाया है. एक नोबेल पुरस्कार को अधिकतम तीन व्यक्तियों द्वारा साझा किया जा सकता है. यह नियम कि कोई पुरस्कार सिर्फ तीन लोगों को ही दिया जा सकता है, नोबेल फाउंडेशन के कानूनों से आता है, जो नोबेल की वसीयत के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार है. इसमें साफतौर पर कहा गया है, किसी भी स्थिति में पुरस्कार राशि तीन से ज्यादा व्यक्तियों के बीच विभाजित नहीं की जा सकती. नोबेल पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिया जा सकता. हालांकि सन् 1974 से यदि पुरस्कार की घोषणा के बाद विजेता की मृत्यु हो जाती है तो उसे यह पुरस्कार दिया जा सकता है.