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Operation Sindoor: पाकिस्तान के सपोर्टर अजरबैजान को सबक सिखाएंगे भारत के ये 3 हथियार

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत को दुनियाभर का समर्थन मिला. लेकिन तुर्किए और अजरबैजान नाम पाकिस्तान का साथ दिया. अजरबैजान को सबक सिखाने के लिए उसका पड़ोसी और कट्टर दुश्मन आर्मेनिया ही काफी है. भारत ने आर्मेनिया को 3 घातक हथियार दिए हैं. इसकी मदद से आर्मेनिया अजरबैजान को सबक सिखा सकता है.

Azerbaijan President Ilham Aliyev Azerbaijan President Ilham Aliyev

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इसके बाद पाकिस्तान के साथ तनाव काफी बढ़ गया था. भारत के इस ऑपरेशन को दुनियाभर के देशों का समर्थन मिला. लेकिन इस समय तुर्किए और अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया. देशभर में तुर्किए के सामानों का बहिष्कार की मांग उठने लगी है. उधर, अरजबैजान के साथ भी व्यापार बंद करने और पर्यटकों को उस देश में जाने से रोकने की मुहिम चल पड़ी है. लेकिन अजरबैजान को सबसे बड़ा सबक भारतीय हथियार सिखा रहे हैं.

अजरबैजान के दुश्मन के पास भारत के हथियार-
अजरबैजान का सबसे बड़ा दुश्मन छोटा सा देश आर्मेनिया है. भारत ने आर्मेनिया को कई घातक और विनाशक हथियार दिए हैं. आर्मेनिया भारत का सबसे बड़ा हथियार आयातक देशों में से एक है. दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं. साल 2023-24 भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. इस साल भारत ने आर्मेनिया को 2.63 बिलियन डॉलर के हथियार एक्सपोर्ट किए. जबकि साल 2022-23 में इससे 32.5 फीसदी कम था.

भारत ने आर्मेनिया को दिए ये 3 खतरनाक हथियार-
साल 2020 में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर युद्ध हुआ. इसके बाद भारत और आर्मेनिया के बीच एक सामरिक साझेदारी की शुरुआत हुई. आर्मेनिया ने भारत के साथ 2 बिलियन डॉलर के रक्षा समझौते किए. चलिए आपको बताते हैं कि आर्मेनिया भारत से कौन-कौन हथियार खरीदता है, जिससे दुश्मन अजरबैजान को सबक सिखा सके.

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पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम-
भारत ने आर्मेनिया को पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम दिया है. इससे आर्मेनिया को नागोर्नो-काराबाख जैसे इलाके में अजरबैजान के खिलाफ रणनीतिक बढ़त मिलती है. पिनाका को डीआरडीओ ने डिजाइन किया है और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टुब्रो कंपनियों ने इसे बनाया है. इस रॉकेट लॉन्च सिस्टम में जीपीएस और गाइडेड सिस्टम लगा है.

आकाश-1एस मिसाइल सिस्टम-
आकाश-1एस एख मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम है. इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है. इसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने डेवलप किया. आर्मेनिया ने साल 2022 में 15 आकाश-1एस सिस्टम के लिए 720 मिलियन डॉलर का ऑर्डर दिया था. इस मिसाइल सिस्टम का दूसरा बैच डिलीवर हो चुका है. आकाश मिसाइल सिस्टम लड़ाकू विमान, गाइडेड मिसाइल और ड्रोन को मार गिराने में सक्षम है.

डोर्नियर-228 निगरानी विमान-
अजरबैजान से लड़ने के लिए आर्मेनिया ने भारत से डोर्नियर-228 निगरानी विमान का भी सौदा किया है. इसके होने से आर्मेनिया की टोही और निगरानी क्षमता बढ़ती है. इससे आर्मेनिया अपने हवाई क्षेत्र की निगरानी और नियंत्रण अधिक प्रभावी बना सकता है. इस विमान को निगरानी और परिवहन के साथ-साथ दूसरे कामों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा भारत ने आर्मेनिया को कई और सामान भी दिए हैं. इसमें एंटी-टैंक गाइडेड रॉकेट, नाइट-विजन गॉगल्स, बुलेट प्रूफ जैकेट और गोला-बारूद शामिल हैं.

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