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INDO-UAE Conclave 2025: UAE को दुनिया के चमत्कारों में से एक मानता हूं... इंडो-यूएई कॉन्क्लेव में बोले अरुण पुरी

कार्यक्रम की शुरुआत इंडिया टुडे के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी के स्वागत भाषण के साथ हुई. इंडिया टुडे के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ ने कहा कि अब, जब मैं UAE को देखता हूं, तो मैं इसे दुनिया के चमत्कारों में से एक मानता हूं. जहां का रेगिस्तान दुनिया के सबसे एडवांस शहरों में तब्दील हो चुका है. खास तौर पर दुबई और अबू धाबी की पहचान सबसे अलग है. यह इस बात का प्रतीक है कि महत्वाकांक्षा, विजन, लीडरशिप और टेक्नोलॉजी क्या कर सकती है.

India Today Group Chairman and Editor-in-Chief Aroon Purie India Today Group Chairman and Editor-in-Chief Aroon Purie

दुबई के द पाम जुमेराह के एग्जॉटिका रिसॉर्ट एंड स्पा में इंडिया टुडे इंडो-यूएई कॉन्क्लेव 2025 हुआ. इसमें दोनों देशों के नीति निर्माताओं और व्यापारिक लीडर्स ने हिस्सा लिया. इस आयोजन का मकसद द्विपक्षीय साझेदारियों को और भी मजबूत बनाने पर मंथन करना और व्यापार, शिक्षा, पर्यटन, निवेश और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में नए मौके की तलाश करना रहा. इसमे इस बात पर चर्चा हुई कि भारत और यूएई के बीच आर्थिक साझेदारी को कैसे और मजबूत किया जा सकता है?

यूएई की तारीफ-
कार्यक्रम की शुरुआत इंडिया टुडे के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी के स्वागत भाषण के साथ हुई. इंडिया टुडे के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ अरुण पुरी ने कहा कि मैं पहली बार 1970 में दुबई आया था, यानी 55 साल पहले. मुझे यहां सरकार के लिए एक प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया गया था. जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, उस समय यहां बहुत कम सुविधाएं थीं. यहां तक कि कुछ सरकारी दफ्तर भी केबिन में थे, जैसे कंस्ट्रक्शन साइट पर इस्तेमाल किए जाते हैं.

उन्होंने आगे बताया कि अब, जब मैं UAE को देखता हूं, तो मैं इसे दुनिया के चमत्कारों में से एक मानता हूं. जहां का रेगिस्तान दुनिया के सबसे एडवांस शहरों में तब्दील हो चुका है. खास तौर पर दुबई और अबू धाबी की पहचान सबसे अलग है. यह इस बात का प्रतीक है कि महत्वाकांक्षा, विजन, लीडरशिप और टेक्नोलॉजी क्या कर सकती है. इसके लिए अरुण पुरी ने UAE के पूर्व और वर्तमान शासकों का आभार जताया.

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'टू नेशन, वन फ्यूचर'
अपने संबोधन में अरुण पुरी ने कहा कि पिछले दो दशकों से इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में ग्लोबल लीडर्स, चेंजमेकर्स और दुनिया की दमदार आवाजों को भारत की कहानी पर विचार-विमर्श के लिए आमंत्रित किया जाता रहा है. आज, यह कहानी साउथ एशिया से वेस्ट एशिया तक अपना विस्तार कर रही है, वास्तव में लोकल से ग्लोबल हो रही है.

उन्होंने कहा कि हम यहां 'भारत और UAE: टू नेशन, वन फ्यूचर' का जश्न मनाने के लिए जमा हुए हैं. इसके लिए दुबई से बेहतर शहर और क्या हो सकता है. यह विजनरी सिटी जो बदलाव, कनेक्टिविटी और महत्वाकांक्षा की भावना को दर्शाती है उसे हम भारत- UAE संबंधों में उजागर करना चाहते हैं. अरुण पुरी ने कहा कि भारत की तरह ही यह देश भी विविधतापूर्ण, गतिशील है और अपने हिसाब से भविष्य को परिभाषित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है. मेरा मानना है कि भारत और UAE के बीच कूटनीतिक कामयाबी की कहानी को 21वीं सदी में सबसे कम आंका गया है.  

संबंधों की मजबूती पर जोर-
अरुण पुरी ने कहा कि हम यहां सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों के ऑब्जर्वर्स के रूप में नहीं हैं. हम यहां मजबूत होती साझेदारी में भागीदार के रूप में हैं. भारत और UAE के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं, बहुआयामी हैं और भविष्य के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि बढ़ते कारोबार से लेकर मजबूत होते सांस्कृतिक संबंध, राजनीतिक जुड़ाव से लेकर रणनीतिक वार्ताओं तक, यह एक ऐसी साझेदारी है जो न सिर्फ बढ़ रही है, बल्कि विकसित भी हो रही है.
उन्होंने कहा कि भारत और UAE के बीच लंबे समय से मजबूत व्यापारिक संबंध रहे हैं, जिसमें UAE, भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है और भारत, UAE के एक्सपोर्ट का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र है. द्विपक्षीय व्यापार पहले ही 83 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है और  इस दशक के भीतर इसके 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा होने की उम्मीद है. लेकिन आंकड़े कहानी का सिर्फ एक हिस्सा ही बताते हैं. हम लेन-देन के संबंधों से आगे  बढ़कर बदलाव के युग में दाखिल हो रहे हैं. व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) ने द्विपक्षीय व्यापार के पैमाने और गति को फिर से परिभाषित किया है.

अहम हैं कारोबारी रिश्ते-
अरुण पुरी ने कहा कि टैरिफ आजकल चर्चा का विषय है, इसलिए इसे कैसे किया जाए, इसका एक उदाहरण यहां दिया गया है. दोनों देशों ने ड्यूटी खत्म कर दी हैं, UAE ने अपनी 97.4 फीसदी टैरिफ लाइन को खत्म कर दिया है, जो भारत से इंपोर्ट के 99 फीसदी के बराबर है. भारत ने भी जवाब में अपनी 80 फीसदी से ज्यादा टैरिफ लाइन पर ड्यूटी को हटा दिया है, जो उसके 90 फीसदी एक्सपोर्ट को कवर करता है. 

उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच भरोसा और भी गहरा हो रहा है और दोस्ती मजबूत हो रही है. ग्रीन एनर्जी से लेकर फिनटेक, लॉजिस्टिक्स से लेकर AI, स्पेस टेक्नोलॉजी से लेकर फूड सिक्योरिटी तक कई क्षेत्रों में क्रास बॉर्डर इन्वेस्टमेंट हो रहा है. पिछले 25 साल में भारत को संयुक्त  अरब अमीरात से 22 बिलियन डॉलर से ज्यादा का FDI हासिल हुआ है, जिससे यह भारत में 7वां सबसे बड़ा निवेशक बन गया है. एक सच्चे दोस्त की तरह, भारत भी संयुक्त अरब अमीरात के परिवर्तन की कहानी पर दांव लगा रहा है.

अरुण पुरी ने कहा कि हम ऐसे युग में रह रहे हैं जहां वैश्वीकरण को फिर से परिभाषित किया जा रहा है, बहुपक्षवाद पीछे हट रहा है और क्षेत्रवाद बढ़ रहा है. पूर्वी यूरोप, हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया में महाशक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता फिर से उभर आई है. इस उतार-चढ़ाव के बीच, भारत-UAE साझेदारी एक दुर्लभ स्थिरता प्रदान करती है, विश्वास, व्यावहारिकता और पारस्परिक लाभ पर आधारित संबंध इसके गवाह हैं.

उन्होंने कहा कि भारत में आयोजित जी-20 समिट में संयुक्त अरब अमीरात ने एक नए आर्थिक गलियारे भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर या IMEC के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी, जो भारत को मध्य पूर्व के जरिए यूरोप से जोड़ता है. यह प्रोजेक्ट सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में नहीं है, बल्कि 21वीं सदी में सप्लाई चेन, डेटा फ्लो और एनर्जी रूट के बारे में भी है.

भविष्य की ओर बढ़ रहे संबंध-
इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी ने कहा कि क्लाइमेट डिप्लोमेसी में, दोनों देश ग्रीन एजेंडे को आकार देने के लिए सहयोग कर रहे हैं, जिसमें भारत का नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना  और  UAE की ओर से COP28 की मेज़बानी करना शामिल है. भारत-UAE साझेदारी अतीत में अटकी नहीं है, यह भविष्य की ओर बढ़ रही है. हम फिनटेक, डिजिटल पेमेंट और उभरती हुई टेक्नोलॉजी और एजुकेशन में इनोवेशन देख रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत-UAE संबंध इकोनॉमिक्स से परे हैं, यह टाइम टेस्टेड कल्चरल ब्रिज हैं. यह सांस्कृतिक, भावनात्मक और मानवीय जुड़ाव बहुत गहरा है. 3.5 मिलियन से ज्यादा भारतीय, UAE को अपना घर कहते हैं, वे प्रवासी नहीं हैं और वे UAE के विकास में भागीदार हैं. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड यहां खूब फलता-फूलता है. क्रिकेट हमें एकजुट करता है और भारतीय पकवान अमीराती स्वाद को और भी स्वादिष्ट बनाते हैं. अबू धाबी में एकमात्र हिंदू मंदिर है और केरल में सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है. यह सह-अस्तित्व का एक उदाहरण है.

काफी अहम है ये कॉन्क्लेव-
अरुण पुरी ने कहा कि इंडिया टुडे को दुबई में इस कॉन्क्लेव की मेज़बानी करने पर गर्व है. हमारा मानना है कि सार्थक साझेदारी संवाद, पारदर्शिता और आपसी समझ पर आधारित होती है. पोलराइज नैरेटिव और तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए तथ्यों की दुनिया में विश्वसनीय पत्रकारिता और इस तरह के मंचों की भूमिका और भी अहम हो जाती है.

उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव उस कहानी को सुर्खियों में लाने की हमारी एक छोटी से कोशिश है. न सिर्फ इसका जश्न मनाने के लिए, बल्कि इसे आगे बढ़ाने के लिए भी. यह इस बातचीत की शुरुआत भी है कि दो महत्वाकांक्षी राष्ट्र जब एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, व्यापार करते हैं और साथ मिलकर सोचते हैं तो वे क्या हासिल कर सकते हैं. 

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