
इंडोनेशिया में हाल ही में हुए छात्र प्रदर्शनों ने जहां सरकार और नेताओं की ऐशोआराम भरी जिंदगी पर सवाल खड़े किए, वहीं इस दौरान नेताओं के घरों से मिली सहमी और भूखी-प्यासी बिल्लियां अब जनता के गुस्से का नया प्रतीक बन गई हैं. राजधानी जकार्ता में लूटपाट और हमलों के बीच कई सांसद अपने आलीशान घरों को छोड़कर भाग गए, लेकिन अपने पालतू जानवरों को वहीं छोड़ दिया. इन बिल्लियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और नेताओं की संवेदनहीनता का प्रतीक बन गईं.
नेताओं पर लगे आरोप
नेशनल मैंडेट पार्टी (पीएएन) के सांसद और सेलिब्रिटी उया कुआया और एको पत्रियों पर आरोप है कि उन्होंने आंदोलन के दौरान अपने पालतू जानवरों को घरों में ही छोड़ दिया और खुद सुरक्षित जगह भाग गए. हालांकि दोनों नेताओं ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि “लूटपाट और अफरा-तफरी में बिल्लियों को साथ ले जाना संभव नहीं था.”
फिर भी, जब सोशल मीडिया पर भूखी और डरी हुई बिल्लियों की तस्वीरें सामने आईं तो जनता का गुस्सा और भड़क गया. लोगों ने सवाल उठाया, “जो नेता अपने पालतू जानवरों की जिम्मेदारी नहीं निभा सकते, वे देश और जनता की जिम्मेदारी कैसे निभाएंगे?”
इंडोनेशिया और बिल्लियों का खास रिश्ता
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिल्लियां पालने वाला देश इंडोनेशिया है. यहां बिल्लियों को इस्लाम में ऊंचा दर्जा मिलने की वजह से भी सम्मान दिया जाता है. यही कारण है कि पालतू बिल्लियों के साथ इस तरह का बर्ताव जनता को और ज्यादा नागवार गुजरा.
सोशल मीडिया के इस दौर में पालतू जानवर नेताओं की छवि गढ़ने का जरिया तो बनते हैं, लेकिन कई बार यही छवि उनके खिलाफ भी चली जाती है. इंडोनेशिया में बिल्लियों से जुड़ी यह घटना इसका ताजा उदाहरण है.
राष्ट्रपति की बिल्ली ‘बॉबी’ बनी स्टार
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोयो सुबियांतो की बिल्ली बॉबी की इंस्टाग्राम पर 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. चुनावों से पहले बॉबी के साथ उनकी तस्वीरों ने उनकी सख्त और अनुशासित छवि को एक दयालु और पशु-प्रेमी बुजुर्ग के रूप में बदल दिया था.
आज बॉबी लग्जरी पेट स्ट्रोलर में घूमती है, उसके साथ सिक्योरिटी टीम रहती है और वह ऑफिशियल प्रोग्राम्स में भी शामिल होती है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने उसे खास स्कार्फ गिफ्ट किया. उपराष्ट्रपति गिवान स्काबूमिंग राका और पूर्व जकार्ता गवर्नर अनिस बासवेदन जैसे नेता भी अपनी छवि सुधारने के लिए पालतू जानवरों का सहारा लेते रहे हैं.
जनता का गुस्सा और नेताओं की अपील
हालिया प्रदर्शनों में सांसदों के भत्ते बढ़ाने और उनकी ऐशोआराम भरी जिंदगी के खिलाफ आम जनता सड़कों पर उतरी थी. लूटपाट और तोड़फोड़ के बीच कई बिल्लियां गायब हो गईं. कुछ को प्रदर्शनकारियों ने बचाया, लेकिन अब नेता खुद जनता से अपनी बिल्लियों को लौटाने की अपील कर रहे हैं.
----------End----------