

गज़ा में फिलिस्तीनी प्रशासन ने आरोप लगाया है कि अमेरिका से आए हुए आटे के बोरों में ड्रग्स पाए गए हैं. गज़ा की सरकार ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी वितरण केंद्रों पर बंट रहे आटे के बोरों में 'ऑक्सिकोडॉन' नाम का ड्रग मिला है. बयान में कहा गया कि यह मुमकिन है कि ये ड्रग जानबूझकर आटे में डाला गया हो. ऑक्सिकोडॉन एक तरह का पेनकिलर है जो डॉक्टर के परामर्श पर ही दिया जा सकता है. यह ड्रग इंसान के लिए क्यों खतरनाक हो सकता है, आइए समझते हैं.
क्या है ऑक्सिकोडॉन?
ऑक्सीकोडॉन (Oxycodone) ओपिओइड परिवार का एक ड्रग है. इसका इस्तेमाल गंभीर दर्द से राहत के लिए किया जाता है जब नियमित पेनकिलर दवाएं काम नहीं करतीं, खास तौर पर कैंसर रोगियों के लिए या किसी सर्जरी के बाद. फिलिस्तीन के डॉक्टर उमर हम्माद के अनुसार, इस दवा के साथ समस्या यह है कि यह नर्वस सिस्टम में विशिष्ट रिसेप्टर्स पर काम करती है.
इससे इंसान को गंभीर लत लग सकती है, हृदय गति में कमी आ सकती है. साथ ही जागरूकता और चेतना में भी कमी आ सकती है. कई मौकों पर सांस लेने की परेशानी भी पैदा हो सकती है. डॉक्टर हम्माद की मानें तो इसके साइड इफ़ेक्ट बहुत ज़्यादा हैं. अगर डॉक्टरी परामर्श के बिना इसे लिया जाए तो इसकी लत इंसान को पूरी तरह बदल सकती है.
गज़ा में वितरण केंद्र क्यों चला रहा अमेरिका?
इसराइल ने दक्षिणी और मध्य गज़ा में चार सहायता वितरण केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है. इसराइली मीडिया का कहना है कि इसका उद्देश्य फ़िलिस्तीनियों को उत्तरी गज़ा से दक्षिणी गज़ा की ओर भेजना है. इसराइल की इस योजना का अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र ने विरोध किया था. दरअसल इसराइल की इस व्यवस्था ने संयुक्त राष्ट्र के वितरण केंद्रों की जगह ले ली है.
इन नए वितरण केंद्रों के पास से लगातार गोलीबारी की खबरें आती रहती हैं, जहां इसराइली सैनिक खाना ले रहे फिलिस्तीनियों पर कथित तौर पर फायरिंग करते हैं. गज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 27 मई से सहायता केंद्रों और संयुक्त राष्ट्र खाद्य ट्रक स्थानों के पास इसराइली गोलीबारी में कम से कम 549 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं और 4,000 से अधिक घायल हुए हैं.