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Kim Jong Un: प्लेन की जगह Train से रूस क्यों गए किम जोंग उन? जानिए नॉर्थ कोरिया के नेता की इस बख्तरबंद प्राइवेट ट्रेन की खासियत

Kim Jong Un Reached Russia by Train: उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन जिस ट्रेन पर सवार होकर रूस पहुंचे हैं, वो कोई ऐसी-वैसी ट्रेन नहीं है. इसमें कुल 90 डिब्बे लगे हैं और सभी बुलेटप्रूफ हैं. किम से पहले उनके दादा और पिता भी इस रॉयल ट्रेन से आना-जाना करते थे.

ट्रेन से रूस पहुंचे किम जोंग उन  (फोटो सोशल मीडिया) ट्रेन से रूस पहुंचे किम जोंग उन (फोटो सोशल मीडिया)
हाइलाइट्स
  • ट्रेन में गहरे काले शीशे लगे हैं ताकि इसमें सवार लोगों की पहचान न हो सके

  • किम जोंग की इस ट्रेन में 21 बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी हैं मौजूद 

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी बख्तरबंद ट्रेन में रूस के बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तॉक पहुंचे हैं, जहां वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. आइए जानते हैं किम जोंग प्लेन की जगह ट्रेन से रूस क्यों गए और इस ट्रेन की खासियत क्या है?

प्लेन के बजाय ट्रेन में क्यों गए हैं किम?
साउथ कोरियाई मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग उन के पिता किम जोंग 2 और दादा किम 2 सुंग दोनों को हवाई सफर से डर लगता था. इस डर की वजह जेट की टेस्ट फ्लाइट के दौरान हुआ धमाका था. यहां तक कि किम से पहले ये दोनों कोरियाई नेता भी ट्रैवल से बचते रहे और बहुत जरूरी होने पर ही देश से बाहर जाते थे. इसमें भी जहां तक मुमकिन हो, अपनी ट्रेन से यात्रा करते थे.

साउथ कोरियाई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर किम जोंग उन स्विट्जरलैंड में अपने बोर्डिंग स्कूल के दिनों के दौरान प्लेन से यात्रा करते थे. लेकिन 2011 में पदभार संभालने के बाद से उन्होंने प्लेन से उड़ान भरना लगभग बंद कर दिया. 2018 में आखिरी बार वह तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के लिए सिंगापुर हवाई जहाज से गए थे.

रूस से गिफ्ट में मिली थी ट्रेन
सोवियत लीडर जोसेफ स्टालिन ने इस ट्रेन को 1949 में किम के दादा किम 2 संग को तोहफे में दी थी. उसके बाद साल 1950 में कोरियन युद्ध के दौरान संग ने इसी ट्रेन को अपने हेडक्वार्टर की तरह इस्तेमाल किया और यहीं से दक्षिण कोरिया के खिलाफ युद्ध के लिए अपनी रणनीति बनाई थी. भीतर की तरफ लकड़ी के बेहद भारी काम वाली ये ट्रेन जल्द ही किम खानदान की शाही ट्रेन बन गई.

ट्रेन में क्या-क्या है खास
नहीं हो सकता किसी हमले का असर:  तीन पीढ़ियों से चली आ रही ट्रेन लगभग 250 मीटर लंबी और सारी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है. इसके सारे डिब्बे बख्तरबंद हैं, जिसपर गोली-बारूद का असर नहीं होता. साल 2004 में उत्तर कोरियाई शहर योंगचोन की रेलवे लाइन में एक बारूदी विस्फोट हुआ, जिसमें 150 से ज्यादा जानें गई थीं. ब्लास्ट से कुछ पहले ही ट्रेन उस लाइन से गुजरी थी. इसके बाद से ट्रेन की सुरक्षा और तगड़ी हो गई.

ट्रेन में हैं इतने डिब्बे:  यह कई डिब्बों वाली इंटर-कनेक्टेड ट्रेन है. गहरे हरे और पीले रंग की इस ट्रेन में कुल 90 बोगियां हैं. ट्रेन में गहरे काले शीशे लगे हैं. ताकि इसमें सवार लोगों की पहचान न हो सके. इस ट्रेन के हर बोगी में विशाल बाथरूम भी है और डायनिंग भी है. ट्रेन के सभी डिब्बे बुलेटप्रूफ हैं, जिसकी वजह से यह ट्रेन बहुत भारी हो जाती है. ट्रेन में एक कॉन्फ्रेंस रूम भी है, जहां किम जोंग काम कर सकते हैं. इस ट्रेन की रफ्तार 59 किमी/घंटा है. जब भी किम जोंग नॉर्थ कोरिया या चीन की यात्रा करते हैं, तो उनकी पूरी टीम और सिक्योरिटी इसी ट्रेन में उनके साथ होती है.

इमरजेंसी के लिए लगा है सैटेलाइट फोन: इस ट्रेन में दुनिया के लगभग सभी हिस्सों के खास व्यंजन बनाने वाले शेफ मौजूद होते हैं. इस ट्रेन में रूसी, चीनी, कोरियाई, जापानी और फ्रांस के लजीज कुजीन (खाना) भी बनाए जा सकते हैं. इस ट्रेन में एक रेस्तरां भी है, जिसमें महंगी फ्रांस की वाइन मिलती है. इतना ही नहीं यात्री लाइव लॉबस्टर और पोर्क बारबेक्यू का आनंद ले सकते हैं. इस ट्रेन में मनोरंजन के लिए लाइव डांसिंग और सिंगिंग का भी इंतजाम है. किसी इमरजेंसी में हालात को संभालने के लिए इसमें सैटलाइट फोन, टीवी, और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. जोंग उन की ट्रेन में 21 बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी मौजूद हैं.
 
एक नहीं तीन ट्रेनें चलती हैं साथ: उत्तर कोरिया के भीतर ट्रेन कहीं भी जाए, लगभग एक दिन पहले से ही लाइन्स की चेकिंग शुरू हो जाती है और उस रास्ते को ब्लॉक कर दिया जाता है. यहां तक कि वर्तमान तानशाह ने ऐसा बंदोबस्त करवाया कि इस ट्रेन के निकलने से ठीक पहले एक और प्राइवेट ट्रेन भी उसी पटरी से जाती है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. पीछे-पीछे किम की शाही ट्रेन होती है, जिसके बाद एक और ट्रेन भी रहती है, जिसमें अतिरिक्त सिक्योरिटी और बाकी चीजें रहती हैं.

ट्रेन में मनोरंजन के लिए रहता है डांसर्स का दल: लंबे सफर के दौरान अगर लीडर बोरियत महसूस करने लगें तो उनके मनोरंजन के लिए ट्रेन में डांसर्स का दल रहता है. इंटरनेशनल मीडिया में इस बात का बार-बार जिक्र आता है कि किम के मनबहलाव के लिए ट्रेन में भी लड़कियां चलती हैं, जिन्हें लेडी कंडक्टर कहा जाता है. 

अमेरिका को हथियारों को लेकर बड़ी डील होने का अंदेशा: अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मुलाकात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अमेरिका को अंदेशा है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच हथियारों को लेकर बड़ी डील हो सकती है, जो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद करेगी. अमेरिका ने कहा कि हम उत्तर कोरिया से अपील करते हैं कि रूस को किसी भी तरह के हथियार न दें. बता दें कि उत्तर कोरिया के पास लाखों में आर्टिलरी शेल और रॉकेट हैं.