scorecardresearch

Mac Rutherford: मैक रदरफोर्ड बने दुनिया के सबसे कम उम्र के पायलट, प्लेन से सोलो ट्रिप करने का बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

17 साल के मैक रदरफोर्ड दुनिया के सबसे कम उम्र के पायलट बन गए. जिन्होंने इतनी कम उम्र में अपने माइक्रोलाइट प्लेन से दुनिया का आसमान नाप डाला है. इतनी कम उम्र में दुनिया धुमने वाले मैक के नाम प्लेन से सोलो ट्रिप करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी नाम हो गया है. इतना ही नहीं मैक के नाम सबसे कम उम्र में पायलट का लाइसेंस मिलने का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है.

Mac Rutherford Mac Rutherford
हाइलाइट्स
  • 15 की उम्र में मिला था पायलट का लाइसेंस

  • हवाई सफर पर निकले मैक ने 54 हजार किलोमीटर से ज्यादा भर चुके हैं उड़ान

दुनिया के सबसे कम उम्र के पायलट की जिसने अपने माइक्रोलाइट प्लेन से दुनिया नाप डाली है. इस पायलट की उम्र है केवल 17 साल है. पायलट का नाम है मैक रदरफोर्ड. बचपन से ही मैक आसमान में उड़ने का शौक था. मैक ने ना केवल अपना शौक पूरा कर रहे हैं बल्कि इसी शौक के बूते उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज हो गया है. सबसे खास बात ये है कि मैक रदरफोर्ड को 2020 में पायलट का लाइसेंस मिला. इसके दो साल बाद वो पूरी दुनिया का हवाई सफर करने वाले कम उम्र के पायलट बन चुके हैं. 

मैक ने तोड़े सोलो हवाई उड़ान के सभी रिकॉर्ड
छोटी सी उम्र में मैक ने तजुर्बों की लंबी उड़ान भरी है. 17 साल के मैक रदरफोर्ड के जमीन पर उतरने का इंतजार हो रहा है. पांच महीनों की थका देने वाली सोलो उड़ान के बाद उनका छोटा प्लेन बेल्जियम की धरती पर उतर रहा है. वैसे तो हवा में सोलो ट्रिप करने में रदरफोर्ड माहिर हैं, लेकिन इस बार उनकी उड़ान ने पिछले तमाम रिकॉर्ड धराशाई कर दिए हैं. 

भर चुके हैं 54 हजार किलोमीटर से ज्यादा उडा़न
जिस माइक्रोलाइट प्लेन से मैक ने इस बार 30 मुल्कों का आसमान नापा है. वो उनके लिए कतई आसान नहीं था. हवाई सफर पर निकले मैक ने 54 हजार किलोमीटर से ज्यादा उडा़न भरी है. इस दौरान उन्हें तमाम तकनीकी दिक्कतों से भी दो चार होना पड़ा. कई जगह बारिश ने उन्हें परेशान किया तो कहीं धूल और गर्मी उनकी राह में मुश्किलों की वजह बनी. सूडान में उनके प्लेन का पैनल सिस्टम खराब हुआ तो लगा की मैक ये उड़ान पूरी नहीं कर पाएंगे, लेकिन मैक रुके नहीं और जब वो रुके तो दो विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके थे. 

15 वर्ष के उम्र में ही मिल गया था लाइसेंस
सबसे कम उम्र के पायलट मैक रदरफोर्ड ने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में उड़ना मेरे लिए सबसे कठिन था. वहां मौसम अच्छा नहीं था. जापान से अमेरिका तक मुझे 10 घंटे उड़ना था. इस दौरान मुझे ये भी सुनिश्चित करना था की सबकुछ ठीक रहे. इस दौरान मुझे ना केवल रास्ता खोजना था, बल्कि चुनौतियों का भी सामना करना था. मैक रदरफोर्ड बचपन से ही हवा में उड़ने का शौक रखते है. मैक 15 साल की उम्र में लाइसेंस हासिल करके सबसे कम उम्र के पायलट बन गए थे. उसके बाद तो उनका हवाई जुनून कभी नहीं थमा. फिलहाल दो विश्व रिकॉर्ड अब उनके नाम हैं. सबसे कम उम्र में उड़ान भरने और दुनिया भर की सोलो हवाई ट्रिप का रिकॉर्ड रदरफोर्ड के नाम है. ये दोनो रिकॉर्ड अपने नाम करके मैक बेहद खुश हैं.