
नेपाल में Gen Z आंदोलन के बाद सेना ने कमान संभाल ली है. इससे पहले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने इस्तीफा दे दिया है. इस हिंसा में कई लोगों की जान चली गई है. इससे पहले प्रदर्शनकारी सिंह दरबार में घुस गए. सिंह दरबार में प्रधानमंत्री कार्यालय समेत कई मंत्रालय चला जाते हैं.
क्या है सिंह दरबार?
सिंह दरबार काठमांडू में स्थित है. यह देश का सबसे बड़ा प्रशासनिक भवन है. यहीं से नेपाल की सरकार चलती है. इस भवन में प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर कई अहम मंत्रालय हैं. Gen Z आंदोलनकारी इस भवन में घुस गए और तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने इसमें आग लगा दी. ये पहले शाही महल हुआ करता था. इसको इसके नाम की वजह से 'शेर का महल' भी कहा जाता है.
122 साल पुराना है ये महल-
सिंह दरबार का इतिहास काफी रोचक है. ये महल 122 साल पुराना है. इसका निर्माण साल 1903 में किया गया था. पहले ये महाराजा चंद्र शमशेर का प्राइवेट आवास होता था. इसका निर्माण गुलाम मजदूरों ने किया था. जिस जमीन पर ये महल बना है, वो जमीन मंदिर की थी. लेकिन शाही परिवार ने इस पर कब्जा कर लिया था.
महल बनाने में कितना हुआ था खर्च-
इसको लेकर ये भी कहा जाता है कि इस महल को बनाने के लिए पैसे नहीं थे. इसके लिए तराई का एक बड़ा हिस्सा राजा ने अंग्रेजों को दे दिया था. जिसके बदले में ब्रिटेन से मोटी रकम मिली थी और इसका इस्तेमाल महल बनाने में किया गया था. उस समय इस महल को बनाने में 50 लाख नेपाली रुपए खर्च हुए थे. इस महल में राजा चंद्र शमशेर कुछ ही साल रहे. साल 1920 में चंद्र शेमशेर की मृत्यु हो गई. उसके बाद शाही फैमिली ने इसे 2 करोड़ नेपाली रुपए में बेच दिया गया था.
50 एकड़ में फैला है महल-
यह महल 50 हेक्टेयर में फैला है. यह महल सिर्फ 3 साल में बनकर तैयार हुआ था. साल 1904 तक ये महल एशिया का सबसे लग्जरी पैलेस था. जबकि साल 1973 तक एशिया में सबसे बड़ा सरकारी सचिवालय था. साल 1951 तक ये महल राणा प्रधानमंत्रियों के अधीन था. इसके बाद इसे सरकारी सचिवालय बना दिया गया. साल 1973 में आग लगी थी. इससे पहले इस महल में 7 आंगन और 1700 कमरे थे. इसमें स्टेट हॉल नाम का एक बड़ा कमरा था. साल 2015 में आए भूकंप में सिंह दरबार को नुकसान हुआ था.
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