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Pakistan के PM Shehbaz Sharif आज दे सकते हैं इस्तीफा, कौन संभालेगा बागडोर, चुनाव को लेकर क्या कहता है कानून

Pakistan Politics: पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर नियम के मुताबिक अगर नेशनल असेंबली का कार्यकाल पूरा होता है तो 60 दिन के भीतर चुनाव करना अनिवार्य है. लेकिन असेंबली को समय से पहले भंग कर दिया जाता है तो 90 दिन के भीतर चुनाव कराना होता है. लेकिन पाकिस्तान में आम चुनाव में जनगणना का पेंच फंस गया है.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ इस्तीफा दे सकते हैं (Photo/Instagram) पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ इस्तीफा दे सकते हैं (Photo/Instagram)

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ आज यानी 9 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. आपको बता दें कि निचले सदन का कार्यकाल 12 अगस्त को खत्म हो रहा है. चुनाव की तैयारियों के लिए ज्यादा वक्त मिल सके, इसके लिए ये फैसला किया गया है. इससे पहले शहबाज शरीफ रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय भी गए थे. आर्मी चीफ असीम मुनीर ने पीएम शरीफ का स्वागत किया था.

इस्तीफे से मिलेगा चुनाव के लिए ज्यादा वक्त-
पीएम शहबाज शरीफ नेशनल असेंबली का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इस्तीफा देने जा रहा हैं. दरअसल राष्ट्रपति आरिव अल्वी इमरान खान की पार्टी पीटीआई के पूर्व लीडर हैं. अगर वो संसद भंग करने की मंजूरी नहीं भी देते हैं तो 48 घंटों के भीतर संसद भंग हो जाएगी.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की गठबंधन सरकार पहले 11 अगस्त को भंग होने वाली थी. लेकि आशंका थी कि राष्ट्रपति ऐसा नहीं होने देंगे. ऐसे में पीएमएलएन ने बीच का रास्ता निकालते हुए पहले ही इस्तीफा देने का प्लान बनाया है. अगर राष्ट्रपति संसद भंग करने का नोटिफिकेशन जारी नहीं करते हैं तो 48 घंटे के भीतर संसद खुद भंग हो जाएगी. ऐसे में चुनाव आयोग को चुनाव कराने के लिए 90 दिन का समय मिल जाएगा.

क्या है पाकिस्तान में चुनाव कराने का नियम-
पाकिस्तान के संविधान के तहत अगर नेशनल असेंबली अपना कार्यकाल पूरा कर लेती है तो 60 दिन के भीतर चुनाव करना अनिवार्य है. लेकिन अगर नेशनल असेंबली को समय से पहले भंग कर दिया जाता है तो चुनाव आयोग को चुनाव कराने के लिए 90 दिन का समय मिल जाता है. चुनाव कराने के लिए ज्यादा समय मिल सके, इसलिए शहबाज शरीफ इस्तीफा देने जा रहे हैं और संसद भंग करने की सिफारिश करेंगे.

2023 में चुनाव पर फंसा पेंच-
पाकिस्तान में संसद भंग होने की स्थिति में 90 दिन के भीतर चुनाव होने का नियम है. लेकिन नवभारत टाइम्स ने पाकिस्तानी अखबार डॉन के हवाले से एक रिपोर्ट दी है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में 4 महीने के लिए चुनाव टल सकते हैं. ऐसे में चुनाव 2024 में ही हो पाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक काउंसिल ऑफ कॉमन इंट्रेस्ट ने चुनाव को टालने का फैसला लिया है. अखबार ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है.

नए परिसीमन के बाद चुनाव-
पाकिस्तान के चुनाव आयोग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अब आयोग नए सिरे से परिसीमन के लिए कानूनी तौर पर बाध्य है. इस प्रोसेस को पूरा करने में 4 महीने का वक्त लगेगा. उनके मुताबिक ये संवैधानिक है, इसे पूरा करना ही होगा. चुनाव अधिनियम की धारा 17(1) के तहत आयोग को चुनावों के लिए क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करना है. इस तरह से नई जनगणना के बाद नए परिसीमन के तहत चुनाव होगा. इसके लिए चुनाव आयोग को 120 दिन का समय मिल जाएगा.

पाकिस्तान में केयरटेकर पीएम का नियम-
शहबाज शरीफ के पीएम पद के इस्तीफा देने के बाद पाकिस्तान में केयरटेकर प्रधानमंत्री चुना जाएगा. संविधान के आर्टिकल 224 के तहत केयरटेकर पीएम का चयन होता है. संसद भंग होने पर प्रधानमंत्री और सदन में विपक्ष के नेता की सलाह पर राष्ट्रपति केयरटेकर सरकार का गठन होता है. नियम के मुताबिक संसद भंग होने की स्थिति में 3 दिन के भीतर केयरटेकर पीएम का चुनाव होता है. लेकिन विशेष हालात में इसके लिए 15 दिनों का समय मिलता है.
अगर विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री के बीच केयरटेकर पीएम को लेकर सहमति नहीं बनती है तो ये मामला 8 सदस्यों वाली संसदीय समिति के पास जाएगा. संसद भंग होती है, ऐसे में सांसदों के साथ सीनेट के सदस्य भी कमेटी में शामिल हो सकते हैं. कमेटी में सरकार और विपक्ष के 4-4 सदस्य शामिल होते हैं. कमेटी का गठन स्पीकर करते हैं. इसके बाद कमेटी के सामने दोनों पक्षों से 2-2 नाम सुझाए जाते हैं. इसपर कमेटी 3 दिन के भीतर फैसला लेती है. अगर इसपर भी कमेटी फैसला नहीं ले पाती है तो ये मामला चुनाव आयोग के पास चला जाता है. इसके बाद चुनाव आयोग 2 दिन के भीतर केयरटेकर पीएम के नाम का ऐलान करता है.

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