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पाकिस्तानियों से पूछा कहां जा रहा है देश? बोले- गलत दिशा में, पढ़िए रिपोर्ट

इस सर्वे में देश भर से 18 वर्ष से अधिक उम्र के 1,110 लोगों को शामिल किया गया था. सर्वे में पाया गया कि इन सभी लोगों में से 87 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मानते हैं कि पाकिस्तान गलत दिशा में जा रहा है. इस सर्वे में मुद्रास्फीति (Inflation) या महंगाई को पाकिस्तानियों ने सबसे ज्यादा चिंता वाला मुद्दा बताया है. लगभग 43 प्रतिशत लोगों ने महंगाई बढ़ने को सबसे चिंताजनक मुद्दा बताया है. ये आंकड़ा सितंबर 2021 के हुए सर्वे के बाद से 17 प्रतिशत अधिक है.

Photo: Reuters Photo: Reuters
हाइलाइट्स
  • कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे के मुताबिक, पाकिस्तान के लोग मानते हैं कि उनका देश सही दिशा में नहीं जा रहा है

  • इस सर्वे में देश भर से 18 वर्ष से अधिक उम्र के 1,110 लोगों को शामिल किया गया था

  • बिजली और न्याय व्यवस्था भी है मुद्दा

ज्यादातर पाकिस्तानियों का मानना है कि उनका देश गलत दिशा में जा रहा है. पेरिस बेस्ड मार्केट रिसर्च और कंसल्टिंग फर्म इप्सोस के नवंबर में किए गए कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे के मुताबिक, पाकिस्तान के लोग मानते हैं कि उनका देश सही दिशा में नहीं जा रहा है.

कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स सर्वे में देश भर से 18 वर्ष से अधिक उम्र के 1,110 लोगों को शामिल किया गया था. सर्वे में पाया गया कि इन सभी लोगों में से 87 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मानते हैं कि पाकिस्तान गलत दिशा में जा रहा है. इस रिपोर्ट में कहा गया कि "देश की दिशा के बारे में जनता की भावना अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है.”

पाकिस्तान में महंगाई सबसे बड़ी चिंता 

इस सर्वे में मुद्रास्फीति (Inflation) या महंगाई को पाकिस्तानियों ने सबसे ज्यादा चिंता वाला मुद्दा बताया है. लगभग 43 प्रतिशत लोगों ने महंगाई बढ़ने को सबसे चिंताजनक मुद्दा बताया है. ये आंकड़ा सितंबर 2021 के हुए सर्वे के बाद से 17 प्रतिशत अधिक है.

इन सब में से 14 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्हें बेरोजगारी सबसे चिंताजनक समस्या लगती है, इसके बाद 12 प्रतिशत ने बढ़ती गरीबी पर चिंता जताई है और 8 प्रतिशत ने कोरोनोवायरस महामारी को सबसे चिंताजनक मुद्दा बताया है. आपको बता दें, केवल 5  प्रतिशत लोगो ऐसे हैं जिन्होंने देश में बढ़ रहे टैक्स को मुद्दा बताया है. जबकि 4 प्रतिशत ने कहा कि रुपये का घटता मूल्य सबसे अधिक चिंता का विषय है.

बिजली और न्याय व्यवस्था भी है मुद्दा 

रिसर्च और कंसल्टिंग फर्म इप्सोस के सर्वे में पाया गया कि 3 प्रतिशत लोगों को लगता है बिजली की बढ़ती कीमतें देश में सबसे बड़ा मुद्दा है, वहीं 2 प्रतिशत ने कहा कि बिजली लोड शेडिंग वह समस्या है जिसने उन्हें सबसे अधिक चिंतित किया. 2 प्रतिशत ने भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और भाई-भतीजावाद को सबसे चिंताजनक मुद्दा बताया है और 1 प्रतिशत ने कहा कि एक-दूसरे के मामलों में राज्य के विभागों का हस्तक्षेप सबसे चिंताजनक समस्या है. इसके साथ कई लोगों ने कानून और न्याय को चिंता का मुद्दा बताया है. 

जॉब सिक्योरिटी को लेकर परेशान लोग

इस महीने हुए सर्वे के अनुसार, अगस्त 2019 के बाद से देश में जॉब सिक्योरिटी भी एक मुद्दा है. प्रतिभागियों में से 12 प्रतिशत जॉब सिक्योरिटी के बारे में आश्वस्त थे, सितंबर में ये आंकड़ा 26 प्रतिशत था. वहीं, लगभग 90 प्रतिशत प्रतिभागी ऐसे हैं जो देश में अपनी जॉब सिक्योरिटी को लेकर आश्वस्त नहीं हैं. जो 

रिपोर्ट में कहा गया है, "50 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने पिछले एक साल में खुद या उनके परिचित लोगों ने अपनी नौकरी खोई है.” 

देश की आर्थिक स्थिति 'रॉक बॉटम' हिट

पाकिस्तान के लोगों को लगता है कि उनके देश की आर्थिक स्थिति रॉक बॉटम पर आ गई है. सर्वे में जब देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में जब पूछा गया तो पाया कि केवल 5 प्रतिशत ने इसे "मजबूत" माना है. 40 प्रतिशत ने "कमजोर" बताया वहीं 50 प्रतिशत लोग मानते हैं कि यह "न तो मजबूत है और न ही कमजोर".

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