
Rail Force One (Photo Credit: Railforceone Official)
Rail Force One (Photo Credit: Railforceone Official) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पोलैंड (Poland) के बाद 23 अगस्त 2024 को यूक्रेन (Ukraine) का दौरा करेंगे. 30 सालों में यह किसी भारतीय पीएम की पहली यूक्रेन यात्रा है. पीएम मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे.
यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच पीएम मोदी का यह दौरा जहां चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव क्यों ट्रेन से जा रहे हैं. इस ट्रेन की खासियत क्या है? आइए इन सवालों का जवाब जानते हैं.

पीएम मोदी क्यों कर रहे ट्रेन से यात्रा
विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के बाद यूक्रेन का दौरा इसलिए कर रहे हैं ताकि यह साबित हो जाए कि भारत ने किसी एक पक्ष की साइड नहीं ली है बल्कि उसका फोकस रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने और शांति स्थापित करने में है. पीएम मोदी पोलैंड से रेल फोर्स वन ट्रेन (Rail Force One Train) से 10 घंटे की सफर कर कीव पहुंचेंगे. फिर 10 घंटे यूक्रेन से वापस पोलैंड पहुंचने तक का सफर करेंगे. पीएम मोदी कुल सात घंटे यूक्रेन की राजधानी कीव में रहेंगे. पीएम मोदी ट्रेन से क्यों यूक्रेन का सफर कर रहे हैं तो इसका जवाब यह है कि यूक्रेन और रूस के बीच इस समय युद्ध जारी है.
सड़क या आसमान के रास्ते कीव पहुंचना आसान नहीं है. ड्रोन हमले हो रहे हैं. मिसाइलें दागी जा रही हैं. सड़कों पर जोखिम है तो हवाई अड्डे बंद हो चुके हैं. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से प्लेन से सफर करना अनसेफ हो सकता है. इसी के चलते पीएम मोदी रेल मार्ग से रेल फोर्स वन के जरिए यूक्रेन जा रहे हैं. रेल फोर्स वन कोई साधारण ट्रेन नहीं है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से ये फुलप्रूफ ट्रेन है. दावा है कि इस पर कोई भी हमला कारगर नहीं हो सकता है.

ये नेता भी कर चुके हैं सफर
पीएम मोदी से पहले रेल फोर्स वन ट्रेन से दुनिया के कई दिग्गज नेता सफर कर चुके हैं. इस ट्रेन से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक, इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज सहित 200 से भी ज्यादा राजनयिक युद्ध के बीच इस ट्रेन से यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं.

ऐसे हुई ट्रेन की शुरुआत
साल 2014 में रेल फोर्स वन ट्रेन को शुरू किया गया था. यह एक लग्जरी पैसेंजर ट्रेन थी. इससे लोग क्रीमिया तक का सफर तय करते थे. इसके बाद रूस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए क्रीमिया पर कब्जा जमा लिया. इसके बाद इस ट्रेन का अधिकतर इस्तेमाल दुनिया टॉप नेताओं को ले जाने के लिए किया जाने लगा. यूक्रेन रेलवे के पूर्व सीईओ और अब मंत्री एलेक्जेंडर कैमिशिन को रेल वन फोर्स की सफलता का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने ही यूएस के राष्ट्रपति बाइडेन के सफर के बाद इस ट्रेन को रेल फोर्स वन नाम दिया था.

रेल फोर्स वन की क्या है खासियत
1. रेल फोर्स वन ट्रेन सुरक्षा के लिहाज से अद्भुत तो है ही साथ ही इसका इंटीरियर भी इसे बेहद आलीशान बनाता है.
2. इस लग्जरी ट्रेन में गेस्ट की सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है. आलीशान बेडरूम भी मौजूद है.
3. ट्रेन की बोगी में कॉन्फ्रेंस रूम भी है, जिसमें कीव दौरे पर आनेवाले मेहमान मीटिंग कर सकते हैं.
4. ट्रेन के अंदर सीटिंग अरेंजमेंट्स इस तरह किया गया है ताकि डेलीगेट्स को संबोधित भी किया जा सके.
5. रूम और कॉन्फ्रेंस हॉल के अलावा ट्रेन में उतना ही शानदार डायनिंग हॉल है. बोगी में आलीशान सोफा और टीवी भी लगा है.
6. ट्रेन के कैबिन एक विशेष प्रकार की लकड़ी से बनाए गए हैं.
7. इस ट्रेन में बख्तरबंद खिड़कियां लगी हैं, जो उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है.
8. इस ट्रेन की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटे है. इस ट्रेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है.
9. इस ट्रेन में इलेक्ट्रिक की जगह डीजल इंजन लगा है. इसकी वजह है कि हमलों में पावर ग्रिड के प्रभावित होने के बावजूद ट्रेन सामान्य रूप से ऑपरेट होती रहे.
10. यह ट्रेन हथियारों से लैस है. इसमें बेहद सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम हैं.
11. इस ट्रेन में पूरे समय हाई टेक सुरक्षाकर्मियों की टीम रहती है, जो लगातार सिक्योरिटी मॉनिटर करती है.