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कौन हैं रानिल विक्रमसिंघे, जिनके कंधे पर टिका है श्रीलंका का भविष्य

Sri Lanka New PM Ranil Wickremesinghe: श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के बीच यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. वकील से राजनेता बने विक्रमसिंघे, 45 साल से संसद में हैं. वह पिछले चार मौकों पर प्रधान मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं.

रानिल विक्रमसिंघे रानिल विक्रमसिंघे
हाइलाइट्स
  • चार मौकों पर प्रधानमंत्री नियुक्त हो चुके हैं विक्रमसिंघे

  • एक वक्त में देश के सबसे युवा मंत्री रह चुके हैं

श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. ऐसे में यूनाइटेड नेशनल पार्टी (United National Party) के नेता रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) को श्रीलंका का नए प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है. भारत के करीबी माने जाने वाले 73 वर्षीय यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के नेता ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए राष्ट्रपति कार्यालय में एक समारोह में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सामने शपथ ली. 

श्रीलंका में सोमवार से किसी सरकार का रूल नहीं थी, क्योंकि गोटबाया के बड़े भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने समर्थकों द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमले के बाद हिंसा भड़कने के बाद इस्तीफा दे दिया था. इस हमले ने राजपक्षे के वफादारों के खिलाफ व्यापक हिंसा शुरू कर दी, जिसमें 9 लोग मारे गए. अपने सहयोगियों पर हिंसक हमलों के बाद नौसैनिक अड्डे पर सुरक्षा में रहे महिंदा ने ट्वीट किया, "श्रीलंका के नवनियुक्त प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बधाई. मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं कि आप इन मुश्किल समय में नेविगेट करें."

कौन हैं रानिल विक्रमसिंघे?
वकील से राजनेता बने विक्रमसिंघे, 45 साल से संसद में हैं. वह पिछले चार मौकों पर प्रधान मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं. श्रीलंका के पहले कार्यकारी राष्ट्रपति जूनियस जयवर्धने के भतीजे विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदास की हत्या के बाद पहली बार 1993-1994 तक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था. उसके बाद 2001-2004 तक भी वह प्रधानमंत्री रहे जब 2001 में यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने आम चुनाव जीता था. लेकिन चंद्रिका कुमारतुंगा के जल्द चुनाव कराने के बाद, 2004 में उन्होंने सत्ता खो दी. उसके उन्हें अक्टूबर 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था, और महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया. सिरिसेना के इस कदम के बाद श्रीलंका में संवैधानिक संकट पैदा हो गया. हालांकि उसके उच्चतम न्यायालय के एक फैसले ने राष्ट्रपति सिरिसेना को विक्रमसिंघे को बहाल करने के लिए मजबूर कर दिया, जिससे राजपक्षे का संक्षिप्त शासन समाप्त हो गया.

अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं विक्रमसिंघे
विक्रमसिंघे को व्यापक रूप से एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता है जो दूरदर्शी नीतियों के साथ अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर सकता है. इसके अलावा उन्हें एक ऐसे श्रीलंकाई राजनेता के रूप में माना जाता है जो अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बलबूते श्रीलंका के लिए काफी सहयोग जुटा सकते हैं. 

देश की सबसे पुरानी पार्टी है यूएनपी
यूएनपी देश की सबसे पुरानी पार्टी है. इसके बावजूद भी 2020 के संसदीय चुनाव में एक भी सीट जीतने में विफल रही थी. 1977 के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली. यूएनपी के मजबूत गढ़ रहे कोलंबो से चुनाव लड़ने वाले विक्रमसिंघे को खुद भी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि उन्होंने अपने संसद पहुंचने का रास्ता फिर भी खोज लिया. उन्होंने संचयी राष्ट्रीय वोट के आधार पर यूएनपी को आवंटित एकमात्र राष्ट्रीय सूची के माध्यम से संसद तक अपना रास्ता बनाया. श्रीलंका को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद 1949 में जन्मे विक्रमसिंघे को 1977 में 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद चुना गया था. वही विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के दौरान ही यूनाइटेड नेशनल पार्टी की यूथ लीग में शामिल हो गए थे. उस वक्त श्रीलंका के सबसे कम उम्र के मंत्री के रूप में उन्होंने राष्ट्रपति जयवर्धने की सरकार में उप विदेश मंत्री का पद संभाला था.