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Trump Tariffs 2025: टैरिफ पर फेडरल कोर्ट से ट्रंप प्रशासन को राहत, भारत पर क्या होगा इसका असर

अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने राष्ट्रपति ट्र्ंप को लिबरेशन डे टैरिफ वसूलने की अस्थाई इजाजत दे दी है. कोर्ट ने अमेरिकी ट्रेड कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. ट्रंप सरकार कोर्ट के अगले आदेश तक टैरिफ वसूलने के फैसले को लागू कर सकती है. अगर यह टैरिफ लागू हुआ तो कोई भी कंपनी कहीं भी निवेश करने से डरेगी. जिससे भारत को झटका लग सकता है. इसके बाद रुपया डॉलर के मुकाबले और टूट सकता है.

Donald Trump Donald Trump

अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने राष्ट्रपति ट्र्ंप को लिबरेशन डे टैरिफ वसूलने की अस्थाई इजाजत दे दी है. यह आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक अदालत इस पर विचार नहीं करती है. इससे पहले मैनहट्टन के इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने टैरिफ लगाने के फैसले पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि ट्रंप ने विदेशी आयात पर व्यापक शुल्क लगाकर अपनी अधिकार सीमा का उल्लंघन किया है. लेकिन अब फेडरल अपील कोर्ट ने ट्रंप को राहत दी है और ट्रेड कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है.

ट्रेड कोर्ट ने क्या कहा था-
अमेरिकी ट्रेड कोर्ट ने कहा था कि आपातकालीन शक्तियां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हर देश पर टैरिफ लागने का अधिकार नहीं देती हैं. अमेरिकी संविधान ने संसद को दूसरे देशों के साथ व्यापार के लिए शक्तियां दी हैं और इनको दरकिनार नहीं किया जा सकता है.

ट्रेड कोर्ट के फैसले के खिलाफ ट्रंप सरकार ने फेडरल कोर्ट में अपील की थी. ट्रंप सरकार ने फेडरल कोर्ट ने तर्क दिया कि ट्रेड कोर्ट के फैसले से व्यापार वार्ता खतरे में पड़ गई है. प्रशासन ने ये भी कहा कि कोर्ट का फैसला सरकार की विदेश और आर्थिक नीति में दखल है. ट्रंप प्रशासन ने फेडरल कोर्ट से ट्रेड कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी.

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फेडरल कोर्ट ने ट्रेड कोर्ट के आदेश पर अस्थाई रोक लगा दी  है. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 जून की तारीख तय की है.

टैरिफ से भारत को होने वाला नुकसान-
ट्रंप प्रशासन ने अप्रैल में कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. इस कदम को लिबरेशन डे टैरिफ कहा गया था. ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप सरकार के फैसले पर रोक लगा दिया था. लेकिन फेडरल कोर्ट ने अस्थाई तौर पर रोक को हटा दिया है. 

भारत सरकार चाहती है कि सभी कंपनियां भारत में निवेश करें. अगर यह टैरिफ लागू हुआ तो कोई भी कंपनी कहीं भी निवेश करने से डरेगी. जिससे भारत को झटका लग सकता है. इसके बाद रुपया डॉलर के मुकाबले और टूट सकता है. इसका भारत की GDP पर भी असर पड़ सकता है. 

अमेरिका भारत से दवाइयाँ, वस्त्र, मशीनरी, रत्न-जवाहरात, और IT सेवाएं मंगवाता है. टैरिफ लागू होने से अमेरिका में इसकी मांग घटेगी, जिससे भारत के एक्सपोर्ट प्रक्रिया पर रूकावट आएगी और रुपया का डॉलर के मुकाबले इंटरनेशनल मार्केट में वेल्यू घटेगा. जिससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर आर्थिक दबाव पर सकता है.

(ये स्टोरी ने अमृता सिन्हा ने लिखी है. अमृता जीएनटी डिजिटल में बतौर इंटर्न काम करती हैं.)

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