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वर्कप्लेस पर सहकर्मी ने की बदसुलूकी... आंखें घुमाकर देती थी ताना... अब कोर्ट ने दिलाया 30 लाख का मुआवजा

मौरीन हॉविसन ने आरोप लगाया कि इक़बाल उनके साथ काम करते समय आंखें घुमातीं, रूखे तरीके से बात करतीं और उन्हें बेइज्ज़त करतीं.

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यूनाइटेड किंगडम (UK) में एक डेंटल नर्स को लगभग 30 लाख (£25,000) रुपये का मुआवजा मिला है. रोजगार न्यायाधिकरण (Employment Tribunal) ने पाया कि नर्स मौरीन हॉविसन को उनकी सहकर्मी, भारतीय मूल की डेंटिस्ट जिसना इक़बाल के कारण परेशानी, तंग करने और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा. 

क्या है पूरा मामला
यह मामला ग्रेट जंक्शन डेंटल प्रैक्टिस, एडिनबर्ग का है, जहां 64 साल की मौरीन हॉविसन पिछले 40 सालों से काम कर रही थीं. यहां उनकी नई सहकर्मी बनीं जिसना इक़बाल ने जॉइन किया. इकबाल भारतीय मूल की हैं. मौरीन हॉविसन ने आरोप लगाया कि इक़बाल उनके साथ काम करते समय आंखें घुमातीं, रूखे तरीके से बात करतीं और उन्हें बेइज्ज़त करतीं. 

हॉविसन का कहना था कि इस वजह से उनका कामकाजी माहौल तनावपूर्ण और असहज हो गया. इक़बाल ने इन आरोपों से इंकार किया, लेकिन न्यायाधिकरण ने मौरीन की गवाही पर भरोसा करते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया. 

तनाव बढ़ने की वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हॉविसन की बीमारी की छुट्टी के दौरान इक़बाल को रिसेप्शन का काम सौंपा गया. मौरीन को गठिया की समस्या के कारण रिसेप्शन पर काम दिया गया था, लेकिन उनकी ड्यूटी बदलने से वह आहत महसूस करने लगीं.

सितंबर 2024 में मौरीन हॉविसन काम के दौरान रो पड़ीं और उन्होंने अपने सहकर्मियों से कहा कि उन्हें “क्लीनर बना दिया गया है.” इस घटना के बाद उन्हें पैनिक अटैक आया. अक्टूबर में उन्हें वेतन भी कम मिला, जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया.

क्या हुआ फैसला
न्यायाधीश रोनाल्ड मैके ने कहा कि क्लिनिक प्रशासन की लापरवाही और मौरीन की शिकायतों पर कार्रवाई न करना “अस्वीकार्य” है.
उन्होंने यह भी कहा कि हॉविसन को दिए गए आश्वासन पूरे नहीं किए गए, जिससे कार्यस्थल पर तनावपूर्ण माहौल बना रहा. 
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