
साल 2004 में जापानी लेखिका युमिको सुगियामा ने अपनी किताब “Sotsukon no Susume” (शादी से ग्रेजुएशन की सलाह) के जरिए शादी की परंपरागत सोच को चुनौती दी. उन्होंने तलाक का सुझाव नहीं दिया, बल्कि एक फ्लेक्सिबल आइडिया दिया- Sotsukon, यानी “Graduating from Marriage.”
इसमें पति-पत्नी कानूनी तौर पर शादीशुदा रहते हैं, लेकिन अपनी-अपनी स्वतंत्र ज़िंदगी जीते हैं. जापान में यह कॉन्सेप्ट धीरे-धीरे पॉपुलर हो रहा है. खासकर रिटायरमेंट के बाद कपल्स शादीशुदा होते हुए भी अपनी जिंदगी अपने-अपने हिसाब से जीते हैं.
यह शब्द दो जापानी शब्दों से बना है:
लंबे समय तक जापानी समाज में शादी का स्ट्रक्चर तय था. जिसमें पुरुष कमाने वाले और महिलाएं घर और बच्चों की देखभाल करने वाली थीं. युमिको सुगियामा ने एक इंटरव्यू में बताया कि ज्यादातर पत्नियां सिर्फ घरेलू ज़िम्मेदारियों तक सीमित हो जाती थीं. बहुत सी महिलाएं अपने पति की रिटायरमेंट से डरती थीं, क्योंकि तब उन्हें चौबीसों घंटे उनकी देखभाल करनी पड़ती.
2014 के एक सर्वे (Interstation Agency) में, 200 शादीशुदा महिलाओं (उम्र 30-60 साल) में से आधी से ज़्यादा ने कहा कि वे Sotsukon अपनाना चाहती हैं. ज़्यादातर ने इसके लिए 60-65 साल की उम्र सही बताई, यानी जब पति रिटायर होते हैं.
महिलाएं क्यों अपनाना चाहती हैं Sotsukon?
एक महिला ने कहा, “मैं अपने पति से प्यार करती हूं, लेकिन हर समय साथ रहने से हम एक-दूसरे को हल्के में लेने लगते हैं. अलग रहना हमें और क़रीब ला सकता है.”
क्यों बढ़ रहा है Sotsukon?
कुछ लोग मानते हैं कि दूरी से रिश्ते और मजबूत हो जाते हैं क्योंकि साथ बिताया गया समय और कीमती लगने लगता है. एक जापानी महिला ने CNN से कहा, “मेरे और मेरे पति के बीच बात करने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं है. उन्हें लगता है कि मैं उनकी नौकरानी हूं. मैं तलाक नहीं चाहती, लेकिन अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जीना चाहती हूं.”
Sotsukon के अलग-अलग तरीके
2018 के एक सर्वे (Meiji Yasuda Research Institute) में पाया गया कि पुरुष और महिलाएं दोनों इस विचार को सकारात्मक मानते हैं, लेकिन महिलाओं में समर्थन ज़्यादा था. खासकर 60 साल की उम्र में लगभग 79% महिलाएं इसके पक्ष में थीं.
एक और ट्रेंड है- Kateinai Bekkyo
जापान में एक और प्रथा है – Kateinai Bekkyo, जिसमें पति-पत्नी नाखुश होकर एक ही घर में रहते हैं लेकिन एक-दूसरे से दूरी बनाए रखते हैं. लेकिन Sotsukon अलग है. इसमें आपसी सम्मान और समझ होती है. इसका मक़सद रिश्ते तोड़ना नहीं, बल्कि उन्हें नए ढंग से जीना है.
समाज में बदलाव की झलक
हालांकि, यह विचार अभी पूरी तरह mainstream नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है. लंबी उम्र, बदलते जेंडर रोल्स और व्यक्तिगत खुशी पर बढ़ता ज़ोर- ये सब कारण हैं कि लोग परंपरागत शादी के मॉडल पर सवाल उठा रहे हैं. जैसा कि सुगियामा कहती हैं कि Graduation (स्नातक होना) हमेशा अंत नहीं होता. यह एक नई शुरुआत हो सकती है.
लेकिन यह पुरुषों से ज्यादा महिलाओं के लिए अच्छा साबित हो रही है. SCMP की रिपोर्ट के अनुसार, टोक्यो के 60 वर्षीय टेत्सु यामादा ने यह का रास्ता चुना. वह अपने गांव जाकर शांत जीवन बिताना चाहते थे, लेकिन उनकी पत्नी केइको टोक्यो छोड़ने को तैयार नहीं थीं. पेंशन पर आराम से जीवन बिताने की सोच के साथ उन्होंने अकेले रहना शुरू किया, लेकिन उन्हें जल्दी ही अहसास हुआ कि खाना बनाना और सफाई जैसे काम करना उनके लिए मुश्किल है.
आज वे ज़्यादातर समय इंस्टेंट नूडल्स और फ्रोज़न सब्ज़ियों पर जी रहे हैं. वहीं, उनकी पत्नी केइको टोक्यो में बहुत अच्छा कर रही हैं. वह अपना हैंडमेड चीजों का बिजनेस कर रही हैं और सोशल लाइफ एन्जॉय करती हैं जो वह पहले नहीं कर पाईं.
मशहूर हस्तियों से बढ़ पॉपुलर ट्रेंड
2013 में जापानी कॉमेडियन अकीरा शिमिज़ु और उनकी पत्नी ने खुलकर बताया कि उन्होंने भी “Marriage Graduation” अपनाया है. उनकी किताब “Sotsukon, A New Form of Love” (प्यार का नया रूप) ने जोड़ों को यह समझाया कि शादी को नए तरीके से भी देखा जा सकता है. आज जापान में इस विषय पर सेमिनार और वर्कशॉप्स आम हो गए हैं, खासकर महिलाओं के बीच, जो अपने पतियों को इसके लिए मनाने की कोशिश करती हैं.
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