

ईरान-इजरायल की जंग में अमेरिका की एंट्री हो गई है. अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट पर हमला किया. अमेरिका के हमले से ये युद्ध और भयावह हो गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि हमारी वायु सेना ने ईरान पर सक्सेसफुल स्ट्राइक की. ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट फोर्डो, नातांज और इस्फाहान पर एयर स्ट्राइक की.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि हमने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स पर सक्सेसफुल अटैक किया. सभी प्लेन ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर आ गए हैं. सभी फाइटर जेट अपने एयरबेस पर वापस लौट रहे हैं. ट्रंप ने इसे शांति का समय बताया. राष्ट्रपति ने ये भी बताया कि उनका मुख्य टारगेट फोर्डो था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान पर हमला करने के लिए बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर का इस्तेमाल किया गया था. इसी बॉम्बर जेट से ईरान की न्यूक्लियर साइट पर हमला किया गया था. अमेरिका ने दावा किया है कि इस हमले में ईरान की न्यूक्तलियर साइट तबाह हो गई है. बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर के जरिए अमेरिका ने दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है.
ईरान पर हमला
अमेरिका ने शनिवार को बी-2 स्पिरिट जेट से ईरान पर हमला किया. ये बॉम्बर जेट अपने घातक हमले के लिए जाना जाता है. ये विमान बड़े से बड़े टारगेट को पूरा करते हैं. जमीन के अंदर गहराई में दबे हुए टारगेट को भी बी-2 स्पिरिट जेट निशाना बनाता है. शनिवार को हुए इस मिशन में अमेरिका ने GBU-57A/B का इस्तेमाल किया था.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 21, 2025
ईरान की न्यूक्लियर साइट पर बी-2 स्पिरिट जेट से 30 हजार पाउंड बंकर बस्टर बम से अटैक किया था. इस बम के वजन और साइज की वजह से बी-2 स्पिरिट बॉम्बर जेट एक बार में सिर्फ 1 या दो बम को अपने साथ ले जा सकता है. ईरान पर हुए हमले में कई सारे बी-2 स्पिरिट बॉम्बर जेट का इस्तेमाल किया गया था.
क्या है बी-2 स्पिरिट?
अमेरिका का बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर जेट अमेरिका का सबसे एडवांस विमान में से एक है. इसे अमेरिका ने दुनिया से छिपाकर बनाया गया है. इसे कोल्ड वॉर के दौरान नॉर्थरोप ग्रुप ने बनाया था. इस बॉम्बर जेट को दुश्मनों के इलाके में जाने के लिए डिजाइन किया गया था. सोवियत यूनियन के विघटन के साथ सिर्फ 21 ऐसे बाम्बर जेट तैयार किए गए थे.
अमेरिका के इस घातक फाइटर जेट का डिजाइन चमगादड़ पक्षी की तरह है. साथ में ये विमान रडार पर न आने वाले मटेरियल से बना होता है. इस वजह से आसमान में बी-2 अदृश्य-सा हो जाता है. इसका रडार क्रॉस सेक्सन एक छोटे पक्षी के बराबर जैसा होता है. रडार पर ये पक्षी की तरह दिखाई देता है. इस बॉम्बर जेट दो पायलट क्रू ऑपरेट करते हैं.
B-2 की कीमत और रेंज
टंकी फुल होने पर बी-2 एक बार में 11 हजार किमी. की रेंज से ज्यादा फ्लाई कर सकता है. ये जेट लॉन्ग रेंज मिशन के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. ये एयरक्रॉफ्ट पूरी दुनिया में कहीं भी जाने में सक्षम है. बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर जेट ने इससे पहले मिसौरी से अफगानिस्तान और लीबिया में कई ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है. इस बार बी-2 ने मिसौरी से ईरान तक की उड़ान भरी.
बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर जेट 40 हजार पाउंड वजनी बम को ले जाने की क्षमता रखता है. इसमें GBU-57A/B भी शामिल है. इसके अलावा बी-2 16 B83 एटम बम को ले जा सकता है. अमेरिका के इस खास बॉम्बर जेट की कीमत 2.1 बिलियन डॉलर है. ये दुनिया के सबसे महंगे एयरक्राफ्ट में से एक है. बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर जेट को बनाने में ही तगड़ा खर्चा नहीं होता है. इसको ऑपरेट करने में काफी पैसे खर्च होते हैं.
बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर जेट की फ्लाई पर हर घंटे 1.50 लाख डॉलर खर्च होते हैं. इसमें जेट का फ्यूल, रख-रखाव, क्रू की सैलरी और लॉजिस्टिक सपोर्ट शामिल होता है. बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर के मिशन में 50 हजार गैलन से ज्यादा जेट फ्यूल की खपत होती है. ये मिशन की दूरी पर निर्भर तरता है.बी-2 के एक मिशन में 60 हजार डॉलर खर्च होते हैं.