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दोस्ती पर भारी ट्रेड, जानिए क्यों रूस की मदद करने से कतरा रहा चीन  

अगर चीन के साथ अमेरिका का व्यापार देखें तो ये 50.26 लाख करोड़ रुपये है. इसके अलावा अगर चीन का ईयू के साथ व्यापार देखें तो ये 63.35 लाख करोड़ रुपये है. ऐसे में चीन नहीं चाहता है कि उसके संबंध अमेरिका या ईयू के साथ ख़राब हों. क्योंकि रूस से ज्यादा इसका व्यापार इन दोनों  के साथ होता है. अगर चीन रूस की तरफ जाता है तो चीन को आर्थिक तौर पर काफी नुक्सान हो सकता है.

China and America China and America
हाइलाइट्स
  • चीन नहीं कर रहा है किसी तरह की आर्थिक मदद  

  • 113 लाख करोड़ का कारोबार बचाने में लगा है चीन 

रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते युद्द ने यह क्लियर कर दिया है कि दुनिया का कौन सा देश किसके तरफ है. सभी देश रूस के राष्ट्रपति को रोकने के लिए अलग-अलग पैंतरे अपना रहे हैं. ऐसे में अमेरिका ने दूसरे देशों से कहा है कि वे रूस को किसी भी तरह की आर्थिक मदद न करें. ऐसे में अब चीन ने भी रूस को भेजे जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और विमानों के कलपुर्जों पर रोक लगा दी है.

113 लाख करोड़ का कारोबार बचाने में लगा है चीन 

द न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पहले रूस का यूक्रेन पर हमला करने के लिए साथ दे रहा था. वह उसके समर्थन में बयान दे रहा था. लेकिन अब चीन, रूस से एकदम अलग हो गया है. रूस का ‘दोस्त’ चीन अब अपने आर्थिक पक्ष तरजीह दे रहा है. दरअसल, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि चीन अमेरिका और यूरोपीय संघ से होने वाले 113 लाख करोड़ रुपये के कारोबार को बचाने में लगा हुआ है.

चीन नहीं कर रहा है किसी तरह की आर्थिक मदद  

गौरतलब है कि कुछ समय पहले अमेरिका ने चीन को चेताया था कि वह रूस को किसी भी तरह की सैन्य और आर्थिक मदद न दे. ऐसे में चीन ने एक प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए साफ़ कर दिया था कि न तो रूस की तरफ से कोई मदद मांगी जा रही है और न ही चीन की तरफ से कोई मदद उन्हें दी जा रही है. चीन के मंत्रालय ने, “ऐसा इरादा नहीं है” कहते हुए इस बात को खारिज कर दिया था.

किसके साथ है कितना व्यापार?

अब अगर दोनों देशों के जीडीपी की बात करें, तो चीन का जीडीपी रूस से 10 गुना ज्यादा है. वहीं अगर व्यापार की बात करें, तो रिपोर्ट के अनुसार, चीन और रूस के बीच करीब 11.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापर होता है. वहीं, अगर चीन के साथ अमेरिका का व्यापार देखें तो ये 50.26 लाख करोड़ रुपये है. इसके अलावा अगर चीन का ईयू के साथ व्यापार देखें तो ये 63.35 लाख करोड़ रुपये है. ऐसे में चीन नहीं चाहता है कि उसके संबंध अमेरिका या ईयू के साथ ख़राब हों. क्योंकि रूस से ज्यादा इसका व्यापार इन दोनों  के साथ होता है. अगर चीन रूस की तरफ जाता है तो चीन को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हो सकता है.