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India Namibia Trade: डायमंड्स... यूरेनियम और गैस-तेल.... जानिए भारत के लिए क्यों जरूरी है नामीबिया

पीएम मोदी ने नामीबिया के राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से रक्षा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, UPI, ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे यूरेनियम व कोबाल्ट में सहयोग पर चर्चा की.

Namibian President Dr Netumbo Nandi-Ndaitwah and PM Modi Namibian President Dr Netumbo Nandi-Ndaitwah and PM Modi

प्रधानमंत्री मोदी अपने आठ दिवसीय दौरे से लौट आए हैं. उन्होंने पांच देशों की यात्रा की. सबसे आखिर में वह नामीबिया गए थे. नामीबिया अफ्रीका का छोटा-सा देश है लेकिन भारत के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. पीएम मोदी ने नामीबिया के राष्ट्रपति  डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से रक्षा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, UPI, ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे यूरेनियम व कोबाल्ट में सहयोग पर चर्चा की. 

इसके अलावा, भारत और नामीबिया के बीच चार MoU साइन किए गए- उद्यमिता विकास केंद्र, स्वास्थ्य-चिकित्सा सहयोग, CDRI, और Global Biofuels Alliance में नामीबिया को शामिल करना. सबसे महत्वपूर्ण यह रहा है कि भारत का UPI अब नामीबिया में भी लॉन्च होगा. इसके लिए केंद्रीय बैंक एवं NPCI के बीच टेक समझौता भी हुआ है. 

भारत के लिए क्यों जरूरी है नामीबिया? 

भारत और नामीबिया के रिश्ते बहुत पुराने हैं. भारत–नामीबिया व्यापार 2023‑24 में लगभग 8.14 अरब डॉलर रहा, जिसमें खनिज, दवाएं, कृषि और तकनीकी सहयोग शामिल हैं. नामीबिया को अफ्रीका का 'सऊदी अरब' कहा जा रहा है, क्योंकि यहां तेल, गैस, यूरेनियम और दुर्लभ खनिजों का विशाल भंडार मौजूद है. 

भारत नामीबिया से क्या खरीदता है? 

  • खनिज और अयस्क: तांबा, कोबाल्ट और अन्य दुर्लभ खनिज, डायमंड्स और कीमती पत्थर
  • चमड़ा और पशु उत्पाद: कच्चा चमड़ा, मांस व पशुपालन उत्पाद 
  • चीते 

भारत नामीबिया को क्या बेचता है? 

  • दवाएं और हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स: जेनेरिक दवाएं, वैक्सीन्स, चिकित्सा उपकरण. भारत, नामीबिया का सबसे बड़ा फ़ार्मा आपूर्तिकर्ता है
  • इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स और मशीनरी: कृषि यंत्र, पानी की पंप मशीनें, ट्रैक्टर, इंडस्ट्रियल मशीनरी
  • ऑटोमोबाइल्स और टू‑व्हीलर्स: बजाज, टीवीएस जैसे ब्रांड के टू‑व्हीलर्स और थ्री‑व्हीलर्स
  • तकनीकी सेवाएं व डिजिटल समाधान: भारत अब UPI, डिजिटली इंफ्रास्ट्रक्चर, और साइबर सुरक्षा सेवाओं का निर्यात भी कर रहा है. 
  • खाद्य और कृषि उत्पाद: चावल, गेहूं, दालें, चाय, मसाले, और पैकेज्ड फूड

भारत और नामीबिया के बीच कुल व्यापार लगभग 8.14 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत से नामीबिया लगभग 5.6 अरब डॉलर का व्यापार होता है. और नामीबिया से भारत लगभग 2.5 अरब डॉलर का बिजनेस होता है. 

क्या नामीबिया से यूरेनियम खरीदेगा भारत?

नामीबिया दुनिया में यूरेनियम के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है. यह विश्व के कुल यूरेनियम उत्पादन का लगभग 8-12% हिस्सा उत्पादित करता है. आपको बता दें कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति के तहत बन रहे परमाणु रिएक्टरों को फ्यूल देने के लिए 2033 तक यूरेनियम आयात बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

भारत और नामीबिया के बीच 2009 में नागरिक परमाणु सहयोग पर एक समझौता हुआ था, जिसमें यूरेनियम की बिक्री भी शामिल थी. लेकिन वर्तमान में, भारत नामीबिया से कोई यूरेनियम आयात नहीं करता, क्योंकि नामीबिया अफ्रीकी शांति‑क्षेत्र संधि (Pelindaba Treaty) का सदस्य है, जो परमाणु‑सशस्त्र देशों को यूरेनियम निर्यात पर रोक लगाती है. लेकिन अब भारत नामीबिया से यूरेनियम आयात करने की तैयारी कर रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की नामीबिया यात्रा के दौरान इस पर चर्चा की गयी.

क्या शुरू होगा डायमंड्स का आयात?

नामीबिया दुनिया के सबसे समृद्ध समुद्री हीरा भंडारों के लिए जाना जाता है. इसका अनुमानित भंडार 8 करोड़ कैरेट से भी ज़्यादा है. लेकिन यह देश भारत को सीधे कच्चे हीरे नहीं बेचता. इसके बजाय, ये हीरे लंदन, एंटवर्प और अन्य ग्लोबल ट्रेड सेंटर्स के ज़रिए भारत तक पहुंचते हैं. ऐसे में, अब भारत-नामीबिया के बीच डायमंड्स की डायरेक्ट सप्लाई पर चर्चा की जा रही है. डायरेक्ट लेन-देन से लागत कम होगी और ट्रांसपेरेंसी ज्यादा रहेगी. इसके अलावा, नामीबिया में गैस और तेल भी मिले हैं तो भारत इस सेक्टर में भी आयात के बारे में सोच सकता है.