Jose Mujica
Jose Mujica जब बात राष्ट्रपति की आती है तो दिमाग में आलीशान घर, रॉयल जिंदगी, हर तरह की सुविधाओं की तस्वीर आती है. लेकिन आज बात दुनिया के सबसे गरीब राष्ट्रपति की हो रही है. दुनिया के सबसे गरीब राष्ट्रपतियों में शुमार उरुग्वे के राष्ट्रपति जोस मुइका ने 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. उनका निधन गले के कैंसर की वजह से हुआ. जोस मुइका की जीवन सादगी और विचारधारा की मिसाल थी. वो राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भी हमेशा लग्जरी लाइफ से दूर रहे. उनकी पहचान दुनिया के सबसे गरीब राष्ट्रपति के तौर पर थी.
गरीब परिवार में पैदा हुए थे जोस-
जोस मुइका का जन्म साल 1935 में एक गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता किसान थे. 20 साल की उम्र में ही उन्होंने सरकार विरोधी छापामार लड़ाके के रूप में काम करना शुरू कर दिया था. उरुग्वे में तानाशाही के दौरान उन्होंने गोरिल्ला वॉर का नेतृत्व किया और इस दौरान कई बार गिरफ्तार भी हुए.
6 महीने तक तार से बांधे गए थे हाथ-
तानाशाही का विरोध करने की वजह जोस मुइका को सालों जेल में बिताना पड़ा. वो 14 साल जेल में रहे. इसमें 10 साल कठोर एकांतवास में गुजारे. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि 6 महीने तक उनके हाथों को तार से बांधकर रखा गया था. उन्होंने जेल में 2 साल तक बिना बाथरूम के बिताया था.
उरुग्वे में डेमोक्रेसी लाने वाले लीडर-
जोस मुइका के अथक प्रयासों से ही उरुग्वे में लोकतंत्र की स्थापना हो सकी. साल 1985 में उरुग्वे में लोकतंत्र की बहाली हुई. उसके बाद उनको जेल से रिहा किया गया. उन्होंने एमपीपी पार्टी बनाई. साल 2010 में 50 फीसदी से अधिक वोटों से वे देश के राष्ट्रपति चुने गए और 5 साल तक इस पद पर रहे. लेकिन उन्होंने प्रेसिडेंशिएल पैलेस में रहने के बजाय साधारण जीवन जीना पसंद किया. उनका मानना था कि लग्जरी लाइफस्टाइल से राष्ट्रपति का जनता से मोहभंग हो जाता है.
जोस मुइका सादा कपड़ा पहनते थे और खेत में काम करते हुए भी दिखाई पड़ते थे. उनके पास एक पुरानी बीटल कार थी. उनके सिंपल तरीके से जीवन जीने की वजह से ही उन्हें दुनिया का सबसे गरीब राष्ट्रपति कहा जाने लगा. उनका जीवन और विचारधारा लोगों के लिए प्रेरणा है.
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