बोन फ्रैक्चर किसी भी इंसान के जीवन में एक बड़ी समस्या है. हड्डी टूटने पर इसे जुड़ने में डेढ़ से दो महीने का समय लगता है, जिससे व्यक्ति असहाय महसूस करता है. मल्टीपल फ्रैक्चर या हड्डी के डिस्लोकेट होने पर ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है, जिसमें मेटल इम्प्लांट का इस्तेमाल होता है. मेटल इम्प्लांट न केवल महंगा होता है, बल्कि मरीज को जीवन भर कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. इन परेशानियों के बीच चीन के एक ऑर्थोपेडिक सर्जन और उनकी टीम ने एक ऐसा ग्लू विकसित किया है, जिससे टूटी हुई हड्डी 2-3 मिनट में जुड़ जाएगी और मरीज तुरंत चलने-फिरने की स्थिति में भी आ जाएगा. यह ग्लू बायोडिग्रेडेबल है, जिसे मानव शरीर छह महीने के भीतर अवशोषित कर लेगा और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा. इस आविष्कार का आधार समुद्र में रहने वाले सीपों से मिला, जो प्राकृतिक ग्लू का उपयोग करके चट्टानों से चिपके रहते हैं. यह नई तकनीक बोन फ्रैक्चर के इलाज में एक बड़ी क्रांति साबित हो सकती है.