इजराइल और ईरान के बीच 12 दिनों की जंग के दौरान ट्रंप के फैसलों में विरोधाभास दिखा. 13 जून से पहले ईरान से परमाणु डील पर बातचीत कर रहे ट्रंप ने इजराइल के हमले का समर्थन किया, फिर अमेरिकी बॉम्बर से परमाणु ठिकानों पर बम बरसाए. एक बयान में कहा गया कि इस युद्ध से किसी को कुछ नहीं मिलने वाला इसलिए शांति होनी चाहिए. यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह सब ट्रंप को शांति का नोबेल पुरस्कार दिलाने के लिए एक फिक्स मैच था.